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    Sukhbir Badal Firing Case: 'एक नहीं दो थे हमलावर', बिक्रम मजीठिया ने जारी किया फुटेज, बोले- 2 दिन से रेकी कर रहा था आतंकी

    Updated: Thu, 05 Dec 2024 10:54 AM (IST)

    पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम मजीठिया ने शिअद प्रधान सुखबीर बादल पर हमले के लिए पूर्व कांग्रेस मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और सीएम भगवंत मान को जिम्मेदार ठहराया है। मजीठिया ने दावा किया कि हमलावर एक नहीं बल्कि दो थे और दूसरे हमलावर को एसजीपीसी की टास्क फोर्स ने पकड़ लिया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले की जांच की मांग की है।

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    विक्रम मजीठिया बोले- सुखजिंदर रंधावा की साजिश और मान सरकार की विफलता का नतीजा है गोलीकांड। मजीठिया

    जागरण संवाददाता, अमृतसर। पूर्व अकाली मंत्री व वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया ने शिअद प्रधान सुखबीर बादल की हत्या के प्रयास के पीछे पूर्व कांग्रेस मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की साजिश एवं सीएम भगवंत मान की विफलता को जिम्मेवार ठहराया है। पत्रकारों से बातचीत में मजीठिया ने कहा कि सुखजिंदर रंधावा व अन्य कांग्रेसियों ने एक सोची समझी साजिश के तहत 1984 के बाद अब 2024 में श्री हरिमंदिर साहिब पर हमला करवाया है।

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    बिक्रम ने दावा किया कि हमलावरों की संख्या एक नहीं बल्कि दो थी। उन्होंने नाम का खुलासा किए बिना बताया कि दूसरे हमलावर को एसजीपीसी की टास्क फोर्स ने काबू किया था, जो संभवत: अब पुलिस कस्टडी में है जिसे पुलिस छिपाने में जुटी है।

    मजीठिया ने आरोप लगाया कि सुखजिंदर रंधावा ने पूर्व जेल मंत्री रहते न सिर्फ आतंकी नारायण सिंह चौड़ा को जेल से रिहा करवाया, बल्कि नारायण के भाई नरिंदर सिंह चौड़ा को कांग्रेस ब्लाक समिति का इंचार्ज लगवाया। इनकी आपसी संबंधों की कहानियां किसी से छिपी नहीं हैं।

    पुलिसकर्मियों पर भी केस दर्ज करने की मांग

    रंधावा नारायण व नरिंदर को पनाह देते रहे हैं। इसी साजिश के चलते श्री हरिमंदिर साहिब एवं सुखबीर बादल पर हमला किया गया है। इस प्रकरण की जांच में रंधावा की भूमिका का राजफाश भी होना चाहिए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इसका स्वयं संज्ञान लेते हुए न्यायिक जांच का आदेश देने की मांग भी की।

    उन्होंने इस साजिश में पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत होने की भी आशंका जताते हुए पुलिस कर्मियों पर भी केस दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने सीआईएसएफ के जवानों, जो उस समय सुखबीर के समीप नहीं थे, के खिलाफ भी जांच की मांग की है। उन्होंने खुलासा किया कि हमलावर एक नहीं दो थे। उन्होंने कहा कि सीएम मान को सुरक्षा में चूक के कारण तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।

    'जसबीर न होता तो अप्रिय घटना घटित होनी तय थी'

    मजीठिया ने कहा कि वाहेगुरु के बाद बीबी हरसिमरत कौर बादल के निजी सुरक्षा कर्मचारी (पीएसओ) एएसआइ जसबीर सिंह ने बहादुरी का परिचय देते हुए जान की परवाह किए बिना सुखबीर को बचा लिया। उन्होंने खुलासा किया कि अगर जसबीर बहादुरी न दिखाते तो अप्रिय घटना घटित होनी तय थी।

    पुलिस ने जसबीर को मुस्तैदी के लिए सुखबीर के साथ नहीं लगाया था, बल्कि जसबीर पिछले 24 साल से पारिवारिक सदस्य की तरह बादल परिवार की सुरक्षा में लगा हुआ है। 2001 में वह स्व. प्रकाश सिंह बादल के पीएसओ थे। साल 2009 से हरसिमरत कौर बादल के पीएसओ हैं। दो दिन से उन्होंने खुद हरसिमरत से कहकर ड्यूटी लगवाई थी।

    'बाबा बुढ़ा बेरा साहिब के पास से गुजरता'

    मजीठिया ने कहा कि सुबह 9:11 से पल-पल की रेकी की और नाइन एमएम की पिस्टल से श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से दाखिल हुआ। मजीठिया ने दावा किया कि चौड़ा पिछले तीन दिन से रेकी कर रहा था, ऐसे में 175 सुरक्षा कर्मियों की मुस्तैदी का दावा करने वाले सीएम भगवंत मान बताएं कि यह कैसी मुस्तैदी थी।

    सीसीटीवी फुटेज के अनुसार एक भी जगह पुलिस मुस्तैद नहीं दिखाई दी। गुस्से भरे लहजे में उन्होंने पंजाबी में ‘टट्टू की मुस्तैदी’ कहकर सरकार व पुलिस के दावे को खारिज कर दिया।

    'दो दिन से सुखबीर की रेकी कर रहा था चौड़ा'

    आरोपित नारायण सिंह चौड़ा पिछले दो दिन से सुखबीर बादल की रेकी कर रहा था। पुलिस ने आरोपित को श्री हरिमंदिर साहिब के आस-पास व परिसर में भी देखा था। इसकी सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के हाथ लगी है। पुलिस सीसीटीवी खंगाल रही है कि आरोपित के साथ कोई और भी था या नहीं।

    इसके अलावा वह कहां-कहां रुका है, उसकी भी जांच की जा रही है। वहीं, आरोपित से पकड़ा गया 9 एमएम ग्लोक पिस्टल का कोई भी लाइसेंस आरोपित से बरामद नहीं हुआ है। यह पिस्टल अवैध था। पुलिस जांच कर रही है कि आरोपित ने यह हथियार कहां से और कैसे मंगवाया है।

    घटना के बाद पकड़ा गया तो हंसता रहा आरोपित

    आतंकी चौड़ा लंबे समय से आतंकी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। गोली मारने की कोशिश के दौरान जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो वह हंसता हुआ दिखा। इतना ही नहीं वह कुछ बोलना भी चाह रहा था, लेकिन पुलिस ने उसका मुंह पकड़ लिया और उसे एसजीपीसी के दफ्तर में ले गए। उसके पश्चात वहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।