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    एडवोकेट को ऑनलाइन हाउस अरेस्ट कर 90 लाख रुपये की ठगी, नकली CBI अधिकारी बनकर लगाया चूना

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 02:49 PM (IST)

    बठिंडा में एक वकील को सीबीआई अधिकारी बनकर ठगों ने 90 लाख रुपये का चूना लगाया। उन्होंने वकील को घर में नजरबंद रखा और मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर पैसे ऐंठे। साइबर सेल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ठगों ने अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए और फर्जी दस्तावेज भी भेजे। वकील ने बेटी से पैसे मांगने पर घटना का खुलासा किया।

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    एडवोकेट को ऑनलाइन हाउस अरेस्ट करके की 90 लाख रुपये की ठगी

    जागरण संवाददाता, बठिंडा। सीबीआई अधिकारी बनकर एक एडवोकेट को ऑनलाइन हाउस अरेस्ट करके 90 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। उक्त फर्जी सीबीआई अधिकारियों ने एक सीनियर एडवोकेट को 14 दिन तक उसे घर में हाउस अरेस्ट रखा।

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    उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने की धमकी देकर उसके साथ ठगी की गई। फिलहाल थाना साइबर सैल पुलिस ने पीड़ित एडवोकेट की शिकायत पर अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।

    बठिंडा पुलिस में दर्ज करवाई शिकायत में सौ फीट रोड नजदीक दशमेश पब्लिक स्कूल निवासी एडवोकेट हरिंदर सिंह ने बताया कि बीती 19 अगस्त 2025 की सुबह जब वह अपने घर पर थे, तो उन्हें एक व्हाट्सएप नंबर से मैसेज आया। इसके तुरंत बाद, उक्त नंबर से एक व्हाट्सएप कॉल आया, जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति ने खुद को सीबीआई के एएसआई विजय खन्ना बताया और उसे कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के संबंध में उनके खिलाफ केस नंबर एमएच 5621/0425 दर्ज किया गया है, जिसकी जांच के दौरान यह पता चला है कि इस धोखाधड़ी में आपके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया है।

    नकली सीबीआई एएसआई ने कहा कि अब सीबीआई के उच्च अधिकारी उनसे वीडियो काल के जरिए पूछताछ करेंगे। पीड़ित एडवोकेट ने कहा कि इसके बाद उन्हें एक अन्य नंबर से एक वीडियो कॉल आया, जिसमें एक व्यक्ति एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की वर्दी में बैठा हुआ दिखाई दे रहा था। उक्त नकली सीबीआई अधिकारी ने एडवोकेट से उनका नाम और पता पूछा, फिर उन्हें अपने आधार कार्ड की एक प्रति भेजने के लिए कहा, जिस पर एडवोकेट ने उन्हें अपने आधार कार्ड की एक फोटो कॉपी भेज दी।

    इसके बाद उक्त व्यक्ति ने कहा कि आपके खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है, जिसमें सीबीआई आपको आपके घर में हाउस अरेस्ट करती है। फर्जी सीबीआई अधिकारी ने कहा कि जब तक हमारी जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक आप परिवार के किसी सदस्य या किसी भी व्यक्ति से बात नहीं कर पाएंगे। अगर ऐसा किया तो आपको आपके घर से गिरफ्तार कर लिया जाएगा, जिससे आपकी सामाजिक रूप से बेइज्जती होगी।

    पीड़ित एडवोकेट हरिंदर सिंह ने बताया कि 19 अगस्त 2025 से 25 अगस्त 2025 तक उक्त फर्जी सीबीआई अधिकारी उन्हें कई बार व्हाट्सएप और वीडियो कॉल के जरिए धमकाता रहा। 25 अगस्त को उक्त व्यक्ति ने वकील से बैंक बैलेंस, प्रॉपर्टी और अन्य कीमती सामान की जानकारी हासिल कर ली।

    इसके बाद उक्त व्यक्ति ने कहा कि उसे सिक्योरिटी के तौर पर 28 लाख रुपये ट्रांसफर करने होंगे। पीड़ित वकील ने बताया कि उन्होंने डर के मारे ऐसा करने के लिए उक्त व्यक्ति को अपनी सहमति दे दी, जिसने कहा कि अब सीबीआई अधिकारी आपसे बात करेंगी।

    इसके बाद एक अनजान लड़की ने उन्हें व्हाट्सएप पर कॉल किया और आईसीआईसीआई बैंक के खाते में 28 लाख रुपये ट्रांसफर करने को कहा। ठग इतना शातिर था कि खुद को सीबीआई अधिकारी बताने वाली उक्त लड़की ने डीसीपी साइबर के हस्ताक्षर से वकील को 28 लाख रुपये की रसीद भी भेजी। इसके बाद वकील को लगातार व्हाट्सएप और वीडियो कॉल के जरिए धमकाया गया, जिससे वह डरकर उक्त खातों में पैसे ट्रांसफर करता रहा।

    इसके बाद ठगों ने वकील को कोर्ट की फर्जी जमानत और सुप्रीम कोर्ट के फर्जी दस्तावेज भेजे। इस तरह ठगों ने वकील को 19 अगस्त 2025 से 1 सितंबर 2025 तक हाउस अरेस्ट रखा और अलग-अलग खातों में 90 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए।

    पीड़ित वकील हरिंदर सिंह ने 25 अगस्त 2025 को आईसीआई बैंक के खाते में 28 लाख रुपये ट्रांसफर किए। इसके बाद, ठगों द्वारा बताए गए सिंध बैंक के खाते में 27 अगस्त को 41 लाख रुपये जमा किए गए, जबकि अगले दिन 28 अगस्त को 5.5 लाख रुपये किसी अन्य बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए।

    इसके बाद, 29 अगस्त को वकील द्वारा आईसीआई बैंक के खाते में 4 लाख रुपये जमा किए गए और इसी दिन दो ट्रांजेक्शन के माध्यम से उसी खाते में 5.5 लाख रुपये और जमा किए गए। इसी प्रकार, 30 अगस्त 2025 को वकील ने अपने खाते से इंडियन ओवरसीज बैंक के खाते में 5 लाख रुपये ट्रांसफर किए, जबकि उसी दिन ठगों द्वारा बताए गए ओजैस बैंक खाते में 5 लाख रुपये ट्रांसफर किए। इस प्रकार, इन 14 दिनों में 90 लाख रुपये ठग लिए गए

    नकली सीबीआई अधिकारी वकील से अभी भी और पैसे मांग रहा था, लेकिन जब वकील ने अपनी बेटी से उधार पैसे मांगे, तो पूरी घटना का खुलासा हुआ। वकील हरिंदर सिंह ने इस मामले में अपनी बेटी अमनदीप कौर से बात की। जब वह अपने पति के साथ बठिंडा में अपने पिता के वकील के घर पहुंची, तो उसने उन्हें सीबीआई अधिकारियों के साथ हुई चैट दिखाई, जिसके बाद इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। इसके बाद वकील ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई।

    थाने की साइबर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर सुखवीर कौर ने बताया कि धोखाधड़ी करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

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