पाकिस्तान गए सिख जत्थे की एक महिला लापता, पाकिस्तानी लड़के से छिपकर कर ली शादी! इस 'खेल' के बाद घेरे में सुरक्षा एजेंसी
श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर पाकिस्तान गए सिख जत्थे से एक महिला के लापता होने और वहां शादी करने की खबर से विवाद हो गया है। एसजीपीसी ने सरकार की जांच प्रक्रिया की आलोचना करते हुए कहा कि इससे समुदाय की छवि धूमिल हुई है। एसजीपीसी ने सुरक्षा एजेंसियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें महिला के इरादों की जानकारी होनी चाहिए थी और सरकार से जांच कड़ी करने की मांग की है।
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श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव पर पाकिस्तान गए सिख जत्थे से एक महिला के लापता होने और वहां शादी करने की खबर से विवाद हो गया है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव के लिए भारत से पाकिस्तान गए एक विशेष सिख जत्थे की एक महिला के लापता होने और बाद में वहीं उसकी शादी होने की खबर ने विवाद खड़ा कर दिया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की जांच प्रक्रिया की आलोचना की है। एसजीपीसी सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि इस घटना से न केवल एक परिवार, बल्कि पूरे समुदाय की छवि धूमिल हुई है।
एसजीपीसी के सदस्य तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान जाने की सलाह देते हैं। किसी भी सदस्य ने इस महिला और जत्थे के आठ अन्य तीर्थयात्रियों की सिफारिश नहीं की। एसजीपीसी का काम केवल तीर्थयात्रियों की सूची तैयार कर सरकार को भेजना है। तीर्थयात्रियों की पृष्ठभूमि की जाँच करना एसजीपीसी की नहीं, बल्कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की ज़िम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि जत्थे के सदस्यों के अनुसार, महिला लगभग आठ दिनों तक जत्थे के साथ रही, लेकिन उसने न तो किसी रिश्तेदार से मिलने का ज़िक्र किया और न ही किसी निजी फैसले का।
अगर महिला पहले किसी के साथ ऑनलाइन संपर्क में थी या उसके इरादों पर कोई शक था, तो सुरक्षा एजेंसियों को इसकी जानकारी होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले तीर्थयात्रियों को अक्सर सीमा पार करने से पहले ही रोक दिया जाता रहा है। इस बार, अधूरे दस्तावेज़ों या अन्य कारणों से अटारी सीमा पर एक दर्जन तीर्थयात्रियों को वापस भेज दिया गया। अगर जाँच ठीक से की गई होती, तो महिला को पहले ही रोका जा सकता था।
प्रताप सिंह ने कहा कि महिला द्वारा पाकिस्तान में शादी करने की खबर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे परिवार के साथ-साथ सिख समुदाय की भी बदनामी होती है। समूह का प्रत्येक सदस्य सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है और किसी भी व्यक्तिगत निर्णय का प्रभाव पूरे समुदाय की प्रतिष्ठा पर पड़ता है।
सचिव ने माँग की कि सरकार पाकिस्तान यात्रा से संबंधित जाँच व्यवस्था को और कड़ा करे ताकि भविष्य में कोई भी समूह की धार्मिक यात्रा का दुरुपयोग न कर सके। उन्होंने कहा कि सरकार वीज़ा और अन्य औपचारिकताओं में ढिलाई बरत सकती है, लेकिन सुरक्षा जाँच में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि वह इस मामले में अपनी कोई गलती नहीं मानते।

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