बठिंडा में बिजली की मांग के साथ शिकायतें भी बढ़ी, पावरकॉम के पास कर्मचारियों की भारी कमी
बठिंडा में गर्मी बढ़ने से बिजली की मांग बढ़ गई है जिससे आपूर्ति बाधित हो रही है। पावरकॉम को प्रतिदिन सैकड़ों शिकायतें मिल रही हैं लेकिन स्टाफ की कमी के कारण तुरंत समाधान नहीं हो पा रहा। लाइनमैन और मीटर रीडर जैसे पदों पर भारी कमी है जिससे कर्मचारियों पर दबाव बढ़ रहा है। पावरकॉम ने शिकायत दर्ज कराने के लिए विभिन्न विकल्प दिए हैं।
जागरण संवाददाता, बठिंडा। गर्मी बढ़ने के साथ ही जिले में बिजली की मांग भी बढ़ गई है। दूसरी ओर भीषण गर्मी के कारण लगातार बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है। बठिंडा में बिजली आपूर्ति को लेकर पावरकॉम को हर दिन 200 से 250 शिकायतें मिलती हैं, लेकिन बिजली आपूर्ति को दुरुस्त करने के लिए स्टाफ की भारी कमी है। यही कारण है कि कई घंटों तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हो पाती, जिसके कारण लोगों को लंबे समय तक बिजली कटौती झेलनी पड़ रही है।
पिछले कुछ दिनों में तूफान और आंधी के कारण लोगों को बिजली आपूर्ति के लिए 10 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। कारण यह था कि तेज हवाओं के कारण जिले में कई स्थानों पर बिजली आपूर्ति बाधित हो गई थी, लेकिन पावरकॉम के पास सभी स्थानों पर तुरंत बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए कर्मचारी नहीं थे।
स्थिति यह है कि बठिंडा में ही बिजली संबंधी कार्य और बिजली आपूर्ति सुधारने के क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों की भारी कमी है। बठिंडा में ऐसे कर्मचारियों के 452 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 197 पद रिक्त पड़े हैं। बिजली आपूर्ति को दुरुस्त करने में इंजीनियर लाइनमैन और सहायक लाइनमैन की सबसे बड़ी भूमिका मानी जाती है।
अगर गौर से देखा जाए तो बठिंडा में लाइनमैन के 139 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 69 पद खाली पड़े हैं। बठिंडा की बिजली आपूर्ति मात्र 70 लाइनमैनों के सहारे चल रही है। इसके अलावा सहायक लाइनमैन के 250 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 150 पद ही भरे हुए हैं और 100 पद खाली हैं। जबकि ट्रांसफार्मरों पर बिजली रिपेयर करने में लाइनमैन की सबसे बड़ी भूमिका होती है।
पावरकॉम के पास बठिंडा में कोई मीटर रीडर नहीं है, जिस कारण मीटर रीडिंग लेना मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा ग्रिड पर तैनात एसएसए के 4 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 3 पद रिक्त पड़े हैं। बठिंडा में ग्रिड केवल एक एसएस के सहारे चल रहा है।
इसके अलावा 7 आरटीएम पदों में से 4 रिक्त पड़े हैं, बठिंडा में मात्र तीन आरटीएम कार्यरत हैं। वहीं जूनियर इंजीनियर के 34 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 31 पद भरे जा चुके हैं। हालात यह हैं कि पावरकॉम कर्मचारियों को 8 घंटे की बजाय 16 घंटे काम करना पड़ रहा है, जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पावरकॉम कर्मचारियों का कहना है कि जब बिजली सप्लाई में खराबी आती है तो लोग विभाग में शिकायत दर्ज करवाते हैं, जिसके बाद पावरकॉम से उक्त लाइन का परमिट लेकर बिजली सप्लाई बंद कर दी जाती है, जिसके बाद खराबी का पता लगाकर उसे ठीक किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए कर्मचारियों की जरूरत है, लेकिन कर्मचारियों की भारी कमी है।
उन्होंने कहा कि पावरकॉम कर्मचारियों के साथ भी किसी न किसी कारणवश दुर्घटनाएं हो रही हैं, क्योंकि उनसे दोगुना काम लिया जा रहा है। कर्मचारियों ने कहा कि पावरकॉम स्थाई कर्मचारियों की भर्ती करने की बजाय इसे निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहा है। पावरकॉम के कार्यकारी अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग भी बढ़ गई है।
गर्मी के कारण बिजली गुल होने की शिकायतें बड़ी संख्या में आ रही हैं, लेकिन पावरकॉम के पास बेशक कर्मचारियों की कमी है, जिसके कारण बिजली आपूर्ति बहाल करने में काफी समय लगता है, लेकिन फिर भी वे रात में भी काम कर रहे हैं।
पावरकॉम की अपील
बिजली संबंधी शिकायत दर्ज करवाने के लिए फोन लाइन के व्यस्त होने की स्थिति में आटोमेटिक शिकायत दर्ज करवाने के लिए अपने पीएसपीसीएल रजिस्टर्ड मोबाइल से 1912 पर नो सप्लाई लिखकर मैसेज भेजें। अगर शिकायत के निपटारे से संतुष्ट नहीं है तो पीएसपीसीएल की मोबाइल ऐप या 1912 पर मैसेज कर सकते हैं।
शिकायत दर्ज करवाने के लिए मोबाइल ऐप के अलावा 1912 पर मैसेज, 18001801512 पर मिस काल व 9646101912 पर व्हाट्सएप या फिर 1912 पर फोन कर सकते हैं। इन दिनों बिजली बंद होने के बाद जब रिस्टोर होती है तो घरों में चल रहे एसी या अन्य हैवी लाइट लेने वाली चीजों के बटन को भी बंद कर देना चाहिए। क्योंकि जब लाइट आती है तो एसी ढाई गुणा बिजली लेता है, जो नुकसानदायक है।
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