सावधान, हर बोतल बंद पानी शुद्ध नहीं
महानगर में 50 से अधिक बोतल बंद पानी बेचने वाली फैक्ट्रियां गैरकानूनी ढंग से चल रही हैं।
संस, अमृतसर: महानगर में 50 से अधिक बोतल बंद पानी बेचने वाली फैक्ट्रियां गैरकानूनी ढंग से चल रही हैं। सिर्फ आठ फैक्ट्रियां ही सरकार के नियमों के अनुसार कार्य कर रही हैं। ऐसे में शहरवासी इन आठ फैक्ट्रियों को छोड़कर बाकी अवैध फैक्ट्रियों का बोतल बंद पानी पी रहे हैं जो शुद्ध और मापदंडों के अनुसार नहीं है। यह दावा अमृतसर पैकेज्ड वाटर एसोसिएशन ने के प्रधान मनोहर मनन ने पत्रकार वार्ता में किया है।
प्रधान मनन ने बताया कि इस संबंधी कई बार जिला हेल्थ विभाग को सूचित किया परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावा इस संबंधी हाई कोर्ट में भी एक याचिका दायर की थी जिस बारे बीएचओ को स्टेटस के बारे आदेश जारी हुए थे। इस समय अमृतसर, बटाला, तरनतारन में पैक वाटर की लीगल फैक्ट्रियां बंद होने की कगार पर हैं क्योंकि गैरकानूनी ढंग से कई फैक्ट्रियां पानी का कार्य करने लगी हैं, जिनके पास न तो कोई ब्यूरो इंडियन स्टैंडर्ड का लाइसेंस है तथा न ही लोकल प्रशासन द्वारा जारी कोई सर्टिफिकेट।
पिछले दिनों कुछ फैक्ट्रियां संबंधित विभागों ने सील की थी पर कुछ समय बाद ये फिर काम करने लगी हैं और प्रशासन खामोश बैठा हुआ है। मनन ने कहा कि इस समय फैक्ट्रियों द्वारा 150, 250 एमएल व एक लीटर बोतल व जार तैयार किया जा रहा है। इस समय प्लास्टिक के रेट भी काफी बढ़े हुए हैं। खर्चे निकालना मुश्किल हो रहा है। उस पर गैरकानूनी ढंग से चल रही है फैक्ट्रियां उनके कारोबार को बर्बाद करने में लगी हुई हैं। प्रशासन लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर अंकुश लगाए
प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए ताकि लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर अंकुश लग सके। इस अवसर पर कशिश किदरी, संदीप गुलेरिया, हरजीत पुरी, सुरिदर सिंह, वरिदर पाल, गुरमीत सिंह, नवदीप कुमार तथा अन्य फैक्ट्री वालों ने सरकार से मांग की है कि शहर में शुद्धता वाला पानी बहाल कराया जाए। वहीं असिस्टेट फूड कमिश्नर रजिंदरपाल सिंह ने कहा कि वह इस मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई करेंगे।
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