'धार्मिक आयोजनों में दखल न दें...', SGPC ने पंजाब सरकार से आखिर क्यों कही ये बात?
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने पंजाब सरकार से धार्मिक आयोजनों में हस्तक्षेप न करने का आग्रह किया है। एसजीपीसी का कहना है कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शहादत की 350वीं शताब्दी के कार्यक्रम आयोजित करना उनकी जिम्मेदारी है। सरकार को विकास कार्यों पर ध्यान देना चाहिए। एसजीपीसी ने सरकार पर पंथक भावनाओं के विरुद्ध कार्य करने और मर्यादा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।

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जागरण संवाददाता, अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने स्पष्ट कहा है कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शहादत की 350वीं शताब्दी के अवसर पर धार्मिक कार्यक्रमों और कीर्तन दरबार का आयोजन सिखों की प्रतिनिधि धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की जिम्मेदारी है और पंजाब सरकार को इसमें दखलअंदाजी से बचना चाहिए।
पंजाब सरकार द्वारा श्री आनंदपुर साहिब में कीर्तन समारोह आयोजित करने की अनुमति न देने से जुड़ी खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए शिरोमणि कमेटी के सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार को पहले ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि वह श्री आनंदपुर साहिब में विकास कार्यों पर ध्यान दे और संगत की सुविधा के लिए सहयोग करे। सरकार सिख पंथ से जुड़ी संस्थाओं के समानांतर धार्मिक आयोजन करवाने पर अड़ी हुई है, जो पंथक भावनाओं के विरुद्ध है।
सचिव ने कहा कि धार्मिक आयोजन और कीर्तन दरबार मर्यादा से जुड़े विषय हैं, जिनमें किसी भी उल्लंघन के बाद विवाद खड़े होते हैं। सरकार द्वारा पहले भी श्रीनगर के एक आयोजन में मर्यादा का उल्लंघन किया गया था, जिस पर यह मामला श्री अकाल तख्त साहिब में विचाराधीन हुआ। तब अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने भी सरकार को कहा था कि वह धार्मिक आयोजनों की बजाय श्री आनंदपुर साहिब के विकास पर ध्यान दे और धार्मिक कार्यक्रमों की जिम्मेवारी सिख संस्थाओं को निभाने दे।
उन्होंने कहा कि अब सरकार जानबूझकर शिरोमणि कमेटी को बदनाम करने की नीयत से धार्मिक आयोजनों में हस्तक्षेप कर रही है। शिरोमणि कमेटी गुरुद्वारों में कार्यक्रमों की अनुमति देते समय पंथक भावनाओं को ध्यान में रखती है और केवल धार्मिक संस्थाओं व जथेबंदियों को ही ऐसी अनुमति प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी ने शहादत शताब्दी को समर्पित बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जिनमें सभी को आमंत्रित किया गया है। सरकार भी इन आयोजनों में शामिल हो सकती है, लेकिन उसमें राजनीति नहीं करनी चाहिए।वर्तमान में नौवें पातशाह जी के पावन स्थल गुरुद्वारा बाबा बकाला साहिब में दो दिवसीय गुरमत समागम जारी हैं, जहां संगत बड़ी संख्या में नतमस्तक हो रही है। किसी भी सरकारी प्रतिनिधि को इन आयोजनों में शामिल होने से रोका नहीं गया है, बल्कि सरकार की जिम्मेवारी है कि वह पंथक आयोजनों में शामिल होकर सहयोग करे।
इस अवसर पर धर्म प्रचार कमेटी के सचिव बलविंदर सिंह काहलवां, अतिरिक्त सचिव गुरिंदर सिंह मथरेवाल, निजी सचिव शाहबाज सिंह, कुलदीप सिंह रोडे, जसविंदर सिंह जस्सी, गुरदियाल सिंह, गुरनाम सिंह, बलविंदर सिंह खैराबाद, हरभजन सिंह वक्ता, सुखबीर सिंह आदि उपस्थित थे।

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