बठिंडा में डेंगू के बाद चिकनगुनिया की दस्तक, 42 मरीज मिलने से मचा हड़कंप
बठिंडा जिले में डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग चिंतित है। डेंगू के 214 और चिकनगुनिया के 42 मामले सामने आए हैं। प्रभावित क्षेत्रों को हॉट स्पॉट घोषित किया गया है, जहाँ नियमित फागिंग और लार्वा विरोधी गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं। लोगों को जागरूक किया जा रहा है और उल्लंघन करने वालों पर चालान किया जा रहा है।
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बठिंडा में डेंगू के बाद चिकनगुनिया की दस्तक। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, बठिंडा। जिले में डेंगू के साथ चिकनगुनिया ने भी दस्तक दे दी है। बठिंडा जिले में शुक्रवार को तक डेंगू के 214 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं चिकनगुनिया के 42 मरीज सामने आ गया है। डेंगू के लगातार बढ़ रहे मामलों व चिकनगुनिया की दस्तक ने जिला प्रशासन व सेहत विभाग के लिए परेशानी खड़ी कर दी है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने उन क्षेत्रों को चिह्नित किया जहां से डेंगू के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने अब बठिंडा जिले में कई क्षेत्रों को डेंगू के लिहाज से हाट स्पॉट घोषित कर दिया है। विभाग ने नगर निगम को इन इलाकों में नियमित फागिंग करने को कहा है, चूकिं डेंगू और चिकनगुनिया वायरस एक साथ भी फैल सकते हैं, जिससे संक्रमण बढ़ रहा है।
दोनों वायरस के सह-संक्रमण के मामले भी सामने आए हैं, और प्रभावित रोगियों में बुखार और चकत्ते जैसे लक्षण देखे गए हैं। इसी बीच स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिविल सर्जन डा. तपिंदरजोत के निर्देशों और जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. उषा गोयल के नेतृत्व में जिले भर में डेंगू विरोधी गतिविधियां की गईं।
इस दौरान एंटी-लारवा टीमों द्वारा विभिन्न प्रकार के कंटेनरों जैसे कूलर, टायर, टूटी बाल्टियां-प्लास्टिक के डिब्बे, डिस्पोजेबल कप-प्लेटें, फ्रिज के पीछे की ट्रे, मिट्टी के गमले तथा जानवरों-पक्षियों के पानी पीने वाले बर्तनों आदि में मच्छरों के लारवा की जांच की गई। जहां पानी जमा मिला, वहां पानी निकाल दिया गया और जहां पानी निकालना संभव नहीं था, वहां लार्वीसाइड का छिड़काव किया गया।
आज की जांच के दौरान शहर में सर्वेक्षण टीमों ने घरों आदि की जांच की, जिनमें से कई स्थानों पर मच्छरों के लारवा पाए गए। टीमों द्वारा इन स्थानों पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पानी निकाला गया और लार्वीसाइड का छिड़काव किया गया। साथ ही चालान की कार्रवाई भी की जा रही है, ताकि लोगों को जिम्मेदारी से डेंगू रोकथाम के नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जा सके।
इस दौरान लोगों को जागरूक किया गया कि वे अपने घरों, स्कूलों और कार्यालयों में खाली बर्तनों या पानी जमा होने वाले स्थानों का सप्ताह में कम से कम एक बार पानी निकालकर स्थान को साफ और सूखा रखें। एडीज मच्छर, जो डेंगू और चिकनगुनिया फैलाता है, प्रायः साफ पानी में ही पनपता है, इसलिए पानी संग्रहित करने वाले बर्तनों की सफाई सबसे प्रभावी रोकथामी उपाय है।
सिविल सर्जन डा. तपिंदरजोत ने बताया कि जिले से लगातार डेंगू के मामले आ रहे थे। शुक्रवार तक डेंगू के 214 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं चिकनगुनिया के 42 मरीज मिल चुके है,इसलिए उन इलाकों को हाट स्पॉट घोषित कर दिया और वहां पर चेकिंग के साथ साथ जागरूक भी किया जाएगा।
डेंगू नियंत्रण के लिए सर्वे टीमों को फील्ड में उतरकर काम कर रही हैं। सर्वे टीमें हॉट स्पॉट एरिया में घर-घर जाकर कंटेनर, कूलर, गमलों और टंकियों की जांच कर रही, जहां लार्वा मिलेगा उनका चालान किया जा रहा। उन्होंने कहा कि इस सीजन में सचेत रहने की जरूरत हे। कहीं पर भी लार्वा न पनपने दें।

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