नशेड़ियों के लिए संजीवनी बूटी है धतूरा व बेल पत्र
जागरण संवाददाता, अमृतसर पंजाब में इस वक्त सबसे बड़ा मुद्दा नशा है। नशे के खात्मे के लिए पंजाब
जागरण संवाददाता, अमृतसर
पंजाब में इस वक्त सबसे बड़ा मुद्दा नशा है। नशे के खात्मे के लिए पंजाब सरकार एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। नशेड़ियों को घरों से निकालकर नशा मुक्ति केंद्र तक पहुंचाया जा रहा है। नशेड़ियों का एलोपैथी मेडिसिन से ट्रीटमेंट जारी है। इसी बीच आयुर्वेदिक स्पेशलिस्ट डॉ. नवदीप शर्मा ने दावा किया है कि आयुर्वेदिक पद्धति से नशे का शत प्रतिशत उपचार संभव है।
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ. नवदीप शर्मा ने जहर को जहर ही काट सकता है। नशा एक धीमा जहर है और इसे काटने के लिए धतूरा व बेल पत्र बेहद प्रभावशाली हैं। मान्यता के अनुसार धतूरे व बेल पत्र भगवान शिव को चढ़ाया जाता है। इसके अतिरिक्त इनसे कई औषधियां बनाई जाती हैं। यह सभी जानते हैं कि आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर धतूरा सेहत के लिए लाभकारी है, लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि धतूरे व बेल पत्र से नशा भी छुड़वाया जा सकता है।
डॉ. नवदीप के अनुसार, इंसान को अच्छी व बुरी चीज की आदत बड़ी आसानी से लग जाती है। इसे सातमेय कहा जाता है। प्राचीन काल में विष कन्या या विष पुरुष हुआ करते थे। उसके शरहर में विष सातमेय था यानी कि यह उनकी जरूरत बन चुका था। आचार्य चरक कहते हैं कि बुरी आदत को छोड़ने के लिए अंश-अंश कल्पना की जाए। इसका भावार्थ है कि धीरे-धीरे छोड़ें। नशा करने वाला शख्स एकदम नशा नहीं छोड़ सकता, क्योंकि शरीर के तंत्रिका तंत्र को इसकी आदत लग जाती है। नशेड़ी नशा छोड़ने की कोशिश करता है, लेकिन उसकी तंत्रिका तंत्र इसकी इजाजत नहीं देता। असल में धतूरा नशेड़ियों के लिए कारगर दवा है, बशर्ते नशेड़ी को यह मेडिकेटेड व प्यूरीफायर तरीके से दी जाए। धतूरा हमारे नर्वस सिस्टम को शिथिल नहीं पड़ने देता। नशा छोड़ने पर जो समस्याएं नशेड़ी को आती हैं, वह नहीं आने देता। इस पर बड़ी रिसर्च भी हो सकती है। ठीक इसी प्रकार बेल पत्र भी नशेड़ियों के लिए बेस्ट मेडिसिन है।
डॉ. नवदीप शर्मा ने कहा कि नशे के कारण परिवार तबाह हो जाते है। युवा असमय मौत की आगोश में समा रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि दृढ़ इच्छा शक्ति से नशे का परित्याग करने का संकल्प लें।
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