Punjab News: कांग्रेस सरकार के समय हुई कर्ज माफी का अब तक नहीं मिला लाभ, बठिंडा के 11 हजार किसान निराश
पंजाब की पूर्व कांग्रेस सरकार ने किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया था लेकिन राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद भी बठिंडा जिले के 11000 किसानों को अभी तक कर्ज माफी का लाभ नहीं मिला है। इस योजना के तहत जिले के 33341 किसानों को लाभ मिला है लेकिन 11000 किसान अभी भी कर्ज में डूबे हुए हैं।

जागरण संवाददाता, बठिंडा। राज्य में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के दौरान जिन किसानों के कर्ज माफ किए गए थे, उनमें से करीब 11 हजार किसान ऐसे हैं, जिन्हें आज तक कर्ज माफी का कोई लाभ नहीं मिला है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2017 के चुनाव से पहले किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था, जिसके बाद कांग्रेस की सरकार बनी और कई शर्तें लगाकर किसानों का कर्ज माफ किया जाने लगा।
सरकार बदलते ही वंचित रह गए किसान
इसके लिए विभिन्न चरणों में किसानों को कर्ज माफी दी गई। लेकिन 2022 में सरकार बदलते ही इस योजना से वंचित किसान आज भी कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं।
जिले में 33,341 किसान कर्ज माफी योजना से लाभाविंत हुए हैं। विभाग ने कर्जमाफी के लिए किसानों के खातों में 139 करोड़ 15 लाख 75 हजार 806 रुपए जमा करवा दिए हैं। जबकि जिले के 33,540 किसानों के लिए 140 करोड़ 19 लाख 5 हजार 202 रुपए प्राप्त हुए।
इतनी धनराशि पीएससीबी को कर दिए गए वापस
इसके चलते मौजूदा स्थिति यह है कि बकाया 1 करोड़ 3 लाख 29 हजार 396 रुपये में से 76 लाख 2 हजार 855 रुपये पीएससीबी विभाग को वापस कर दिए गए हैं और 27 लाख 26 हजार 540 रुपये बैंकों के पास पड़े हैं। कर्जमाफी के तहत उक्त राशि अभी तक किसानों के खातों में जमा नहीं की गई है।
इसके अलावा 11 हजार किसान ऐसे हैं, जिनके लिए अभी तक कोई पैसा जारी नहीं किया गया है। उन्हें उम्मीद थी कि आप सरकार सत्ता में आते ही उनका कर्ज माफ कर देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिससे किसान निराश नजर आ रहे हैं।
25.71 लाख का कर्ज किया गया था माफ
पंजाब की पूर्व कांग्रेस सरकार ने सीमांत किसानों के कर्ज माफ करने के लिए अलग-अलग समय पर छह चरणों में योजना लागू की थी। इसके साथ ही 2019 चुनाव से पहले सातवां विशेष चरण भी चलाया गया।
जिसके तहत जिले के 102 किसानों का 25.71 लाख रुपये का कर्ज माफ किया गया। दूसरी ओर, आप सरकार बनने के बाद आर्थिक तंगी के कारण पिछले डेढ़ साल में जिले में 20 से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं।
मांगों को लेकर आत्महत्या कर चुके हैं किसान
इस बीच सरकार किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रही है। अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे किसानों पर भी लाठीचार्ज किया जा रहा है।
दूसरी ओर, किसानों की कर्ज माफी के अलावा, लंबे समय पहले आत्महत्या कर चुके किसान परिवारों के कर्ज माफ करने और उनके एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग भी की जा रही है।
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BKU के जिलाध्यक्ष ने कही ये बात
भारतीय किसान यूनियन उगराहां के जिला अध्यक्ष शिंगारा सिंह मान का कहना है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सभी कर्ज माफ न करके किसानों के साथ धोखा किया है। अब आप सरकार ने पिछली सरकार की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
जबकि सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यदि सरकार बदलती है तो पिछली सरकार की योजना उसी तरह जारी रहनी चाहिए। जिले के 11 हजार किसानों को भी सरकार की ओर से कर्जमाफी से जुड़ी विभिन्न शर्तों का लाभ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि यदि योजना के तहत आने वाले किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया तो संघर्ष किया जाएगा।
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