गुरिंदर सिंह ढिल्लों का एक और बड़ा फैसला, खत्म किया राधा स्वामी डेरा ब्यास में VIP कल्चर
राधा स्वामी डेरा ब्यास (Radha Swami Satsang Beas) में अब वीआईपी कल्चर खत्म हो गया है। डेरा प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों (Gurinder Singh Dhillon) ने यह फैसला सभी श्रद्धालुओं को समान महत्व देने और आध्यात्मिक एकता को बढ़ावा देने के लिए लिया है। इसके अलावा डेरे में फरवरी 2025 में 3 भंडारे आयोजित किए जाएंगे। पहला भंडारा 9 फरवरी दूसरा 16 फरवरी और तीसरा 23 फरवरी को होगा।

राजिंदर रिखी, ब्यास। राधा स्वामी डेरा ब्यास (Radha Swami Satsang Beas) की संगत के लिए डेरा प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह (Gurinder Singh Dhillon) द्वारा फरवरी 2025 में 3 भंडारे आयोजित होंगे। डेरा प्रमुख ने भंडारे के तारीखों का एलान कर दिया है।
कब होंगे भंडारे?
डेरा से प्राप्त जानकारी के अनुसार पहला भंडारा 9 फरवरी, रविवार, सुबह 10:00 बजे दूसरा भंडारा 16 फरवरी, रविवार, 10:00 बजे जबकि तीसरा भंडारा 23 फरवरी, रविवार सुबह 10:00 बजे आयोजित होगा।
पहला भंडारा: 9 फरवरी, रविवार, सुबह 10:00 बजे
दूसरा भंडारा: 16 फरवरी, रविवार, सुबह 10:00 बजे
तीसरा भंडारा: 23 फरवरी, रविवार, सुबह 10:00 बजे
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डेरा में खत्म हुआ वीआईपी कल्चर
कुछ दिन पहले ही डेरा ब्यास (Radha Swami Satsang Beas) में वीआईपी कल्चर खत्म कर दिया है। इस कदम का उद्देश्य सभी श्रद्धालुओं को समान महत्व देना और आध्यात्मिक एकता को बढ़ावा देना है। अब सत्संग के दौरान बैठने की कोई विशेष व्यवस्था नहीं होगी और सभी श्रद्धालु एक ही स्थान पर बैठेंगे।
टीबी मरीजों के लिए पौष्टिक आहार
वर्णनीय है कि किसी भी आपदा के समय डेरा प्रबंधन के द्वारा लोगों के लिए विशेष प्रबंध किए जाते हैं। कुछ दिन पहले अमृतसर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी के द्वारा डेरा प्रमुख को निवेदन किया गया था कि जिले में 6000 के करीब टीबी के मरीज हैं, जिनको पौष्टिक आहार यदि डेरे की ओर से मिल जाये तो वो जल्दी तंदरुस्त हो सकते हैं।
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जिस पर डेरा प्रबंधन ने इस विनती को स्वीकार करते हुए अमृतसर जिले के टीबी मरीजों के लिए पौष्टिक आहार का प्रबंध किया है, जोकि सभी के घरों तक पहुंचाया जा रहा है।
लॉकडाउन के समय भी लोगों तक पहुंचाई थी मदद
इससे पहले भी कोरोना काल के दौरान डेरे ने अपने सभी सत्संग घर मरीजों को ठहराने के लिए खोल दिये थे और लॉकडाउन के समय डेरे ने जरूरतमंद लोगों के घरों में निरंतर खाने के पैकेट पहुंचाने का सराहनीय कार्य किया था। इसके साथ ही पंजाब समेत कुछ राज्यों को दो-दो करोड़ रुपये सहायता भी डेरे की ओर से दी गई थी।
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