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    बठिंडा में फर्जी तरीके से गाड़ियों की RC बनाने के मामले में दो गिरफ्तार, विजिलेंस ने RTO दफ्तर में की बड़ी कार्रवाई

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 11:14 PM (IST)

    बठिंडा आरटीओ दफ्तर में विजिलेंस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक क्लर्क और उसके साथी को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी डिस्पोजल जीपों की फर्जी आरसी बनाने के मामले में हुई है। विजिलेंस पिछले पांच महीनों से इस मामले की जांच कर रही थी। जांच में पता चला कि कुछ लोगों की मिलीभगत से डिस्पोजल जीपों को तैयार कर उनकी आरसी बनाई गई थी।

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    बठिंडा में फर्जी तरीके से गाड़ियों की RC बनाने के मामले में दो गिरफ्तार (File Photo)

    जागरण संवाददाता, बठिंडा। विजिलेंस की ओर से बुधवार को बठिंडा के आरटीओ दफ्तर के एक क्लर्क समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दूसरा व्यक्ति फरीदकोट का बताया जा रहा है। आरटीओ दफ्तर में कुछ लोगों की मिलीभगत से डिस्पोजल जीपों को तैयार कर उनकी आरसी बनाई गई थी। इस मामले में विजिलेंस ने जांच करते हुए अब कार्रवाई की है।

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    हालांकि. इस मामले में बीते 5 महीनों से जांच चल रही थी, जिसके बाद अब विजिलेंस में पुख्ता सबूत इकट्ठा करते हुए क्लर्क व उसके साथी को गिरफ्तार किया है।

    पांच जीपें भी की गई बरामद

    इससे पहले अप्रैल माह के दौरान बठिंडा के आरटीओ दफ्तर में विजिलेंस ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी तरीके से डिस्पोजल गाड़ियों की आरसी तैयार करने के मामले में केस दर्ज किया था।

    इस कार्रवाई के दौरान रिकॉर्ड में हेराफेरी के संकेत मिले थे। विभाग की ओर से डबवाली से 5 जीपें भी बरामद की थी, जिन्हें मॉडीफाई किया गया था व उन सभी पर बठिंडा के नंबर लगाए गए थे।

    उक्त जीपें गुजरात से लाई जाती थीं व फर्जीवाड़ा करके उन पर बठिंडा के नंबर लगा दिए जाते थे। जांच के दौरान पता चला कि पांच डिस्पोजल गाड़ियों की आरसी को फर्जी तरीके से रिकॉर्ड में चढ़ाया गया था।

    डबवाली में बेची जानी थीं गाड़ियां

    इस मामले में दो व्यक्तियों नवीन कुमार और इंद्रजीत सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, जिन्होंने फर्जी एड्रेस देकर बठिंडा से एनओसी प्राप्त की थी। जांच में यह भी सामने आया था कि ये गाड़ियां डबवाली क्षेत्र में बेची जानी थीं, जहां बठिंडा नंबर की गाडियों की भरमार देखी जाती है।

    विजिलेंस टीम ने इसके बाद इस बात की जांच की कि आरसी बनाने की प्रक्रिया में आरटीओ दफ्तर के किन-किन कर्मचारियों की भूमिका रही। इस पूरे फर्जीवाड़े में किसी अंदरूनी मिलीभगत की आशंका जताई जा रही थी। विजिलेंस ने कुछ रिकॉर्ड को कब्जे में लेकर गहराई से जांच की। जिसके बाद अब एक क्लर्क को गिरफ्तार किया गया है।

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