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    'सिख संगठन ही हकदार हैं...', पंजाब सरकार के गुरु तेग बहादुर शहीदी शताब्दी समारोह पर SGPC का कड़ा विरोध

    Updated: Tue, 22 Jul 2025 12:55 PM (IST)

    शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी शताब्दी पर पंजाब सरकार द्वारा अलग समारोह की घोषणा पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी ही सिख संगठनों के सहयोग से शताब्दी समारोह आयोजित करने की हकदार है। सरकारों का काम सुविधाएं देना है हस्तक्षेप करना नहीं।

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    अमृतसर.. पत्रकार वार्ता के दौरान जानकारी देते हुए एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी।

    जागरण संवाददाता, अमृतसर। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी शताब्दी के अवसर पर पंजाब सरकार द्वारा अलग से आधिकारिक समारोह आयोजित करने की घोषणा पर कड़ा ऐतराज जताया है।

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    एडवोकेट धामी ने कहा कि सिख पंथ की सर्वोच्च धार्मिक संस्था होने के नाते शिरोमणि कमेटी ही सिख संगठनों और संगतों के सहयोग से ऐतिहासिक शताब्दी समारोह आयोजित करने की हकदार है।

    उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारों का काम संगत के लिए सुविधाएं मुहैया कराना होता है, न कि धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करना।

    सरकारों ने सिर्फ प्रबंधकीय सहयोग दिया

    धामी ने उदाहरण देते हुए कहा कि पहले भी सिख इतिहास के अहम मौकों पर शताब्दी समारोह शिरोमणि कमेटी की अगुवाई में ही आयोजित होते आए हैं और सरकारों ने केवल प्रबंधकीय सहयोग दिया है। जैसे कि बिहार सरकार ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व पर सभी व्यवस्थाओं में सहयोग किया था।

    उन्होंने कहा कि यदि मौजूदा पंजाब सरकार आनंदपुर साहिब को "व्हाइट सिटी" में बदलने, टेंट सिटी लगाने या अन्य आधारभूत ढांचे तैयार करने की योजना बनाती है, तो शिरोमणि कमेटी इसका स्वागत करेगी। लेकिन धार्मिक आयोजनों में प्रतिस्पर्धा या समानांतर कार्यक्रम करना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।

    'सहयोगी भूमिका निभाएं, अनावश्यक विवाद पैदा न करें'

    एडवोकेट धामी ने दोहराया कि शिरोमणि कमेटी पहले ही ऐलान कर चुकी है कि शताब्दी समारोहों में केंद्र और राज्य सरकारों के प्रमुख प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की कि वह सहयोगी भूमिका निभाए, न कि पंथ में अनावश्यक विवाद पैदा करे।