रेशमा की कहानी सुन आप भी रह जाएंगे हैरान, ऐसे बनाया जिंदगी को खूबसूरत
Acid attack पीड़िता 21 वर्षीय रेशमा कुरैशी का अतीत जितना दर्दनाक और खौफनाक है वर्तमान उतना ही प्रेरणादायी।
अमृतसर [नितिन धीमान]। 21 वर्षीय रेशमा कुरैशी का अतीत जितना दर्दनाक और खौफनाक है, वर्तमान उतना ही प्रेरणादायी। Acid attack (एसिड अटैक) का शिकार बनी इस युवती का चेहरा विकृत हो गया, एक आंख की रोशनी जाती रही, लेकिन आज उसने सुंदरता की एक नई परिभाषा कायम की है। रेशमा के चेहरे पर उसके ही जीजा ने तेजाब फेंक दिया था। इस घटना ने रेशमा की जिंदगी में बवंडर मचा दिया। गहरी चुप्पी साध ली, लेकिन जिंदगी को खूबसूरत ढंग से जीने की इच्छा जागृत कर वह परिस्थितियों से लड़ीं और Acid attack पीडि़ताओं की प्रेरक बन गईं। अमृतसर पहुंची रेशमा कुरैशी ने उन पीड़ादायक लम्हों का वर्णन मुस्कुराते हुआ किया।
दसअसल, रेशमा के चेहरे पर 19 मई, 2014 को इलाहाबाद में उसके जीजा ने तेजाब फेंक दिया था। रेशमा के अनुसार जीजा उनकी बहन गुलशन को मारते-पीटते थे। वह रोती थी। मैं उसे तकलीफ में नहीं देख पाती। पापा भी बहुत परेशान थे। लोग कहते कि बेटी को घर ले आओ, नहीं तो वो मर जाएगी। फिर एक दिन बहन और उसके दोनों बच्चों को अपने घर ले आई। बेटे का एडमिशन स्कूल में करवा दिया। दुर्भावना से ग्रस्त जीजा ने बेटे को स्कूल से उठा लिया। कोर्ट में केस लगाया। फैसला हमारे पक्ष में हुआ कि बच्चे मां के पास रहेंगे।
19 मई, 2014 को मैं बहन के साथ रेलवे स्टेशन के नजदीक से जा रही थी। जीजा और उसके तीन भाई अचानक सामने आ गए। उन्होंने बहन पर तेजाब फेंका। तेजाब के छींटे बहन की बाजू पर गिरे। बहन ने मुझसे कहा कि वह भाग जाए। मैं भागने लगी, परंतु जीजा ने मेरा बुर्का हटाया और बाल पकड़कर मेरे चेहरे पर तेजाब फेंक दिया। पल भर में ही मेरा चेहरा जलने लगा। कुछ समझ नहीं आया कि क्या हुआ। मैं चिल्लाने लगी। स्टेशन के पास बहुत से लोग थे, पर सब तमाशा देखते रहे।
बकौल रेशमा मेरी बहन चिल्ला-चिल्ला कर मदद मांग रही थी। फिर एक अजनबी ने मेरा हाथ पकड़ा और अस्पताल तक पहुंचाया। मेरी बाईं आंख की रोशनी जाती रही। चेहरा भी बुरी तरह झुलस गया। उपचार के बाद अस्पताल से घर पहुंची। आईने में अपनी सूरत देखी तो अवाक रह गई। मैं परिवार वालों से कहती कि मुझे पहले जैसा बना दो वरना मैं कुछ कर बैठूंगी, पर परिवार वाले बेबस थे।
इस घटना के बाद मैंने खुद को अंधेरे में कैद कर लिया। मुस्कुराना तो दूर, बोलना तक बंद कर दिया। फिर रिया शर्मा मेरी जिंदगी में आईं। वह 'मेक लव नॉट स्कार्ट' संस्था चलाती हैं। रिया मैम ने ही मुझे बताया कि दुनिया में असंख्य महिलाओं पर Acid attack हुए हैं। इसका मतलब यह तो नहीं कि जीने की आस ही छोड़ दो। तुम जिंदादिली से जिओ, जिंदगी खूबसूरत दिखने लगेगी। उनके इन शब्दों ने मेरे मन-मस्तिष्क में नई ऊर्जा का संचार किया।
न्यूयॉर्क फैशन वीक में रैंप पर कैटवॉक कर लोगों का दिल जीता
तेजाब से चेहरा विकृत होने के बावजूद रेशमा ने फैशन की दुनिया में कदम रखा। न्यूयॉर्क फैशन वीक में रैंप पर कैटवॉक कर लोगों का दिल जीत लिया। साथ ही यह संदेश दिया कि रंग रूप ही असली खूबसूरती नहीं। रेशमा ने अर्चना कोचर की डिजाइन ड्रेस पहनकर रैंप पर कैटवॉक की। लोगों ने तालियां बजाकर उनका हौसला बढ़ाया।
एसिड पीडि़ताओं की आवाज बनीं
रेशमा के अनुसार जिंदगी बेशकीमती है। दुनिया से कहना चाहती हूं कि एसिड पीडि़ताओं को कमजोर न समझें। रेशमा तेजाब पीडि़ताओं की आवाज बन गई हैं। उन्होंने यू-ट््यूब पर मेक 'लव नॉट स्केयर्स' शीर्षक से वीडियो जारी किया है। इस वीडियो का मकसद तेजाब हमले का शिकार महिलाओं के मन से हीन भाव खत्म कर उनके भीतर जागरूकता उत्पन्न करना है। वहीं 'ब्यूटी टिप्स बाई रेशमा' नाम से भी एक अन्य वीडियो जारी किया है। इसका मकसद बाजार में आसानी से मिलने वाले तेजाब के खिलाफ था।
बीइंग रेशमा
रेशमा पर हुए Acid attack व उसके बाद उत्पन्न हुई परिस्थितियों को एक पुस्तक में पिरोया गया है। युवा लेखिका तान्या ङ्क्षसह के सहयोग से रेशमा ने 'बीइंग रेशमा' पुस्तक लिखी है। पुस्तक में रेशमा की हिम्मत और हौसले को प्रस्तुत किया गया है। उनकी यह पुस्तक साहित्य जगत में सुर्खियां बटोर रही है।