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    पा‍क जेल से रिहा हो अमृतसर पहुंचा UP का सोनू स्‍वजनों से मिल हुआ भावुक, पिता ने चूम लिया माथा

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sun, 22 Nov 2020 01:27 PM (IST)

    पाकिस्‍तान की जेल से रिहा हाेकर अमृतसर पहुंचे साेनू सिंह को आज अपना परिवार मिल गया। उसे लेने पिता और चाचा पहुंचे तो साेनू भावुक हो गया और उसकी आंखें छलक आईं। पिता ने अपने लाडले को देखा तो उसके माथे को चूम लिया।

    पाक जेल से लौटे सोनू सिंह से मिलने के बाद उसका माथा चूमते पिता रोशन सिंह।

    अमृतसर, जेएनएन। पाकिस्‍तान की जेल से छूट कर भारत पहुंचे सोनू सिंह आखिरकार अपने स्‍वजनों से मिला। सोनू जब अपने पिता और चाचा से मिला ताे उसकी आंखें छलक आईं। उत्‍तर प्रदेश के ललितपुर के गांव सतवांसा से सोनू काे उसके पिता रोशन सिंह और चाचा उदय सिंह लेने पहुंचे। पिता ने लाडले को देखा तो उसके माथे को चूम लिया। दोनों पिता-पुत्र इस दौरान बेहद भावुक हो गए। चाचा ने भी उसे गले से लगा लिया

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    उत्तर प्रदेश के जिला ललितपुर की तहसील महरौनी के गांव सतवांसा का रोशन सिंह रविवार की सुबह अपने भाई उदय सिंह के साथ पाकिस्तान की जेल से छूट कर भारत पहुंचे अपने बेटे सोनू सिंह को लेने पहुंचे। वह अपने बेटे का वोटिंग कार्ड, राशन कार्ड लेकर पहुंचे। राशन कार्ड में सोनू सिंह का नाम छठे नंबर पर दर्ज है। पाकिस्‍तान से लौटने के बाद सोनू सिंह छेहरटा के नारायणगढ़ स्थित कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में क्वारंटाइन था। पिता गांव के सरपंच का पत्र लेकर सोनू को लेने पहुंचे, लेकिन उनके पास संबंधित थाना प्रभारी, एसडीएम या जिला प्रशासन की ओर से कोई पत्र लेकर नहीं आए। इस बात ने इनके लिए यहां सोनू सिंह को ले जाने में मुश्किल खड़ी कर दी है।

    चाचा से गले मिलता सोनू सिंह।

    हेल्थ सेंटर में तैनात सुरक्षा अधिकारी मनिंदर सिंह ने उन्हें बताया कि वह अपने थाना या सब डिवीजन आफिस से इस संबंधी एक फेक्स मंगवा लें क्योंकि सोनू सिंह को उत्तर प्रदेश ले जाने संबंधी दरोगा या एसडीएम का दस्तावेज बहुत जरूरी है।

     बता दें कि उत्‍तर प्रदेश के ललितपुर जिले का सोनू सिंह 26 अक्टूबर 2020 को चार अन्य भारतीय कैदियों के साथ पाकिस्तान की जेलों से रिहाई के बाद अटारी सीमा के रास्ते भारत पहुंचा था। तब से उसे नायारणगढ़ स्थित कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में क्वारंटाइन किया गया था। छत्तीसगढ़ के घनश्याम कुमार, ओड़िसा के बिरजू और कानपुर के कंघीमोहाल के शमशूद्दीन को तो परिजन और प्रशासन की टीमें ले गई थी, लेकिन सोनू सिंह और सतीश भोग को अभी भी हेल्थ सेंटर में क्वारंटाइन रखा गया था।

    रोशन सिंह ने बताया कि उनके चार बेटे हैं और सोनू सिंह उसका सबसे बेटा है। सोनू सिंह 12 साल पहले दिमागी परेशानी की हालत में घर से चला गया था। कुछ समय बाद उन्हें अधिकारियों से पता चला कि सोनू पाकिस्तान की जेल में बंद है। अब उन्हें अधिकारियों से ही पता चला कि उनका बेटा पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर भारत पहुंच चुका है और इस वक्त वह छेहरटा के नारायणगढ़ में कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में है। वह गांव के सरपंच का पत्र लेकर सोनू को लेने पहुंचे तो पता चला कि इसके लिए उनके गांव के दरोगा या इलाका के एसडीएम का पत्र भी जरूरी है। इस लिए अब वे अपने गांव में संपर्क कर उक्त दस्तावेज मंगवाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि बेटे को अपने घर ले जा सकें।

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