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    बठिंडा: बाढ़ पीड़ितों के लिए 10 साल के गुरफतेह ने तोड़ी गुल्लक, दान किए लैपटॉप के लिए बचाए 5 हजार रुपये

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 02:59 PM (IST)

    बठिंडा के मलकाना गांव के 10 साल के गुरफतेह सिंह ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपनी गुल्लक तोड़ दी। गुरफतेह लैपटॉप खरीदने के लिए पैसे जमा कर रहा था लेकिन उसने ₹5000 बाढ़ पीड़ितों को दान कर दिए। खबरों और वीडियो से भावुक होकर गुरफतेह ने महसूस किया कि पीड़ितों को उसकी मदद की ज़्यादा ज़रूरत है।

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    10 साल के बच्चे ने गोलक तोड़कर फाड़कर बाढ़ पीड़ितों के दिए 5 हजार (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, बठिंडा। राज्य में बाढ़ के बाद वैसे तो कई लोग पीड़ितों की मदद में लगे हैं। लेकिन एक 10 साल के बच्चे ने अपनी गोलक में जमा किए 5 हजार रुपये बाढ़ पीड़ितों को दान करके एक अनूठी मिसाल कायम की है।

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    बठिंडा जिले के मलकाना गांव का पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाला 10 साल का बच्चा गुरफतेह सिंह पिछले कुछ समय से लैपटॉप खरीदने के लिए पैसे जुटा रहा था। जब भी कोई रिश्तेदार या बहन, भाई उसे रिवाज के अनुसार पैसे देते थे, तो वह उन पैसों को अपने गले में डाल लेता था।

    इस तरह वह उस लैपटॉप को खरीदने के लिए पिछले दो सालों से पैसे इकट्ठा कर रहा था। अब जब पंजाब में बाढ़ आई है, तो अखबारों में छपी खबरें और इंटरनेट मीडिया पर चल रहे वीडियो सभी के मन पर गहरा असर डाल रहे हैं।

    इसका असर गांव मलकाना के 10 साल के अमृतधारी बच्चे गुरफतेह सिंह के मन पर भी पड़ा, जिसने अपनी गोलक तोड़कर बाढ़ पीड़ितों के लिए 5 हजार रुपये दान कर दिए। बच्चे की मां करमजीत कौर ने बताया कि उनका बेटा गुरफतेह सिंह संस्कार स्कूल तलवंडी साबो में पांचवीं कक्षा में पढ़ता है।

    उन्होंने कहा कि बच्चा अमृतधारी होने के साथ-साथ शुरू से ही काफी भावुक रहा है। उन्होंने कहा कि अब जब पंजाब में बाढ़ आई है, तो कभी-कभी जब वह अपने मोबाइल फोन पर वीडियो देखता था, तो उसके बगल में बैठा गुरफतेह पंजाब में हुई तबाही की तस्वीरें देखकर भावुक हो जाता था और रोने लगता था।

    उन्होंने बताया कि दो दिन पहले, जब गांव के लोग बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए राशन इकट्ठा करने लगे, तो उन्होंने भी अपने बच्चे गुरफतेह से कहा कि हमें भी बाढ़ पीड़ितों की मदद करनी चाहिए।

    करमजीत कौर ने बताया कि इस दौरान गुरफतेह ने कहा कि आप बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जो करना है करें, लेकिन मैं भी बाढ़ पीड़ितों की मदद करना चाहता हूं। उसने कहा कि हालांकि मैं बाढ़ पीड़ितों की सेवा करने वहां नहीं जा सकता, लेकिन लैपटॉप के लिए जो पैसे मैंने बचाए थे, उन्हें बाढ़ पीड़ितों को दान करना चाहता हूं। उन्होंने बताया कि इसके बाद गुरफतेह और उसकी बहन ने फैसला किया कि वे गोलक तोड़कर उसमें से निकले पैसे बाढ़ पीड़ितों को दान करेंगे। इसी बीच, जब बाढ़ पीड़ितों के लिए राशन और अन्य सामान इकट्ठा कर रहे ग्रामीण उसके घर पहुंचे, तो गुरफतेह ने तुरंत अपनी गोलक लाकर लोगों के सामने तोड़ दिया और उसमें से निकले पांच हजार रुपये बाढ़ पीड़ितों के कल्याण के लिए दान कर दिए। गुरफतेह ने कहा कि लैपटॉप तो वह बाद में ले लेगा, लेकिन आज बाढ़ पीड़ितों को पैसे, राशन और अन्य सामान की उससे कहीं ज्यादा जरूरत है। उसकी मां करमजीत कौर ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद करके गुरफतेह को शांति मिली है। उक्त बच्चे ने कहा कि हर बच्चे को कुछ पैसे बचाने चाहिए और जरूरत पड़ने पर जरूरतमंदों की मदद के लिए देने चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि सभी बाढ़ पीड़ित गुरु की सलाह का पालन कर रहे हैं, लेकिन हर व्यक्ति को इस मुश्किल घड़ी में बाढ़ पीड़ितों का साथ देना चाहिए।

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    साहिल गर्ग

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