Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'उनकी मंशा प्रधान बनने की थी, जो पूरी हो गई...', हरजिंदर धामी ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर साधा निशाना

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 08:57 PM (IST)

    शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह की प्रधान बनने की मंशा पहले से थी। उन्होंने एसजीपीसी को हथियाने के बयान से सिख संस्था की गरिमा को आहत किया है। धामी ने कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं।

    Hero Image
    ज्ञानी हरप्रीत की मंशा प्रधान बनने की ही थी, जो पूरी हो गई: धामी (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि जब भर्ती कमेटी बनी थी तब श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह उसके चेयरमैन थे और उनकी मंशा उसी समय से प्रधान बनने की थी। यह सारा पहले से तय था और अब उनकी मंशा पूरी हो गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंथ में झगड़ा न हो, इसलिए मैंने उसे एकजुट करने की कोशिश की, लेकिन अब पंथ को दोफाड़ कर दिया गया है। यह बात कई लोगों को पहले से पता थी कि हरप्रीत सिंह ही प्रधान बनेंगे। एडवोकेट धामी मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

    उन्होंने कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह का हालिया बयान, जिसमें उन्होंने एसजीपीसी को हथियाने की बात कही थी, सिख संस्था की गरिमा, मर्यादा व इतिहास को आहत करने वाला है। यह इस बात की ओर इंगित करता है कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं और उनकी मंशा संस्था को कमजोर करने की है।

    उन्होंने कहा कि अकाली दल में मतभेद पहले भी देखे गए हैं, लेकिन एसजीपीसी में इस तरह की खींचतान पहली बार देख रहे हैं। अब कहा जा रहा है कि एसजीपीसी के चुनाव करवाए जाएंगे, लेकिन यह बातें पंथ में फूट डालने वाली हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह स्वयं भी चाहते हैं कि चुनाव हों लेकिन यह अधिकार केंद्र सरकार के पास है।

    एडवोकेट धामी ने कहा कि शिरोमणि कमेटी कौम की संस्था है जिसकी सेवा संगत द्वारा दिए गए नेतृत्व से ही होती है। संवैधानिक तौर पर कोई भी चुनाव जीतकर इस संस्था की सेवा कर सकता है, लेकिन अनैतिक बातें ठीक नहीं हैं। आज कौम के सामने कई चुनौतियां हैं, जिन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए और राष्ट्र की संस्थाओं और संगठनों पर कब्जा करने जैसे बयान देकर कौम के भीतर भ्रम की स्थिति पैदा नहीं करनी चाहिए।

    इस अवसर पर बलदेव सिंह, शेर सिंह मंडवाला, बलदेव सिंह कायमपुर, सदस्य भाई अजायब सिंह अभिषेक, सतबीर सिंह धामी, प्रताप सिंह, बलविंदर सिंह काहलवां, अतिरिक्त सचिव गुरिंदर सिंह मथरेवाल, बिजय सिंह, भगवंत सिंह धंगेरा, बलदेव सिंह, सुरजीत सिंह राणा उपस्थित थे।