अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल फिर घोषित हुए तनखैया, श्री पटना साहिब ने इस मामले में की कार्रवाई
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के पंज प्यारे सिंह साहिबानों ने उन्हें तनखैया घोषित किया। यह फैसला 21 मई 2025 को जत्थेदार कुलदीप सिंह गर्गज द्वारा विवादित आदेश जारी करने पर लिया गया। बादल पर तख्त के नियमों और संविधान को चुनौती देने का आरोप है।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की एक बार फिर मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक बार उन्हें फिर से तनखैया घोषित करार दिया गया है। इस बार यह फैसला तख्त श्री हरमंदिर जी, पटना साहिब के पंज प्यारे सिंह साहिबानों की एक विशेष बैठक में दिया गया। इस मीटिंग में सुखबीर सिंह बादल को वेतनभोगी घोषित किया गया।
इस मामले को लेकर शनिवार को पंच प्यारों ने जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह की अध्यक्षता में बैठक कर अकाली दल के प्रमुख सह पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को हुकुमनामा के तहत तनखैया करार दिया। इससे पहले उन्हें 20 दिन,10 दिन और 24 घंटे का मोहलत दिया था।
इससे पहले पंच प्यारों के समक्ष शारीरिक तौर पर उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का आदेश दिया गया था। इस अवधि में उनके उपस्थित नहीं होने पर पंथक मर्यादा के अनुसार पंच प्यारों ने शनिवार को सुखबीर सिंह बादल को तनखइया घोषित करने का फैसला लिया।
बैठक में पंच प्यारों में जत्थेदार ज्ञानी बलदेव सिंह, अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी ज्ञानी दिलीप सिंह, अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी भाई गुरुदयाल सिंह, सीनियर मीत ग्रंथी ज्ञानी परशुराम सिंह और मीत ग्रंथी भाई अमरजीत सिंह थे।
क्या है पूरा मामला?
तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब की ओर से जारी हुकुमनामा में अकाली दल के प्रमुख सह पूर्व पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को भी साजिशकर्ता मानते हुए दस दिनों के अंदर तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में पंच प्यारों के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
उसके बाद 24 घंटे का मोहलत का समय बीतने के बाद 20 दिनों की मोहलत दी गई है। यह मामला तख्त श्री हरिमंदिर के पूर्व बर्खास्त जत्थेदार रणजीत सिंह के पक्ष में श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से निर्णय आने के बाद से ही विवाद शुरू हुआ है।
21 मई को पटना साहिब के पंच प्यारों की आपात बैठक में श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़राज और तख्त श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो बटिंडा के जत्थेदार ज्ञानी बाबा टेक सिंह को तख्त पटना साहिब के जारी तीन हुकुमनामा का उल्लंघन करने में दोषी मानते हुए तनखइया घोषित किया था।
अकाली दल अध्यक्ष पर यह कार्रवाई 21 मई, 2025 को जत्थेदार कुलदीप सिंह गर्गज और जत्थेदार टेक सिंह द्वारा तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब की मर्यादाओं और संविधान को दरकिनार करते हुए विवादित और राजनीति प्रेरित आदेश जारी करने पर की गई।
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