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एक मां की अजीब मजबूरी, 24 साल की बेटी को रखती है जंजीरों से बांध कर

अमृतसर की एक महिला अपनी 24 साल की बेटी को जंजीरों से बांध कर रखने को मजबूर है। बेटी ड्रग की आद‍ी है और मां ने उसे इससे बचाने को यह कदम उठाया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 11:26 AM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 09:10 PM (IST)
एक मां की अजीब मजबूरी, 24 साल की बेटी को रखती है जंजीरों से बांध कर

अमृतसर,[नितिन धीमान]। यहां एक मां की अजीब मजबूरी सामने आई है। वह अपनी 24 साल की बेटी को जंजीरों से जकड़ कर रखती है। इस दौरान बेटी की पीड़ा से वह खुद भी तड़पती रहती है। परिवार का सहारा बनने के लिए नौकरी कर कमाई के लिए घर से निकली बेटी नशे का शिकार हो गई। हेरोइन के नशे ने उसकी जिंदगी को नारकीय बना दिया। मां के पास बेटी के इलाज के लिए पैसे नहीं है, इसलिए उसे नशे से दूर रखने के लिए वह जंजीरों से बांध कर रखती है।

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अमृतसर के रंजीत एवेन्यू इलाके में 24 वर्षीय एक युवती को नशे ने बना दिया नाकारा

शहर के रंजीत एवेन्यू के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के सामने एक घर में रहने वाली 24 वर्षीय युवती नशा न मिलने पर छटपटाने लगती है। गरीब मां ने बेटी को नशे से दूर रखने लिए बेेबसी में युवती को लोहे की जंजीरों में बांध दिया। छह बहनों में सबसे छोटी यह युवती अब जंजीरों में जकड़े जाने के बाद नशे के लिए तड़प रही है। 

युवती की मां ने बताया कि बेटी कुछ समय पहले चंडीगढ़ में नौकरी करती थी। वह वहां एक ब्यूटी पार्लर में काम करती थी। वह इससे परिवार का आर्थिक सहारा बन गई थी। वहां काम करने वाली कुछ अन्य लड़कियां हेरोइन का नशा करती थीं और उन्होंने उसकी बेटी को भी अपनी संगत में ले लिया। इसके बाद वह नशे का ऐसा शिकार हो गई कि उसके लिए इसके बिना एक पल भी रहना मुश्किल हो गया। बेटी की बिगड़ती हालत देख कर वह उसे चंडीगढ़ से यहां घर ले आई।

मां ने कहा- जंजीर में बांधना मजबूरी, क्योंकि नशा करके ही लौटती थी घर

युवती को जंजीर में बांधकर रखने की सूचना मिलने पर उसके घर पहुंची पुलिस टीम ने उसकी मां से इस बारे में पूछताछ की। मां ने कहा कि बेटी को जंजीरों में बांधना उसकी मजबूरी है। वह किसी भी समय घर से निकल जाती थी और नशा करके ही लौटती थी। उन्हें डर था कि नशे के लिए वह कोई गलत कदम न उठा ले। उसका इलाज भी करवाया  लेकिन हालत नहीं सुधरी। उसकी नशे की लत लगातार बढ़ रही है।

पुलिस टीम ने युवती की मां से उसे नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल करवाने की बात भी कही तो उसकी मां ने कहा कि वह खुद उसे नशा से मुक्ति की दवा खिला रही है। अगर दस दिन में सुधार न आया तो वह उसे नशा मुक्ति केंद्र भेज देगी। पांचवीं पास युवती छह बहनों व एक भाई में सबसे छोटी है। कुछ वर्ष पूर्व पिता का देहांत हो गया था। इसके बाद वह घर का खर्च चलाने के लिए चंडीगढ़ के एक ब्यूटी पार्लर में नौकरी करने चली गई।

उसकी मां के अनुसार वह घर का खर्च चला रही थी, लेकिन बाद में उसने पैसे भेजने बंद कर दिए। उन्हें लगा कि शायद चंडीगढ़ में उसका ज्यादा खर्च हो रहा होगा, लेकिन एक दिन जब वह घर आई तो उसकी आंखें लाल थी और होश गुम थे। रात को वह सो गई और अगली सुबह नौ बजे तक नहीं उठी तो उन्हें शक हुआ कि कहीं इसने नशा तो नहीं किया।

मां ने बताया कि शक पर बेटी से नशे आदि के बारे में पूछा, लेकिन उसने इससे इन्कार कर दिया। जब ऐसा बार बार होने लगा तो सख्ती से पूछने पर उसने बताया कि वह हेरोइन का नशा करती है। मां के अनुसार वह लोगों के घरों में काम कर बच्चों का पेट पालती है। नशे की लत ने बेटी की जिंदगी बर्बाद कर दी। अब वह किसी तरह बेटी को नशे के दलदल से बाहर निकालना चाहती है।

मां ने 10 दिन का समय मांगा है: एसएचओ

एसएचओ कमलदीप सिंह ने कहा कि युवती का इलाज डी एडीक्शन सेंटर से चल रहा है। आज भी उसकी मां सेंटर से दवा लेकर आई थी। मां ने दस दिन का समय मांगा है। यदि इस दौरान वह ठीक न हुई तो पुलिस उसे नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल करवाएगी।

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नस में टूट गई थी सीरिंज 

युवती ने बताया कि वह इंजेक्टेबल ड्रग लेने की आदी है। एक दिन उसने सीरिंज से अपनी नसों में नशा उतारा। इस दौरान नस में ही सीरिंज टूट गई। नशे के सुरूर में वह इतना खो गई कि उसे इसका पता नहीं चला। कुछ दिन बाद जब नस फूल गई तो ऑपरेशन करवाकर सीरिंज निकलवाई।

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