बेटी होते ही बिना सहमति के महिला की कर दी नसबंदी, परिजनों के उड़े होश, डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग
अमृतसर के गुरुनानक देव अस्पताल में एक महिला की डिलीवरी के बाद डॉक्टरों ने बिना सहमति के नसबंदी कर दी। परिजनों को नर्स से इसकी जानकारी मिली जिससे वे हैरान रह गए। महिला के पति राहुल ने बताया कि वे एक और बच्चा चाहते थे। उन्होंने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

नितिन धीमान, अमृतसर। गुरुनानक देव अस्पताल स्थित गायनी वार्ड नंबर एक में महिला की डिलीवरी के बाद बिना उसकी सहमति के नसबंदी कर दी गई। डाक्टरों ने महिला अथवा उसके स्वजनों से नसबंदी के विषय में बात तक नहीं की। मजीठा रोड स्थित शेर-ए-पंजाब एवेन्यू निवासी सपना को प्रसव पीड़ा के पश्चात गायनी वार्ड में दाखिल करवाया गया था। चार अक्टूबर को सपना ने बेटी को जन्म हुआ।
पांच अक्टूबर को बाद में जब नर्स ने स्वजन को नसबंदी की जानकारी दी तो पैरों तले जमीन खिसक गई और उन्होंने डॉक्टर के प्रति रोष जताया। सपना के पति राहुल ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व इसी अस्पताल में सपना की डिलीवरी हुई थी। उस दौरान बेटे का जन्म हुआ, पर बच्चा बचा नहीं। बेटी के जन्म की हमें खुशी है, पर दुख है कि डॉक्टरों ने सपना की नसबंदी बिना हमसे पूछे ही कर दी।
हम एक बच्चा और चाहते थे। राहुल ने विभाग से मांग की कि डॉक्टर के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग एवं मेडिकल शिक्षा तथा खोज विभाग की ओर से अधिक से अधिक नसबंदी करने का टारगेट डॉक्टरों व सहयोगी स्टाफ को दिया गया है। टारगेट पूरा करने के लिए ऐसा पहली बार नहीं हुआ। गुरुनानक देव अस्पताल एवं सिविल अस्पताल में तीन चार बार पहले भी ऐसे ही नसबंदी करने के केस आए हैं।
खास बात यह है कि परिवार नियोजन के लिए गर्भनिरोधक गोलियां, कंडोम जैसे विकल्प भी हैं और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जनसंख्या दिवस अथवा अन्य मौकों पर लोगों को इनके प्रति जागरूक किया जाता है। नलबंदी तो बेहद प्रभावी मानी गई है, पर इसके लिए प्रसूता एवं स्वजनों की स्वीकृति अनिवार्य है, लेकिन डॉक्टर बिना पूछे नसबंदी की प्रक्रिया कर रहे हैं।
गायनी वार्ड-1 की इंचार्ज डॉ. अमृत कौर ने कहा कि मैंने सपना की फाइल मंगवाई है। जिस डॉक्टर ने नसबंदी की है, उससे पूछा जाएगा। अभी मैं इस मामले में और कुछ नहीं कह सकती। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. कर्मजीत सिंह ने कहा कि मैं चंडीगढ़ में एक बैठक में भाग लेने आया हूं। वहां से लौटने के बाद ही मामले की जांच की जाएगी।
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