Vegetable Price: महंगाई से फिर बिगड़ा रसोई का बजट, झुलसती गर्मी ने सब्जियों का बढ़ाया पारा; रेट जानकर उड़ जाएंगे होश
Vegetable Price Rise पंजाब में बढ़ती गर्मी के चलते रसोई का बजट बिगड़ गया है। सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। गर्मी के चलते पारा जहां 47 डिग्री तक पहुंच रहा है वहीं आम लोगों के घरों का बजट भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। बढ़ती गर्मी के चलते सब्जी की उपज पर भी असर पड़ता है।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन। Vegetable Price Rise: गर्मी के चलते पारा जहां 47 डिग्री तक पहुंच रहा है, वहीं आम लोगों के घरों का बजट भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
कारण कोई ओर नहीं बल्कि सब्जियों के दाम आसमान छूह रहे है, जिसके चलते हरी सब्जियां खाना आम लोगों के बस की बात नहीं। ऐसे में लोगों को एक तरफ गर्मी की मार पड़ रही है, वहीं महंगाई ने उनका बजट बिगाड़कर रखा हुआ है।
तरनतारन के इन कस्बों में हरी सब्जियों की होती है पैदावर
तरनतारन के कस्बा फतेहाबाद, भरोवाल, वेईपूई, वैरोवाल, जाति उमरा, चोहला साहिब, काजीकोट, कैरोंवाल, कोट धर्मचंद कलां, रटौल, बहिला, कोटली, गोहलवड़, दोबुर्जी, देऊ बाठ, कंग, कल्ला, दीनेवाल क्षेत्र में किसानों द्वारा हरी सब्जियों की पैदावर की जाती है।
सब्जी की उपज पर पड़ रहा गर्मी का असर
बढ़ती गर्मी के चलते सब्जी की उपज पर भी असर पड़ता है। परिणाम स्वरूप सुबह सब्जी मंडी में सब्जियों के दाम बढ़ जाते है। सब्जियों की कम आमद के चलते सब्जी मंडी में दाम प्रति किलो एक रुपये के हिसाब से उछलता है तो प्रचून में उसका असर चार से पांच रुपये बढ़ जाता है।
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सब्जियों के दाम
- प्याज- 30 से 40 रुपये
- टमाटर- 25 से 35 रुपये
- गाजर- 30 से 40 रुपये
- हरे मटर- 100 से 120 रुपये
- आलू- 20 से 25 रुपये
- शिमला मार्च- 40 से 50 रुपये
- धनिया-180 से 200 रुपये
- पालक- 60 से 80 रुपये
- घीया- 30 से 40 रुपये
- भिंडी- 30 से 40 रुपये
- खीरा- 30 से 50 रुपये
- हरी मिर्च- 40 से 50 रुपये
- बेगंन- 30 से 45 रुपये
- हलवा- 20 से 30 रुपये
- करेला- 40 से 60 रुपये
क्या कहते हैं लोग
गृहणी पूजा, निधि, हेमा, स्वीटी अरोड़ा, पिंकी ने कहा कि गर्मी के मौसम में डाक्टरों की ओर से हरी सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है, परंतु बढ़ते तापमान का अधिक प्रभाव सब्जी के दाम पर पड़ता है। मई माह से लेकर रसोई का बजट लगातार बिगड़ रहा है, क्योंकि हरी सब्जियों के दाम आसमान छूह रहे है। ऐसे में सलाद खाना भी मुहाल हो रहा है।
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सब्जी विक्रेता दीपक गुलाटी का कहना है कि गर्मी के मौसम में सब्जी की पैदावर कम हो जाता है, क्योंकि किसान अधिक तौर पर धान की रोपाई को पहल देते है। गर्मी के मौसम में सब्जियों को जरूरत अनुसार पानी नहीं मिलता। बारिश न होने भी सब्जी की उपज में अड़चन होता है।
सब्जी की पैदावर किसानों के लिए नहीं हो रही लाभदायक
किसान रंजीत सिंह राणा कहते है कि वे हर वर्ष सब्जी की पैदावर करते है, परंतु इस बार तापमान 43 से अधिक रहा, जिसके चलते टमाटर, हरी मिर्च, मशरूम, लोबी, करेला, खीरा की पैदावर बहुत कम हुई है। राणा ने कहा कि सब्जी की पैदावर का काम अब किसानों के लिए लाभदायक नहीं रहा।
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