Punjab Flood: बाढ़ में 'नागलोक' बने कई गांव, 26 लोगों को सांप ने डंसा
अमृतसर के अजनाला में बाढ़ के बाद सर्पदंश के मामले बढ़ गए हैं। अब तक 26 लोगों को सांप काट चुके हैं जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है। मेडिकल कॉलेज अमृतसर ने पीड़ितों के इलाज के लिए 400 एंटी वेनम इंजेक्शन भेजे हैं। बाढ़ के कारण सांप बिलों से बाहर निकलकर घरों में घुस रहे हैं। डॉक्टरों ने सर्पदंश होने पर तुरंत अस्पताल जाने की सलाह दी है।

नितिन धीमान, अमृतसर। जल प्रलय के बाद अजनाला के गांव नागलोक बन चुके हैं। बाढ़ का पानी गांवों में प्रवेश करने के बाद अब सर्पदंश के मामलों में वृद्धि हुई है। अब तक 26 लोगों को सांपों ने काटा है, जबकि तीन की मृत्यु भी हो गई।
बाढ़ ग्रस्त गांवों में रहने वाले लोगों को सर्पदंश के बाद उपचार देने के लिए मेडिकल कालेज अमृतसर की ओर से 400 एंटी वेनम इंजेक्शन भेजे गए हैं। ये इंजेक्शन सिविल अस्पताल अजनाला में रखवाए गए हैं, ताकि सर्पदंश का शिकार लोगों का उपचार किया जा सके। एंटी वेनम इंजेक्शन लगाने के बाद मरीज के रक्त से सर्प विष निष्क्रिय हो जाता है।
दरअसल, बाढ़ के कारण सांपों के बिलों में पानी घुसा। बिलों से बाहर निकलकर सांप तैरते हुए सुरक्षित स्थानों की तलाश करते हैं। अजनाला के कई गांवों में सांपों को पानी में तैरते हुए देखा गया है। ये सांप उन घरों में प्रवेश कर रहे हैं जहां से पानी निकल चुका है।
रहने को सुरक्षित स्थान व भोजन न मिलने के कारण सांप आक्रामक हो जाते हैं। यही कारण है कि अब तक 26 लोगों को सांपों ने काटा और तीन को मौत की नींद सुला दिया। सर्पदंश का शिकार दो मरीज अस्पताल में उपचाराधीन भी हैं।
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डा. राजीव देवगण ने बताया कि डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने मौके पर स्थिति का अवलोकन करने के बाद अजनाला में दवाइयां पहुंचाने के निर्देश दिए थे। मेडिकल कोलेज ने सब-डिवीजनल अस्पताल अजनाला में सर्प-रोधी दवाओं की 400 खुराकें भेज दी हैं।
उन्होंने लोगों से अपील की कि सांप के काटने पर घबराने की जरूरत नहीं है। सांप के काटने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे ताकि समय पर इलाज शुरू कर मरीज की जान बचाई जा सके। वर्षा के मौसम में इंसानों को सांप के काटने की घटनाएं आम हैं।
पंजाब में कई प्रकार के विषैले सांपों के अलावा कामन क्रेट, रसेल वाइपर और कोबरा जैसे जहरीले सांप भी पाए जाते हैं। इनके द्वारा काटे जाने के तत्काल बाद इंजेक्शन लगवा लेना चाहिए।
तथाकथित तांत्रिकों, बाबाओं या झोलाछाप डाक्टरों के पास जाने की बजाय अस्पताल जाना चाहिए क्योंकि इनके पास उपचार नहीं होता, बल्कि मरीज की हालत और गंभीर बन जाती है। समय पर उपचार न मिलने से मरीज की जान चली जाती है।
सिविल सर्जन डा. स्वर्णजीत धवन ने बताया कि यदि सांप काट ले तो सबसे पहले संबंधित हिस्से पर काटने का निशान देखें, ताकि यह निश्चित रूप से पता चल सके कि सांप ने काटा है। मरीज का हौसला बढ़ाएं और उसे बताएं कि सभी सांप जहरीले नहीं होते।
पट्टी को इतना कसकर न लपेटें कि रक्त प्रवाह बंद हो जाए। मरीज को दौड़कर या गाड़ी चलाकर अस्पताल नहीं जाना चाहिए। काटे हुए स्थान से जूते, घड़ी, गहने या कपड़े उतार दें।
सांप के काटने वाली जगह को खरोंचने की कोशिश न करें और सांप को मारने की कोशिश में समय बर्बाद करने के बजाय, मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाएं। किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग के हेल्पलाइन नंबर 104 पर संपर्क किया जा सकता है या 108 पर कॉल करके एम्बुलेंस बुलाई जा सकती है।
सांप के काटने के लक्षण
दर्द, सूजन, घाव, काटने वाली जगह पर रक्तस्राव, सांस लेने में कठिनाई, निगलने और बोलने में कठिनाई, गर्दन की मांसपेशियों में कमजोरी, सिर उठाने में कठिनाई, कान, नाक, गाल या किसी अन्य जगह से रक्तस्राव आदि।
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