बठिंडा पंचायत ने बाहरी राज्यों के लोगों के रहने पर लगाई रोक, CM मान ने कहा- किसी को आने से रोक नहीं सकते
बठिंडा के गांव गहरी देवी नगर पंचायत ने बाहरी राज्यों से आकर रहने वाले लोगों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है। इस प्रस्ताव के अनुसार अब बाहरी राज्यों के लोगों को गांव में रहने की अनुमति नहीं होगी न ही वोटर या आधार कार्ड बनेगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है।

जागरण संवाददाता, बठिंडा। गांव गहरी देवी नगर पंचायत ने बाहरी राज्यों से आकर रह रहे लोगों के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया है। इस प्रस्ताव के अनुसार अब बाहरी राज्यों से आए लोगों को गांव में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। न किसी का वोटर व आधार कार्ड बनेगा और न ही गांव का कोई व्यक्ति किराये पर कमरा देगा।
पंचायत ने यह निर्णय होशियारपुर में एक बच्चे के अपहरण और हत्या की घटना के बाद लिया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। होशियारपुर की 11 पंचायतों ने भी इसी तरह के प्रस्ताव पारित किए हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ में प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान इन प्रस्तावों पर आपत्ति जताई है।
उन्होंने कहा कि हम देश के किसी भी नागरिक को आने से रोक नहीं सकते, क्योंकि पंजाबी भी अन्य राज्यों में रहते हैं। यदि ऐसा होने लगा तो अन्य राज्यों के लोग भी कहेंगे कि वापस जाओ। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी ने अपराध किया है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी, लेकिन इसकी आड़ में किसी को कानून तोड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
अगर किसी ने माहौल खराब करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बठिंडा के डीसी ने भी प्रस्ताव पर कड़ा संज्ञान लिया है। गांव गहरी देवी नगर पंचायत ने प्रस्ताव में यह भी कहा है कि गांव का कोई व्यक्ति दूसरे राज्यों के श्रमिकों को अपना घर या जमीन नहीं देगा।
न ही कोई श्रमिक गांव में जमीन या घर खरीद सकेगा। यदि अन्य राज्य का कोई व्यक्ति गांव में रहना चाहता है, तो उसे खेत में बने कमरों में रहना होगा और पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य होगी। सरपंच बलजीत सिंह के नेतृत्व में पारित प्रस्ताव का किसान संगठनों बीकेयू उगराहां और बीकेयू सिद्धूपुर ने भी समर्थन किया है।
डीसी ने कहा, पंचायतें संविधान से ऊपर नहीं
डिप्टी कमिश्नर राजेश धीमान ने कहा कि अभी तक मेरे पास पारित किए गए प्रस्ताव की प्रति तो नहीं आई, लेकिन कोई भी पंचायत संविधान से बाहर नहीं जा सकती। संविधान बाहरी राज्यों के लोगों के लिए भी वही है और पंजाब के लोगों के लिए भी।
संविधान के अनुसार वोट और आधार कार्ड बनाने का प्रविधान है। उसे कोई नहीं रोक सकता। जहां तक घरों में न ठहराने का मामला है तो यह लोगों को देखना है कि उनके ठहरने का प्रबंध कहां करना है।
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