पंजाब के बठिंडा में वर्दी में किसानों के धरने में पहुंच गया सेना का जवान, लगाए नारे, विवादों में घिरा
पंजाब के बठिंडा में एक फौजी जवान किसानों के आंदोलन में शामिल होने पहुंच गया। उसने वर्दी पहनी हुई थी। छुट्टी पर आए इस जवान के किसान आंदोलन में भाग लेने से वह विवादों में घिर गया है।

जेएनएन, बठिंडा। बठिंडा में किसान यूनियनों की ओर से किए गए प्रदर्शन में शामिल हुआ सेना का एक जवान विवादों को जन्म दे गया है। वह सेना की वर्दी में धरने में शामिल हुआ, जहां पर मंच से एक स्लोगन भी अपने हाथ में पकड़ कर नारे लगाए। वहीं, शहर में निकाले गए रोष मार्च में भी शामिल हुआ।
धरने में शामिल हुए फौजी ने हाथ में स्लोगन पकड़ा। जिसमें लिखा था, "मैं एक किसान का बेटा हूं, अगर उसके पिता आतंकवादी हैंं तो वह भी आतंकवादी है।" इस रोष मार्च में सबसे आगे चल रहा सेना का जवान धरने में मंच पर खड़े होकर हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था। हालांकि वह यह संदेश देना चाहता था कि किसान खेती कानून से खुश नहीं है, मगर सेना की वर्दी में धरने में शामिल होना, उसके लिए कई प्रकार के सवाल खड़े कर गया है।
फौजी बठिंडा जिले के गांव घुद्दा का रहने वाला है, जिसकी तैनाती अभी लद्दाख में है। वह फिलहाल छुट्टियों पर आया हुआ था, जो धरने में शामिल हो गया। दूसरी तरफ जिला सैनिक भलाई अफसर दलजीत सिंह ने बताया कि कोई भी सेना का जवान ऐसे धरनों में शामिल नहीं हो सकता।
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