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    तरनतारन: परिवहन मंत्री से मीटिंग फेल, यूनियन ने किमी स्कीम के विरोध में चौथे दिन भी रखा बसों का चक्का जाम

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 03:04 PM (IST)

    तरनतारन में किमी स्कीम के विरोध में पंजाब रोडवेज यूनियन की हड़ताल चौथे दिन भी जारी रही। परिवहन मंत्री के साथ बैठक विफल होने के बाद यूनियन ने बसों का चक्का जाम रखा, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई। यूनियन टेंडर रद्द करने और बर्खास्त कर्मचारियों की बहाली की मांग कर रही है। उन्होंने सरकार पर वादे पूरे न करने का आरोप लगाया।

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    पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी यूनियन ने किमी स्कीम के विरोध में चौथे दिन भी बसों का चक्का जाम रखा (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, तरनतारन। किमी स्कीम के विरोध में पंजाब रोडवेज, पनबस, पीआरटीसी कोन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन की ओर से चौथे दिन भी बसों का पहिया जाम रखा गया। नतीजन मुसाफिरों को परेशानी झेलनी पड़ी।

    रविवार को परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के साथ उनके आवास पर हुई बैठक में फैसला लिया गया था कि सोमवार से राज्य भर में पहले की तरह सरकारी बसें चलेंगी, लेकिन सोमवार की सुबह होते ही यूनियन के नुमायंदों ने एक वीडियो वायरल करते राज्य सरकार समक्ष अपनी मांगों को दोबारा रखा।

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    साथ ही घोषणा की कि परिवहन मंत्री के साथ हुई बैठक मौके जो सहमति बनी थी, उसे लागू किया जाए।

    यूनियन के स्थानीय अध्यक्ष अवतार सिंह ने बताया कि किमी स्कीम के तहत जारी किया टैंडर बिना शर्त रद्द किया जाए। टैंडर रद्द करवाने लिए शुक्रवार से शुरु की गई हड़ताल के दौरान उनके नुमायंदों को नौकरी से बर्खास्त किया गया है, वह तुरंत बहाल किए जाएं।

    गिरफ्तार करके जेल में भेजे गए वर्करों की जेलों से रिहाई के आर्डर लिखित तौर पर जारी किए जाएं।

    उनके खिलाफ दर्ज किए मामलों को बिना शर्त वापस लिया जाए। बैठक मौके रविंदर सिंह, केवल सिंह, जगरुप सिंह, परमजीत सिंह, दविंदर सिंह, जसविंदरपाल सिंह, जगरुप सिंह, महिंदर सिंह, सरदारा सिंह, गुरविंदर सिंह ने बताया कि तरनतारन डिपो से संबंधित सभी 62 बसों का सोमवार (चौथे दिन) को भी पूरी तरह से चक्का जाम रहा।

    धरने मौके मुख्यमंत्री भगवंत मान, परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के खिलाफ नारेबाजी करते कहा कि रविवार को बैठक मौके जो मांगें मानी गई थीं, उन्हें लागू करने से सरकार हाथ पीछे खींच रही है।

    ऐसे में राज्य भर में संघर्ष को और तेज करने लिए यूनियन की बैठक बुलाई जा सकती है। यात्रियों को होने वाली परेशानी लिए सीधे तौर पर सरकार जिम्मेदार होगी।

    अवतार सिंह ने कहा कि 2022 के आम चुनाव में आप ने ठेकेदारी प्रणाली बंद करके कच्चे कर्मियों को पक्का करने का वादा किया था। जो पूरा नहीं किया जा रहा।