बठिंडा के जीदा में बम बनाने के मामले ने पकड़ा तूल, NIA कर सकती हैं जांत; अंतरराज्यीय गिरोहों के शामिल होने की आशंका
बठिंडा के जीदा गांव में बम बनाने का मामला सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और यह मामला एनआईए को सौंपा जा सकता है। पुलिस जांच में कई अहम सुराग मिले हैं जिनसे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। आरोपी ने रसायन ऑनलाइन मंगवाए थे और पूछताछ में अंतरराज्यीय गिरोहों से संबंध होने की आशंका है।

गुरप्रेम लहरी, बठिंडा। बठिंडा ज़िले के गांव जीदा में हाल ही में सामने आए बम बनाने के मामले ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। पुलिस जांच में कई अहम सुराग हाथ लगने के बाद अब यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपा जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, चूंकि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकी गतिविधियों से जुड़ सकता है, इसलिए इसे एनआईए जैसी केंद्रीय एजेंसी के पास भेजना ही उचित माना जा रहा है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले गांव जीदा के एक घर में बम बनाने का प्रयास पकड़ा गया था। इस घटना ने स्थानीय लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया था। पुलिस ने मौके से कई तरह के विस्फोटक पदार्थ, रसायन और उपकरण बरामद किए थे। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया कि आरोपित ने केमिकल राजस्थान के जोधपुर से आनलाइन माध्यम से मंगवाए थे। मामले में गिरफ्तार आरोपित गुरप्रीत को पुलिस पहले ही रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं जिनका संबंध अंतरराज्यीय गिरोहों से जुड़ सकता है। यही कारण है कि इस केस को एनआईए के हवाले करने पर विचार किया जा रहा है। यदि यह मामला एनआईए को सौंपा जाता है, तो जांच का दायरा पंजाब ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों और अंतरराष्ट्रीय लिंक तक भी फैल सकता है।
जिला प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां लगातार गांव और आसपास के इलाकों में चौकसी बढ़ा रही हैं। सेना और बम निरोधक दस्ते ने केमिकल्स को नष्ट करने के बाद घर को सुरक्षित घोषित कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद जांच एजेंसियां किसी भी जोखिम को नज़रअंदाज़ नहीं कर रही हैं। एनआईए के पास मामला जाने से जांच और भी गहराई से हो सकेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि पंजाब में पिछले कुछ वर्षों से बार-बार विस्फोटक और हथियार मिलने की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ही सुरक्षा मामलों में किसी तरह की चूक नहीं चाहतीं। एनआईए के पास जाने पर न सिर्फ मामले की तकनीकी जांच बेहतर होगी, बल्कि इसके पीछे छिपे नेटवर्क को भी उजागर करने में आसानी होगी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल जांच जारी है और केंद्रीय एजेंसियों से भी लगातार संपर्क किया जा रहा है। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में इस केस के एनआईए को सौंपने पर अंतिम फैसला हो जाएगा। जीदा बम मामला केवल एक गांव या ज़िले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौती बन सकता है। यही वजह है कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इसे बेहद गंभीरता से ले रही हैं। यदि एनआईए इस केस को संभालती है तो आने वाले समय में इस मामले के और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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