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    अमृतसर रेलवे स्टेशन का प्राइवेटाइजेशन नहीं होगा, 300 करोड़ से पीपीपी मोड पर बनेगा फूड कोर्ट

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 11 Nov 2021 09:05 PM (IST)

    पिछले लंबे समय से रेलवे स्टेशन को प्राइवेट हाथों में दिए जाने की बातों पर राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक और डीआरएम डा. सीमा शर्मा ने लगाम लगा दी। ...और पढ़ें

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    अमृतसर रेलवे स्टेशन का प्राइवेटाइजेशन नहीं होगा, 300 करोड़ से पीपीपी मोड पर बनेगा फूड कोर्ट

    जागरण संवाददाता, अमृतसर: पिछले लंबे समय से रेलवे स्टेशन को प्राइवेट हाथों में दिए जाने की बातों पर राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक और डीआरएम डा. सीमा शर्मा ने लगाम लगा दी। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन का प्राइवेटाइजेशन नहीं होगा। यहां पर पीपीपी मोड पर रेलवे स्टेशन के बाहरी हिस्से में फूड कोर्ट बनाया जाएगा। इसके अलावा रेलवे अधिकारियों के दफ्तर बनाएं जाएंगे, जिस पर 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अभी टेंडरिग अलाट करने की प्रक्रिया चल ही है।

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    उन्होंने मक्खू पट्टी रेल लिक के काम में हो रही देरी के लिए पंजाब सरकार को जिम्मेदार बताया। मलिक ने कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार से 299 करोड़ की मंजूरी 2017 के बजट में ही लाकर दे दी थी। अब सिर्फ देरी की जा रही है तो पंजाब सरकार की तरफ से। क्योंकि जो जगह अलाट करनी है, उस पर सिर्फ 40 करोड़ रुपये खर्च होने हैं और पंजाब सरकार पैसे ही नहीं खर्च कर रही। उन्होंने कहा कि अमृतसर-फिरोजपुर रेलवे मार्ग आजादी से पहले चल रहा था, लेकिन आजादी के बाद बंद हो चुका था। इस प्रोजेक्ट के पूर्ण होने के बाद रेल लिक जुड़ने से अमृतसर से मुंबई तक एक नया रेल रूट मिल जाएगा और पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, गुजरात, महाराष्ट्र एवं राजस्थान को जोड़ा जा सकेगा। उनके साथ सीनियर डीसीएम चेतन तनेजा, सीनियर डिविजनल इंजीनियर अभिनव गर्ग, डीओएम अशोक सलारिया, असिस्टेंट डिविजनल इंजीनियर राजीव भसीन, भाजपा नेता डा. हरविदर सिंह संधू व रेलवे के कई अधिकारी मौजूद थे। राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक ने दावा किया कि जब से वह राज्यसभा सदस्य बने है, तभी से लेकर अभी तक वह रेलवे स्टेशन पर 500 करोड़ रुपये का काम करवा चुके हैं। 34 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। रेलवे स्टेशन की हर लोकेशन पर कैमरे लगाकर निगरानी की जा रही है। जीआरपी ने डीआरएम को बायो टायलेट हटाने की मांग की

    रेलवे की तरफ से जीआरपी थाने के गेट के नजदीक ही बायो टायलेट बनवा दिए गए हैं। यह बंद पड़े हैं। नतीजतन रेलवे के लाखों रुपये का नुकसान हो गया। अब यह बायो टायलेट जीआरपी के रास्ते में आ रहे हैं। जीआरपी के प्रभारी धरमिदर कल्याण ने डीआरएम डा. सीमा शर्मा के समक्ष मांग की है कि इन बायो टायलेट को यहां से हटा दिया जाए, क्योंकि अगर जब इमरजेंसी पड़ती है तो उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। डीआरएम ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस पर जल्द ही कोई कार्रवाई की जाएगी। मलिक ने किया स्कैनर मशीन लगाने का दावा, पर कई दिनों से खराब है मशीन

    सांसद श्वेत मलिक ने रेलवे स्टेशन के दोनों साइडों पर स्कैनर मशीन लगाने का दावा तो किया, लेकिन यह कभी कभार ही चलती हैं। वीरवार को उनके दौरे के बाद जब दैनिक जागरण की टीम ने उसके चलने की सच्चाई जानी तो वह बंद ही पाई गई। यह खराब पड़ी मिलीं। रेलवे स्टेशन के मेन गेट पर जब इस मशीन के न चलने के बारे में पूछा गया तो जीआरपी मुलाजिम ने कहा कि पिछले दो तीन दिनों से ही यह मशीन बंद है। रेलवे मुलाजिम इसे ठीक कर रहे हैं।