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    Sanskarshala: प्रिंसिपल सुशील अग्रवाल का संदेश, बुजुर्गों संग तकनीकी ज्ञान बांटे; मार्गदर्शन भी मिलेगा

    By Jagran NewsEdited By: Deepika
    Updated: Fri, 28 Oct 2022 10:13 AM (IST)

    Sanskarshala अशोका सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल सुशील अग्रवाल ने कहा कि युवा बुजुर्गों संग भी अपना तकनीकी ज्ञान बांटे। ऐसा करने से ही हमारे बड़ ...और पढ़ें

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    अशोका सीनियर सेकेंडरी स्कूल प्रिंसिपल सुशील अग्रवाल। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, अमृतसर। Sanskarshala: इंटरनेट ने सारी दुनिया को एक कंप्यूटर या मोबाइल में बांध दिया है। जब चाहे हम एक-दूसरे से संपर्क कर सकते हैं। आज हर व्यक्ति के पास इंटरनेट है। पर इंटरनेट का प्रयोग सोच-समझ कर किया जाए तो यह लाभदायक है अन्यथा खतरनाक साबित हो सकता है।

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    युवा तकनीकी ज्ञान से परिपूर्ण हैं, लेकिन वृद्ध इससे वंचित है। पर यह एक तथ्य है कि युवाओं को इंटरनेट बड़े-बुजुर्गों के सान्निध्य में ही प्रयोग करना चाहिए। उनसे इंटरनेट की दुनिया में गलतियां होने की संभावना शून्य हो जाएगी। इसके लिए वृद्ध व बड़े-बुजुर्गों को भी तकनीकी ज्ञान से परिपूर्ण करना जरूरी है।

    युवाओं को तकनीकी ज्ञान बांटना चाहिए। तभी बड़े-बुजुर्ग तकनीकी ज्ञान से परिपूर्ण हो पाएंगे। वह इस ज्ञान के जरिए युवाओं को भी गाइड कर पाएंगे। किसी ने सच ही कहा है कि जिस तरह सीखने की कोई उम्र नहीं होती उसी प्रकार सिखाने की भी कोई उम्र नहीं होती, जी हां यह तथ्य बिलकुल सही है। जीवन भर है सीखना, जिस मानव का ध्येय, लड़े किसी रणक्षेत्र में, रहना सदा अजेय।

    कहते हैं कि मनुष्य पूरा जीवन कुछ न कुछ सीखता रहता है। उसकी शिक्षा कभी पूर्ण नहीं होती। सीखने का यह क्रम पूरे जीवनभर चलना चाहिए नहीं तो जीवन रुक जाएगा। जीने की लालसा समाप्त हो जाएगी। मनुष्य के कई शिक्षक होते हैं। आज के युग में बच्चे और युवा पीढ़ी तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बड़ों और बुजुर्गों से बहुत आगे हैं।

    आधुनिक समय में तकनीक के विकास ने मानव जीवन को बहुत सरल बना दिया है न सिर्फ तकनीक से हमारे काम जल्दी होते हैं, बल्कि उत्तम और संपूर्ण होते हैं। परंतु अधेड़ और बूढ़े व्यक्ति तकनीकी शिक्षा के अभाव में इनका पूर्ण उपयोग नहीं कर पाते। कुछ लोगों के रूढ़िवादी विचार उन्हें तकनीकी ज्ञान लेने नहीं देती।

    यह एक सत्य है कि तकनीकी विकास ने युवकों की अपेक्षा वृद्ध लोगों के जीवन में अधिक सहायता की है। इंटरनेट के उपयोग ने पूरी दुनिया को एक मोबाइल में बंद कर दिया है। इसके लाभों की गिनती बहुत लंबी है पर बुजुर्गों को अधिक लाभ इससे अपनों के साथ जुड़ने में हुआ है। अब वह हर समय अपने बच्चों, रिश्तेदारों के संपर्क में रह सकते हैं। बुजुर्गों के लिए सबसे बड़ी बाधा, इसके प्रयोग को लेकर है।

    इसके लिए युवा पीढ़ी को चाहिए कि वह अपने माता पिता व अन्य बुजुर्गों को कुछ तकनीकी ज्ञान जरूर दें। ताकि वह तकनीक के बेहतर उपयोग से अपना जीवन सरल बना सके। कुछ लोगों के मन में सीखने के प्रति अवरोध हो सकता है पर युवा पीढ़ी के धैर्य पर निर्भर करता है कि वह किस प्रकार अपने माता -पिता को बेहतर तकनीकी शिक्षा दे सकते हैं। -सुशील अग्रवाल, प्रिंसिपल अशोका सीनियर सेकेंडरी स्कूल, अमृतसर।

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