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    दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर कृपाण के साथ सिख को नहीं मिली एंट्री, SGPC का कड़ा विरोध, 'अधिकारों का फिर हुआ उल्लंघन'

    Updated: Thu, 28 Nov 2024 08:35 PM (IST)

    देश में सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले बार-बार सामने आ रहे हैं। हाल ही में दिल्ली के झिलमिल मेट्रो स्टेशन पर एक सीआईएसएफ कर्मचारी ने एक अमृतधारी सिख को कृपाण लेकर प्रवेश करने से रोक दिया। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने इस घटना की निंदा की है।

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    दिल्ली के झिलमिल मेट्रो स्टेशन पर सिख को नहीं मिली एंट्री (वीडियो)

    डिजिटल डेस्क, अमृतसर। दिल्ली के झिलमिल मेट्रो स्टेशन पर सीआईएसएफ के एक कर्मचारी द्वारा सिख को रोके जाने के बाद हंगामा हो गया। इस बाबत एक वीडियो भी जारी हुआ है। वहीं, इस मामले में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) का रिएक्शन भी सामने आया है।

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    एसजीपीसी ने एक्स पर लिखा

    शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा गया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने दिल्ली के झिलमिल मेट्रो स्टेशन में कृपाण लेकर एक अमृतधारी सिख को प्रवेश करने से रोकने की घटना का संज्ञान लेते हुए कहा कि यह देश के संविधान का उल्लंघन है।

    उन्होंने कहा कि देश में सिखों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के मामले बार-बार सामने आ रहे हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकारें ऐसा करने वालों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के तहत देश के प्रत्येक नागरिक को अपनी धार्मिक मान्यताओं की रक्षा करने की स्वतंत्रता है।

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    पांच ककार में शामिल है कृपाण

    एक दीक्षित सिख को पांच ककार (आस्था के प्रतीक) अवश्य धारण करने चाहिए और भारत का संविधान भी इसकी इजाजत देता है। एडवोकेट धामी ने कहा कि हाल ही में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने भी एक अधिसूचना जारी कर सिख कर्मचारियों को भारतीय हवाई अड्डों पर कृपाण धारण करने से मना किया था, जिस पर एसजीपीसी ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी।

    एडवोकेट धामी ने कहा कि अब एक सीआईएसएफ कर्मचारी ने एक सिख को कृपाण धारण करने से दिल्ली के झिलमिल मेट्रो स्टेशन में प्रवेश करने से रोका है, और इस तरह का कृत्य धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के समान है। उन्होंने कहा कि इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसका संज्ञान लेते हुए सरकार को आरोपी सीआईएसएफ कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

    उन्होंने कहा कि भारत सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश में सिखों के साथ ककार धारण करने के कारण भेदभाव न हो। एडवोकेट धामी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार से इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने और सिखों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।

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