बठिंडा बम धमाका मामला: विस्फोटक नष्ट करने में आ रही परेशानी, जांच के लिए पहुंची NIA की टीम
बठिंडा के जीदा में बम बनाने के मामले में एनआईए ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने सेना को भी जांच के लिए लिखा है। बम निरोधक दस्ता केमिकल्स नष्ट करने में लगा है पर रोबोट के क्षतिग्रस्त होने से बाधा आ रही है। धमाके में गुरप्रीत और उसके पिता घायल हुए थे जिसके बाद अस्पताल ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

गुरप्रेम लहरी, बठिंडा। जीदा में बम बनाने के मामले में जांच के लिए एनआईए की टीम भी बठिंडा पहुंच गई है और उसने जांच शुरु कर दी है वहीं जिला पुलिस द्वारा सेना को भी बम की जांच के लिए पत्र लिखा है।
पहले से ही इस मामले में बठिंडा पुलिस के अलावा, बम विरोधी दस्ता बठिंडा,पीएपी जालंधर, सीआईए, आईबी,कांउटर एटैंलीजैंस मामले की जांच में जुटी हुई हैं। अभी सभी एजेंसियों के हाथ खाली हैं जबकि बम विरोधी दस्ते आरोपित के घर में मौजूद केमिकलों को नष्ट करने में पिछले पांच दिनों से लगे हुए हैं।
अभी तक घर में मौजूद केमिकल को नष्ट नहीं किया जा सका है। केमिकल को नष्ट करते समय हुए धमाकों के कारण केमिकल को नष्ट करने वाला रोबोट भी डैमेज हो गया है। इसको मरम्मत के लिए भेजा गया है। इस कारण भी केमिकल को नष्ट करने में बाधा पड़ रही है।
बठिंडा के गांव जीदा में दस सितंबर को उस समय धमाका हुआ था जब आरोपित गुरप्रीत सिंह केमिकलों से बम बनाने में लगा हुआ था। परिवार द्वारा इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी गई बल्कि घायल गुरप्रीत को अस्पताल में दाखिल करा दिया था।
वहीं दूसरा धमाका उस समय हुआ जब आरोपित गुरप्रीत का पिता केमिकलों को कमरे से हटाने के लिए घर गया था। केमिकलों को हटाते समय हुए धमाके में आरोपित गुरप्रीत का पिता जगतार सिंह भी घायल हो गया था।
घायल गुरप्रीत के उपचार के दौरान अस्पताल ने पुलिस को रुक्का भेज कर सूचना दी कि उनके पास एक जले हुए व्यक्ति का केस आया है। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरु की थी,जो अभी तक जारी है।
रोबोट भी हुआ डैमेज
आरोपित गुरप्रीत के घर में केमिकलों को नष्ट करना पुलिस के जवानों के लिए खतरे से खाली नहीं था। इस कारण पीएपी जालंधर से एक विशेष दस्ता बुलाया गया थ जिसने रोबोट से केमिकलों को नष्ट करने का काम शुरु किया था। लेकिन केमिकलों को नष्ट करते समय हुए धमाकों से रोबोट भी डैमेज भी हो गया। जिस कारण उसको मरम्मत के लिए भेजा गया है और इसके चलते केमिकलों को नष्ट करने में बाधा डल गया है।
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