अमेरिका ने भारत पर लगाया 50 फीसदी टैरिफ, पढ़ें अमृतसर की किन-किन वस्तुओं पर पड़ेगा प्रभाव?
अमेरिका द्वारा भारतीय मॉल पर 50% टैरिफ लगाने से अमृतसर से निर्यात होने वाले चावल शॉल आचार-मुरब्बा और कपड़े पर असर पड़ेगा। उद्योगपति नई रणनीतियां तलाश रहे हैं कुछ ने एक्सपोर्ट रूट बदलने का फैसला किया है। चावल के निर्यात को रोका गया है और शॉल को दुबई के रास्ते भेजने की योजना है। कपड़ा उद्योग अमेरिका के बजाय अन्य देशों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
सतीश शर्मा, अमृतसर। अमेरिका ने 27 अगस्त से भारतीय मॉल पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू कर दिया है, जिसके बाद शहर से अमेरिका भेजे जाने वाले चावल, शॉल, आचार मुरब्बा, कपड़े पर बड़ा असर पड़ेगा। इस बदलाव के साथ ही उद्योगपतियों ने भी कारोबार की रणनीति में बदलाव लाने के विकल्प तलाशने शुरू कर दिए हैं। इसमें कुछेक ने तो एक्सपोर्ट रूट में बदलाव करने का फैसला लिया है।
इसमें अमेरिका को भेजा जाने वाला चावल होल्ड कर दिया गया है, शॉल अब सीधे अमेरिका न भेजकर दुबई के रास्ते भेजा जाएगा। कपड़ा उद्योग की बात करें तो अमेरिका के अलावा आस्ट्रेलिया, मिडल ईस्ट और यूरोप में काफी एक्सपोर्ट है। कारोबारी अब अमेरिका के बजाय इन देशों पर ज्यादा फोकस करने की सोच रहे हैं। अमृतसर से अमेरिका हर वर्ष 200 करोड़ रुपये के चावल, 300 करोड़ का कपड़ा व 500 करोड़ रुपये के शॉल एक्सपोर्ट होते हैं।
कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के चेयरमैन सीए दविंदर सिंह का कहना है कि टैरिफ लगने के बाद अमृतसर से अमेरिका के लिए चावल व हौजरी से जुड़े एक्सपोर्ट ऑर्डर रोक दिए गए हैं। अमृतसर से चावल का अमेरिका से वार्षिक 200 करोड़ रुपये का कारोबार है। इस कारोबार में 25 हजार श्रमिक लगे हैं। अब टैरिफ लगने के बाद चावल एक्सपोर्टर कोई अन्य रूट देखेंगे। वियतनाम, थाईलैंड, पाकिस्तान पर कोई टैरिफ नहीं है।
उनका चावल सस्ता होने के कारण भारत के लिए टैरिफ के साथ इन देशों से प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल होगी। नई मार्केट की तलाश करनी होगी। हौजरी का अमेरिका के साथ वार्षिक 300 करोड़ रुपये का कारोबार है, इससे 20 हजार श्रमिक जुड़े हैं। कपड़ा उद्योग पर यदि जीएसटी घटा देते हैं तो कारोबारी टैरिफ का मुकाबला कर सकेंगे। वहीं, अमेरिका में एक्सपोर्ट न करने की सूरत में आस्ट्रेलिया, मिडल ईस्ट, यूरोप में मॉल भेजने पर फोकस रहेगा।
अमृतसर में शॉल का 500 करोड़ का कारोबार, 40 हजार श्रमिक जुड़े शॉल क्लब ऑफ इंडिया के चेयरमैन प्यारा लाल सेठ का कहना है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का शहर की शॉल इंडस्ट्री पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। पाकिस्तान-बंगलादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया, वियतनाम में शॉल पर ड्यूटी कम है। ऐसे में टैरिफ लगाने के बाद इन देशों से प्रतिस्पर्धा में अमृतसर से अमेरिका शॉल एक्सपोर्ट करना चुनौतियों भरा रहेगा।
अमृतसर में शॉल का 500 करोड़ रुपये का कारोबार है और 40 हजार श्रमिक इससे जुड़े हुए हैं। अब प्लान बी के तहत दुबई से मॉल चला जाएगा, वहां इंपोर्ट ड्यूटी भी कम है। दुबई अमृतसर से पहले भी मॉल जा रहा है।
मुरब्बे-आचार का वार्षिक सात करोड़ का कारोबार
ठुकराल फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन पंजाब के प्रधान राजेश ठुकराल का कहना है कि एक्सपोर्टर अमेरिका भेजने के लिए अमृतसर से मुरब्बा आचार मंगवाते हैं। यह मॉल पानीपत के जरिए अमेरिका जाता है। इसमें अमृतसर से वार्षिक सात करोड़ रुपये का मॉल जाता है।
वहीं, टैरिफ अभी स्पष्ट नहीं हुआ है लेकिन मॉल के ऑर्डर होल्ड कर दिए गए हैं। आचार-मुरब्बा काटेज इंडस्ट्री में है और अमृतसर में छोटे-छोटे 35 के करीब यूनिट हैं। घरेलू मार्केट पहले से ही मंदी में है और अब अमेरिका में टैरिफ से कारोबार प्रभावित होगा।
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