इंसान के भीतर पांच चोर निवास करते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह अहंकार: भारती
संस, ब¨ठडा दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से गांव रामनगर में एक दिवसीय सत्संग समागम का आयोजन
संस, ब¨ठडा
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से गांव रामनगर में एक दिवसीय सत्संग समागम का आयोजन किया गया। जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। सत्संग में प्रवचन करते हुए साध्वी ह¨रदर भारती ने कहा कि जैसे घर में एक चोर आ जाए तो सारे घर को बर्बाद कर देता है। सारी धन संपत्ति लूट कर ले जाता है। इसी प्रकार इंसान के भीतर पांच चोर निवास करते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह अहंकार। अगर एक चोर घर को बर्बाद कर देता है तो पांच चोरों के बारे में हम अनुमान लगा ले कि इंसान की क्या दशा कर देगा। हमारे ग्रंथों में भी कहा गया पांचों चोर महादुखदाई, मनुष्य देहित का सर्बस जावे। भाव ये पांच चोर इंसान के जीवन की अनमोल पूंजी को लूट रहे हैं। आज इंसान इन्हीं पांच विकारों के अधीन होकर कर्म कर रहा है। जैसे अर्जुन मात्र मोह के वशीभूत होकर युद्ध करने से मना कर रहा था। सज्जन ठग धन के लोभ के कारण लोगों की हत्याएं करता था। इसी प्रकार आज हम भी इन्हीं विकारों के अधीन होकर कई बार पाप कर्म कर बैठते हैं। इसी कारण आज संसार में पाप, भ्रष्टाचार, अत्याचार बढ़ रहा है, क्योंकि इंसान के अंदर इन चोरों ने पूरी तहर कब्जा कर लिया है। इंसान का मन इनके पीछे लग कर शैतान बन गया है। उसे सही गलत की पहचान मालूम नहीं हो रही। साध्वी ने कहा कि जीवन में जब एक पूर्ण गुरु रूपी पहरेदार आते हैं तो वह इंसान को जाग्रत करते हैं, मुसाफिर जगते रहना नगर में चोर आते हैं। भाव इंसान की आत्मा को जाग्रत कर इन चोरों से मुक्ति प्रदान करवाते हैं। जैसे ही कृष्ण ने अर्जुन, श्री गुरु नानक देव जी ने सज्जन ठग की आत्मा को जाग्रत किया।
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