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    गुरु नानक जयंती: 1942 सिख श्रद्धालु पाकिस्तान रवाना, वीजा विवाद में 12 तीर्थयात्री लौटाए; अटारी बॉर्डर पर बवाल

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 08:00 PM (IST)

    गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती पर 1942 सिख श्रद्धालु अटारी-वाघा सीमा से पाकिस्तान रवाना हुए। वीजा संबंधी समस्याओं के कारण कुछ श्रद्धालुओं को अनुमति नहीं मिली, जिससे विरोध प्रदर्शन हुआ। पाकिस्तान ने 12 हिंदू तीर्थयात्रियों को भी लौटा दिया, जिससे विवाद उत्पन्न हो गया। गुरु नानक जयंती ननकाना साहिब में मनाई जाएगी।

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    श्री गुरु नानक देव जी की जयंती मनाकर अन्य गुरुद्वारों के दर्शन करेंगे (फोटो: जागरण)

    संवाद सहयोगी, अटारी\अमृतसर। प्रथम पातशाही श्री गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती मनाने के लिए भारत से 1942 सिख श्रद्धालुओं का एक जत्था अंतर्राष्ट्रीय अटारी-वाघा सीमा होते हुए पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ है।

    यह जत्था श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज्ज के नेतृत्व में बोले सो निहाल सत श्री अकाल के जयकारों के साथ रवाना हुआ, जिनका वाघा सीमा पर पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति और उकाफ बोर्ड के अधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।

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    श्री गुरु नानक देव जी की जयंती 5 नवंबर को भारत और पाकिस्तान के श्रद्धालुओं और विदेशों से आई संगत द्वारा पाकिस्तान स्थित उनके जन्मस्थान गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब में मनाई जाएगी।

    सिख श्रद्धालुओं ने कहा कि उनकी वर्षों की श्रद्धा पूरी हुई है और वे धर्मस्थलों के दर्शन कर अपना जीवन सफल बना सकेंगे। 1942 श्रद्धालु रवाना हो चुके हैं लेकिन 300 से अधिक श्रद्धालु जिनके पास वीजा है, उन्हें पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं मिली क्योंकि उनकी अनुमति नहीं आई है और कागजी कार्रवाई में भी त्रुटियां हैं।

    वे देर शाम तक अनुमति का इंतजार करते रहे लेकिन परमिशन नहीं आई। इसी रोष के चलते उन्होंने अटारी बॉर्डर पर धरना भी दिया और भारत सरकार से पाकिस्तान के धर्मस्थलों के दर्शन करने की अनुमति देने की गुहार लगाई। देर शाम अनुमति नहीं मिलने पर उन्होंने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय अटारी-वाघा बॉर्डर पर जाने वाले पर्यटकों के वाहन रोक दिए।

    उनका कहना था कि झंडा रस्म देखने जा रहे पर्यटकों के वाहन सरकार के कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए रोके गए हैं। डीएसपी अटारी यादविंदर सिंह ने वाहनों को पार्किंग में खड़ा करवाया और पर्यटकों को दर्शक दीर्घा में पहुंचाया ताकि वे झंडा रस्म देखने से वंचित न रहें।

    श्रद्धालु देर शाम तक पाकिस्तान जाने के लिए अटारी बॉर्डर पर इंतजार कर रहे हैं। इनमें से कुछ श्रद्धालु देर शाम अपने घरों के लिए रवाना हो गए। वे कह रहे थे कि उनका मन बहुत दुखी है।

    पाकिस्तान जा रहे सिख श्रद्धालुओं के जत्थे के साथ पाकिस्तान जा रहे 12 हिंदू तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान सीमा शुल्क-आव्रजन विभाग ने भारत लौटा दिया है। आईसीपी चेक पोस्ट अटारी पर तैनात सीमा शुल्क एवं आव्रजन विभाग ने जत्थे के साथ जा रहे हिंदू तीर्थयात्रियों को प्राथमिकता दी थी ताकि वे समय पर पाकिस्तान जा सकें।

    इन हिंदू तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के वाघा बॉर्डर स्टेशन पर कई घंटों तक रोका गया। पाकिस्तान ने कहा कि यह एक सिख जत्था है। हिंदू तीर्थयात्री सिख जत्थे के साथ नहीं जा सकते, जिससे पता चलता है कि पाकिस्तान हिंदुओं और सिखों के बीच दरार पैदा कर रहा है।

    भारतीय हिंदू तीर्थयात्री बहुत दुखी मन से भारत लौटे हैं। वे बड़ी हसरत से पाकिस्तान स्थित अपने जन्मस्थान गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब के दर्शन करने गए थे। उन्होंने कहा कि उनकी उम्मीदें तब टूट गईं जब उन्हें पाकिस्तान वाघा बॉर्डर से पाकिस्तानी सरकारी अधिकारियों ने वापस भेज दिया।

    आपको बता दें कि यह पाकिस्तानी हिंदू परिवार काफी समय पहले भारत आया था और भारत ने उसे स्थायी नागरिकता दे दी थी। इसी वजह से उसे भारत वापस भेज दिया गया है।