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दे दाम, शत्रु का कर दूंगा काम तमाम

By Edited By: Published: Tue, 01 May 2012 01:04 AM (IST)Updated: Tue, 01 May 2012 01:05 AM (IST)

कामन इंट्रो : ठगी का अड्डा खोल बैठे तांत्रिक छिटपुट पूजा-पाठ के जरिए समस्याओं का समाधान ही नहीं बल्कि 'हत्या' की सुपारी लेने तक से गुरेज नहीं करते। दुश्मन से छुटकारा दिलाने के नाम पर ठग तांत्रिक उसे रास्ते से हटाने का पूरा दावा करते हैं। इसके एवज में वह पूजा के बहाने मोटी रकम ऐंठते हैं। इसके बाद दुश्मन से छुटकारा मिले या न मिले लेकिन तांत्रिक खुद यहां से 'बोरिया-बिस्तर' समेटकर 'रफूचक्कर' होने में थोड़ी भी देर नहीं लगाते ताकि दुश्मन से 'छुटकारे' की आस में आए शख्स से रुपये ऐंठने के बाद वह इनसे छुटकारा पा सकें। आखिर क्या है यह पूरा गोरखधंधा, कैसे दिया जाता है इसको अंजाम, इसकी पड़ताल के लिए 'दैनिक जागरण' पहुंचा जीटी रोड पर ठगी का अड्डा खोल बैठे तांत्रिक के पास....

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मनीष शर्मा, बठिंडा : तांत्रिक की 'दुकान' पर पहुंचने पर सबसे पहले रिसेप्शन में बैठी लड़की से हमारा सामना हुआ। उसने पहले काम के बारे में पूछा। हमने उसे बताया कि दुश्मन से छुटकारा पाना है। यह देख रिसेप्शन वाली लड़की मुस्कुराई और कहा कि बाबा से मिलने की फीस 251 रुपये है। हमने जेब से रुपये निकालकर उसे थमा दिए और उसने एक कागज में नाम लिखकर अंदर बाबा को पकड़ा दिया। थोड़ी देर बाद तांत्रिक ने हमे अंदर बुला लिया, फिर शुरू हो गई दुश्मन से छुटकारे के लिए तांत्रिक की रोचक तरीके व चतुराई से सौदेबाजी की कोशिश....

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तां- क्या समस्या है?

सं.- एक व्यक्ति बड़ी परेशानी खड़ी कर रहा है।

तां- कौन है वो और क्या परेशानी?

सं.- है तो जान-पहचान का, लेकिन चैन से जीने नहीं दे रहा।

तां- क्या करता है?

सं.- हर जगह नुकसान कर रहा है, बदनामी भी अलग से, बिजनेस व घर बर्बाद कर रख दिया है उसने।

तां- फिर तो तुम्हें ऐसे दुश्मन से छुटकारा चाहिए?

सं.- बिल्कुल, तभी तो आए हैं।

तां- पहले किसी के पास गए, मेरा मतलब किसी दूसरे तांत्रिक के पास?

सं.- नहीं,

तां- अच्छा किया, यहां कई फरेबी बैठे हैं, पैसा ऐंठकर भी काम नहीं करते।

सं.- फिर कैसे मिलेगा इस दुश्मन से छुटकारा?

तां- देखो उसके दो तरीके हैं, काला इल्म और मुठकरनी।

सं.- हमें तो छुटकारा चाहिए, चाहे जैसे मर्जी करो।

तां- ठीक है, लेकिन खर्चा थोड़ा ज्यादा आएगा, मेरा नहीं पूजा का।

सं.- कितना?

तां- काले इल्म से 21 हजार रुपये लगेंगे।

सं.- क्या होगा इसमें?

तां- काले इल्म में खास पूजा करनी होगी, जिससे दुश्मन को रास्ते से हटा दूंगा।

सं.- कोई खतरा तो नहीं?

तां- चिंता मत करो, कुछ नहीं होगा, बस मुझे दुश्मन की एक फोटो या कोई कपड़ा या दूसरी इस्तेमाल वाली चीज लाकर दे देना, बस मैं पूजा-पाठ कर उसका काम तमाम कर दूंगा।

सं.- अच्छा और मुठकरनी से कैसे?

तां- उसमें थोड़ा खर्चा ज्यादा आएगा, शुरूआत में 25 हजार रुपये लगेंगे, पूजा-पाठ के।

सं.- बस और तो खर्च नहीं..

तां- (बीच में टोकते हुए) पूजा के दौरान में एक शक्ति प्रकट करूंगा, जिसको खुश करने के लिए बलि देनी होगी।

सं.- बलि! किस चीज की?

तां- यह मेरे हाथ में नहीं, वह नारियल, मुर्गा, उल्लू, भेड़ और बकरा, किसी की भी हो सकती है।

सं.- फिर तो बहुत खर्चा होगा।

तां- नहीं, चिंता मत करो, 10 से 20 हजार के बीच बलि का काम होगा।

सं.- लेकिन...?

तां-(टोकते हुए) देखो, बलि की मांग पूरी करते ही दुश्मन का घर पर काम तमाम हो जाएगा।

सं.- अगर न हुआ तो?

तां- विश्वास रखें, मेरी 101 फीसद गारंटी है, तुम पहली बार आए हो, मेरा 23 साल का एक्सपीरियंस है और तीन साल से इसकी जगह पर ऐसे ही थोड़े काम कर रहा हूं।

सं.- वो तो ठीक है, लेकिन कहीं मेरा नाम तो नहीं आएगा?

तां- देखो, सारा काम शक्तियों ने करना है, तुम तो बस पैसे देकर 'दुश्मन' के रास्ते से हटने के जश्न की तैयारी करो।

सं.- बाद में मेरा नुकसान तो नहीं होगा?

तां- देखो, पूरी पूजा होने के बाद मैं तुम्हें एक कवच दूंगा, जिसे पहन लेना, फिर कोई तुम्हारा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता।

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तांत्रिक के इस दावे के बाद अड्डे से बाहर निकलकर आ गए। यह सोचते हुए कि किस तरह तांत्रिक महज 21 से 40 हजार की सुपारी लेकर दुश्मन को ठिकाने लगाने की बात कर रहा है। दरअसल, तांत्रिकों के दावे महज ढ़कोसले ही साबित होते हैं, लेकिन एक बार जो इनके चक्रव्यूह में फंस जाते हैं, उसे छोटी-मोटी हाथ की सफाई दिखा यह तांत्रिक इस कदर काली दुनिया का डर दिखा डराते हैं कि फिर वह इससे कभी बाहर ही नहीं निकल पाता। उसे मुंह खोलने पर जान-माल के नुकसान का डर दिखाया जाता है। लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि न तो हमें दुश्मन को रास्ते से हटाना था और न ही तांत्रिक को दिया विवरण सही था। अगर तांत्रिक के पास वाकई शक्ति थी तो फिर वह हमारे 'स्टिंग आपरेशन' की मंशा को भांप जाता, लेकिन सभी ठग पैसे कमाने की अंधी दौड़ में जुटे हैं......

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आप बनें जागरूक

यदि आपको या आपके किसी परिचित को ठगा है या कोई संदिग्ध गतिविधि कर रहा है तो बेझिझक हमसे संपर्क करें। आपका यह कदम न सिर्फ इन ठगों को उनके सही ठिकाने यानी सलाखों के पीछे पहुंचाने में मददगार होगा बल्कि आप जैसे कई दूसरे लोगों को ठगी से बचाएगा। आप चाहें तो आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। इस संबंध में सूचना दैनिक जागरण के नंबर 098554-00391 पर दे सकते हैं।

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