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    पंजाब में अब तक नहीं हुए टेंडर, राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले हुआ था काम अलॉट

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 01 Aug 2019 12:38 AM (IST)

    बठिडा से अजमेर तक बनने वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क अथॉरिटी सर्वे तो कर चुकी है लेकिन अभी तक इसका पंजाब व हरियाणा में निर्माण की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है।

    पंजाब में अब तक नहीं हुए टेंडर, राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले हुआ था काम अलॉट

    बठिडा-अजमेर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस हाईवे

    -- पंजाब से निकलने वाली रोड हरियाणा से भी होकर गुजरेगी, इसके लिए राजस्थान को बनाया गया नोडल स्टेट

    -- केंद्र सरकार के भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनाया जाना है ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस हाईवे

    -478 किलोमीटर रह जाएगी बठिडा से अजमेर की दूरी

    -सालासर की दूरी भी 339 किलोमीटर से कम होकर 300 रह जाएगी साहिल गर्ग, बठिडा

    बठिडा से अजमेर तक बनने वाले ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क अथॉरिटी सर्वे तो कर चुकी है, लेकिन अभी तक इसका पंजाब व हरियाणा में निर्माण की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। जबकि राजस्थान में दिसंबर माह में हुए विधानसभा चुनावों को देखते हुए वहां पर इसका सियासी फायदा लेने के मकसद से चुनावों से पहले टेंडर जारी कर दिए थे। लेकिन पंजाब को अभी तक इस प्रोजेक्ट में अनदेखा किया गया है। इस प्राजेक्ट में राजस्थान को ही नोडल स्टेट बनाया गया है। वहीं 31 हजार करोड़ की लागत से बनने वाले एक्सप्रेस-वे निर्माण से बठिडा से अजमेर की दूरी 530 से कम होकर 478 किलोमीटर रह जाएगी। साथ ही सालासर जाने वाले श्रद्धालुओं को भी रोड बनने के बाद काफी राहत मिलेगी, क्योंकि इसके साथ सालासर की दूरी भी 339 किलोमीटर से कम होकर 300 रह जाएगी। इसके अलावा राजस्थान के किशनगढ़ से मार्बल लेकर आने में भी आसानी होगी। रोड का तकरीबन 75 फीसदी हिस्सा राजस्थान में होने के कारण नोडल स्टेट भी राजस्थान है।

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    वहीं, बठिडा के एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मंगला ने बताया कि इसके बारे में अभी कोई स्थिति क्लियर नहीं है, जैसे आदेश आएंगे उसके हिसाब से पंजाब में काम होगा। राजस्थान में शुरू हुआ काम

    राजस्थान की जनता को अजमेर-जालंधर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की सौगात जल्द मिलने की उम्मीद बंध गई है। नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया ने अजमेर के किशनगढ़ से हनुमानगढ़ बॉर्डर तक बनने वाले इस एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है। यह एक्सप्रेस वे चार जिलों अजमेर, नागौर, चूरू और हनुमानगढ़ से निकलेगा। इसके लिए चार हजार हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी। गौरतलब है कि अजमेर से जालंधर तक वर्तमान में सड़क मार्ग से दूरी 800 किमी से ज्यादा है, लेकिन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे की वजह से इसमें 50 किमी से अधिक की कमी आ सकती है। जबकि इसका निर्माण होने से पंजाब के जालंधर व अमृतसर से अजमेर तक सीधे सड़क फोरलेन हो जाएगी। मगर पंजाब में अभी तक टेंडर लगना तो दूर जमीन एक्वायर का काम भी नहीं शुरू हुआ।

    यहां से निकलेगा एक्सप्रेस हाईवे

    बठिडा-श्री अमृतसर साहिब रोड पर आते गांव हररायपुर से शुरुआत होगी, जो आगे महमा से होते हुए मुक्तसर सड़क को क्रॉस कर बल्लूआना से होकर मलोट रोड से गुजरेगा। इसके तहत सब डिवीजन बठिडा के गांव चुघे कलां, चुघे खुर्द, त्योना, घुद्दा, मुहाला, जस्सी बाग वाली व चक्क रुलदू सिंह वाला को बीच में लिया जाएगा। इसे लेकर राष्ट्रीय सड़क अथारिटी की तरफ से सर्वे किया गया है। इसके तहत किसानों की जमीनों को एक्वायर करने की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, 478 किलोमीटर लंबी रोड में पंजाब में 53, हरियाणा में 66 और राजस्थान में 359 किलोमीटर का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा रोड से 3 राज्यों के मुख्य शहरों को जोड़ने के लिए 24 लिक भी बनाए जाएंगे, जिसमें से 6 का नया निर्माण किया जाएगा। यह हाईवे ट्रैफिक के हिसाब से फोर लेन या सिक्स लेन होगा। इनको होगा फायदा

    -- कारोबारियों का जल्द पहुंचेगा माल

    पंजाब के कारोबारियों को सुविधा देने के लिए एक्सप्रेस हाईवे का निर्माण करवाया जा रहा है। इसके तहत पंजाब से अन्य राज्यों में जाने वाला माल ट्रकों द्वारा कई-कई दिन लग जाते हैं, अब एक्सप्रेस हाईवे बनने के साथ बहुत ही कम समय में पहुंच जाएंगे।

    लोगों का बचेगा समय

    एक्सप्रेस हाईवे का निर्माण होने से समय की काफी बचत होगी। आम तौर पर देखा जाता है कि हाईवे रोड पर कहीं से भी कोई अपने वाहन को मेन रोड पर चढ़ा देते हैं, लेकिन इसमें खास यह रहता है कि इसमें बनने वाले एक्सेस प्वाइंट पूरी तरह से कंट्रोल रहेंगे। अगर किसी शहर से हाईवे को निकालना है तो वहां पर एलीवेटर रोड के द्वारा ट्रैफिक को शहर से बाहर निकाला जाएगा या फिर किसी छोटे शहरों से गांवों के ऊपर पुल बनाए जाएंगे। इसके साथ कॉरिडोर पर ट्रैफिक बढ़ जाएगा, वहीं कार्गो व्हीकल्स के मूवमेंट में लगने वाला समय कम हो जाएगा।

    बठिडा-कांडला के लिए भी बनेगा एक्सप्रेस-वे

    भारत में पांच ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस की पहचान की गई है। इसमें बठिडा-अजमेर के अलावा बठिडा-कांडला, रायपुर-बिशाखापटनम, चेन्नई-सेलम व अंबाला-कठपुतली शामिल है। बठिडा से कांडला का रास्ता राजस्थान में हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर और सांचोर से होकर गुजरेगा, जिसकी वर्तमान दूरी 1,100 किलोमीटर है। मगर इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह दूरी 900 किमी तक पहुंच जाएगी। प्रोजेक्ट की बड़ी जानकारियां

    फोरलेन एक्सप्रेस वे के लिए करीब 70 मीटर चौड़ाई और 452 किलोमीटर लंबे हिस्से में जमीन की आवश्यकता होगी। राजमार्ग पर बनने वाले समस्त जंक्शन को मिलाकर 4000 जमीन एक्वायर करनी होगी। इसके अलावा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे मतलब, एकदम नया हाईवे और फोर लेन का सीधा रूट होगा। जहां पर प्रति किमी औसतन 20 करोड़ यानी नौ हजार करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है।

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    हाईवे पर इन शहरों के जुडेंगे लिक

    शहर दूरी

    मलोट 32 किमी

    सिरसा 18 किमी

    हनुमानगढ़ 60 किमी

    चुरू 17 किमी

    सालासर 7 किमी

    सीकर 31 किमी

    डीडवाना 12 किमी

    कट्चमैन 6 किमी

    परबतसर 5 किमी

    पुष्कर 4 किमी

    किशनगढ़ 38 किमी

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