Punjab News: नौकरशाही में पंजाबियों का कोटा कम हो रहा, इसे बढ़ाने के लिए किताबों से जुड़ें: जत्थेदार
शुक्र है.. पंजाब के युवाओं ने अपने साहित्य गौरवशाली इतिहास व समृद्ध विरासत को जानने के लिए किताबें पढ़ना शुरू किया है। यह बात श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने मंगलवार को मेले में व्यक्त की।
अमृतसर,जागरण डिजिटल डेस्क। पिछले साल खालसा कॉलेज में वार्षिक पुस्तक मेले में एक करोड़ रुपये की किताबों की बिक्री होना यह बताता है, जैसे तपती हुई गर्मी में ठंडी हवा का झोंका हो। शुक्र है.. पंजाब के युवाओं ने अपने साहित्य, गौरवशाली इतिहास व समृद्ध विरासत को जानने के लिए किताबें पढ़ना शुरू किया है। यह बात श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने मंगलवार को मेले में व्यक्त की।
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श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह खालसा कॉलेज में आयोजित पांच दिवसीय आठवें अमृतसर साहित्य उत्सव व पुस्तक मेले के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे। जत्थेदार ने कहा कि श्री गुटका साहिब से पाठ करने और किताबों से साहित्य व इतिहास पढ़ने से जो आनंद मिलता है, वह टैब, मोबाइल पर पढ़ने से नहीं आता। आजकल किताबों को पढ़ने में पंजाबियों की दिलचस्पी कहीं कम होती दिख रही है लेकिन अगर हम विदेश के लोगों पर नजर डालें, तो वे अपना ज्यादातर समय किसी न किसी विषय पर किताबें पढ़ने में बिताना पसंद करते हैं।
खालसा कॉलेज सिख समाज का प्रकाश स्तंभ है
हरप्रीत सिंह ने कहा कि खालसा कालेज सिख समाज का प्रकाश स्तंभ है। इलेक्ट्रॉनिक युग में भी पुस्तकों का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की नौकरशाही में पंजाबियों का कोटा लगातार कम हो रहा है व इसे बनाए रखने के लिए किताबों से जुड़ना बेहद जरूरी है।
खालसा कॉलेज गवर्निंग काउंसिल (केसीजीसी) के आनरेरी सचिव राजिंदर मोहन सिंह छीना ने कहा कि कालेज अपनी स्थापना के पहले दिन से ही पंजाबी भाषा और साहित्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। देखने में आया है कि कंप्यूटर, लैपटॉप ने बच्चों को किताबों से दूर कर दिया है। युवाओं को किताबों से जोड़ने के उद्देश्य से समूह प्रबंधन ने वर्ष 2015 में बड़े पैमाने पर साहित्यिक पुस्तक स्थापित करने का निर्णय लिया और आज काफी हद तक बच्चों को किताबों से जोड़ने में सफल हुए हैं।
भंगड़ा के साथ-साथ गिद्दा पेश कर झूमने पर किया मजबूर
इस मौके पर केसीजीसी के वित्त सचिव गुनबीर सिंह, प्रसिद्ध पंजाबी गायक बीर सिंह, डा. सुरजीत पातर, वेरका मिल्क प्लांट के लखविंदर सिंह जौहल, केवल धालीवाल व जीएम हरमिंदर सिंह संधू शामिल हुए। आयोजन का संचालन डा. परमिंदर सिंह ने अच्छा प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के दूसरे भाग में दोपहर में सुर शबद ते संवाद’ कार्यक्रम में प्रसिद्ध कवि जसवंत जफर ने गायक बीर सिंह से उनके गायन के अनुभव के बारे में पूछे सवालों के जवाब दिए और बीर सिंह ने भी अपनी गायकी से खूब रंग बांधा। कॉलेज के युवा कल्याण विभाग के छात्र-छात्राओं ने भंगड़ा व गिद्दे पेश कर दर्शकों को झूमने को मजबूर कर दिया।
महिंद्र सिंह सरना की जन्म शताब्दी को समर्पित पैनल चर्चा होगी
मुख्य आयोजक डा. आत्म सिंह रंधावा ने कहा कि मेले में दर्शकों की भारी उपस्थिति के कारण आज पुस्तकों की अच्छी खरीदारी हुई है। दूसरे दिन 15 फरवरी को चार कार्यक्रम होंगे। पहले में महिंद्र सिंह सरना की जन्म शताब्दी को समर्पित पैनल चर्चा होगी। दूसरे कार्यक्रम संवाद-ए-पंजाब में भी पैनल डिस्कशन होगा व विचारक पंजाब के वर्तमान और भविष्य पर अपने विचार रखेंगे।
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