केंद्र की मिलीभगत से SGPC पर SAD काबिज, ज्ञानी हरप्रीत व सुखबीर बादल में छिड़ी जुबानी जंग, एक-दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप
बागी गुट के अध्यक्ष चुने जाने पर ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सुखबीर बादल पर निशाना साधा। उन्होंने एसजीपीसी चुनाव न होने का कारण शिअद और भाजपा की मिलीभगत को बताया। ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सुखबीर बादल पर चरित्र हनन का आरोप लगाया और चेतावनी दी। सुखबीर बादल ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर पंथ को कमजोर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। बागी गुट की ओर से अध्यक्ष चुने जाने के बाद ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सबसे पहले सुखबीर को अपने निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी पर वर्तमान में काबिज धड़ा (शिअद) केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के साथ मिला हुआ है, जिस कारण इस संस्था के चुनाव नहीं हो रहे हैं।
उन्होंने सुखबीर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब का इतिहास गवाह है कि जो भी यहां पेश होता है, संगत से सम्मान पाकर जाता है, लेकिन सुखबीर पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो यहां से अपमानित होकर गए। उन्होंने कहा कि मैं जत्थेदार के रूप में सेवा कर रहा था लेकिन उन्होंने वह सेवा छीन ली।
अब पंथ ने मुझे उनके सिर पर बिठा दिया है। वे कहते थे कि मैं केवल ग्रंथी हूं, राजनीति नहीं जानता लेकिन अब मैं उन्हें दिखाऊंगा कि राजनीति कैसे की जाती है। ज्ञानी ने सुखबीर बादल व शिअद के आइटी विंग को लेकर कहा कि उनका काम उनका चरित्रहनन करना है।
यदि मेरे किसी भी कार्यकर्ता या नेता का चरित्र हनन करने की कोशिश की गई तो मैं चरित्र हनन करने वाले को नंगा कर दूंगा। मेरे पास सुखबीर बादल की संपत्तियां की लंबी-लंबी सूचियां हैं। उन्होंने पहले मैं अकेला था अब पंथ और पंद्रह लाख लोग मेरे साथ हैं।
उन्होंने कहा कि जितना भी कीचड़ उछालना है उछाल लें लेकिन हम पंथक मुद्दों की ही बात करेंगे। ज्ञानी हरप्रीत ने स्पष्ट किया कि चुनाव नहीं लड़ेंगे।
'ज्ञानी हरप्रीत ने अकाली दल को बांटा'
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने दो दिसंबर 2024 के हुक्मनामे की अवहेलना की है, जिसमें विशेष रूप से शिरोमणि अकाली दल को कमजोर करने के लिए अलग हुए धड़ों की स्थापना के खिलाफ स्पष्ट आदेश दिया गया था।
उन्होंने कहा कि यह सच पूरी दुनिया जानती है कि हरप्रीत सिंह ने अलग हुए तत्वों के साथ मिलकर खालसा पंथ, पंजाब व अकाली दल को विभाजित व कमजोर करने के लिए सिख विरोधी तत्वों व केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर एक साजिश रची है।
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि मैंने श्री अकाल तख्त साहिब का हर आदेश को हुक्म मानकर उसका पालन किया और अकाली दल सरकार के समय किसी के द्वारा किए गए किसी भी गलत काम की मैंने पूरी जिम्मेदारी ली।
उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के सामने मेरे पूर्ण समर्पण के कारण वाहेगुरु ने उनकी साजिश को नाकाम कर दिया था।
उन्होंने कहा कि इन गलत तत्वों ने राज्य की पुलिस के साथ मिलकर मुझे मारने की साजिश रची और वह भी उस समय जब मैं सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थान श्री हरिमंदिर साहिब में सेवा कर रहा था लेकिन अकाल पुरख ने इस साजिश को नाकाम कर दिया।
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