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भक्तों को भा रहे पगड़ी वाले गणपति, बाल गणेश भी कर रहे हैं आकर्षित

करीब 15 वर्ष पहले महानगर मे श्री गणपति बप्पा की करीब 50 से कम प्रतिमाएं बिकती थी परंतु अब यह रुझान हजारों में हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 06:52 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 09:11 PM (IST)
भक्तों को भा रहे पगड़ी वाले गणपति, बाल गणेश भी कर रहे हैं आकर्षित
भक्तों को भा रहे पगड़ी वाले गणपति, बाल गणेश भी कर रहे हैं आकर्षित

कमल कोहली, अमृतसर

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करीब 15 वर्ष पहले महानगर में सिर्फ श्री गणपति बप्पा की करीब 50 से कम प्रतिमाएं बिकती थी, परंतु अब यह रुझान हजारों में हो गया है। लोग श्री गणपति महोत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाने शुरू हो गए हैं। 31 अगस्त को घरों तथा मंदिरों में जय श्री गणपति बप्पा के जयकारे गूंजेगे।

श्री गणपति बप्पा को सिंहासन पर बिठाने के लिए भक्तजन काफी उत्साहित है। वही श्री गणपति बप्पा के अनेकों स्वरूपों की प्रतिमा बाजार में बननी शुरू हो गई है। कई कारीगर सुंदर स्वरूप में श्री गणपति बप्पा को बना रहे हैं। चाहे बाजार में अभी श्री गणपति बप्पा की प्रतिमा ज्यादा नहीं बिक रही है, लेकिन आने वाले दिनों में इसकी बिक्री में काफी उछाल आ जाएगा। बाजार में सहज ही श्री गणपति बप्पा की प्रतिमा लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।

इस समय राजस्थान से कई कारीगर अमृतसर की धरती पर आकर श्री गणेश जी महाराज की प्रतिमा बनाने में लगे हुए हैं। बाजार में श्री गणेश महाराज जी के कई स्वरूप बन रहे हैं। इसमें पगड़ी वाले श्री गणेश, टोपी वाले श्री गणेश लाल, बाल स्वरूप में भी बनाए जा रहे हैं।

राजस्थान से आए कई परिवार नेहरू शापिग कांप्लेक्स तथा अन्य जगह में प्रतिमा ही बना रहे हैं। कारीगरों का कहना है कि श्री गणेश महाराज की प्रतिमा बनाने के लिए चाक मिट्टी का प्रयोग किया जाता है। यह मिट्टी अधिकतर बीकानेर, राजस्थान और गुजरात के कच्छ से मंगवाई जाती है। यह मिट्टी पानी में शीघ्र ही घुल जाती है तथा इसको शुद्धता के तौर पर नारियल के जूट से तैयार किया जाता है। प्रतिमा बनाने के लिए बढि़या कलर प्रयोग किए जाते हैं। चमकीले सितारे तथा अन्य डेकोरेशन का सामान लगाया जाता है। चाहे इस बार सामान काफी महंगा है पर जो कुछ दिनों की ही प्रतिमाएं होती हैं। इसलिए इसके दाम नहीं बढ़ाए जाते हैं। मेहनत ज्यादा है। कमाई काफी कम है। इस समय बाजार में एक फुट से लेकर चार फुट की प्रतिमा बनाई गई है।

200 से लेकर 5000 तक में बिक रही प्रतिमा

राजस्थान से आए गुलाब दास निवासी जयपुर ने बताया कि अमृतसर में 15 वर्ष पहले आए थे। उस समय अमृतसर में नाममात्र प्रतिमाएं बनती थी। सिर्फ 50 प्रतिमाएं बिकती थी परंतु अब काफी रूझान बढ़ चुका है। कोविड-19 में उनको काफी नुकसान हुआ था। प्रतिमा की बिक्री नहीं हुई थी। लेकिन इस बार आस है कि उनकी प्रतिमा काफी बिक सकती हैं। लेकिन एक-दो दिन पहले अधिक बिक्री होने की संभावना है। अमृतसर में बड़ी प्रतिमा का कोई आर्डर नहीं है। सिर्फ लोग घरों में एक फुट से लेकर 3 फुट तक की प्रतिमा लेकर जाते हैं । इस कार्य में सारा परिवार लगा होता है। आशा है अधिक से अधिक प्रतिमाएं बिक सके।


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