श्रीनगर कार्यक्रम विवाद मामले में शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने अकाल तख्त साहिब में मांगी माफी, मिली धार्मिक सजा
पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस श्रीनगर में गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी पर्व पर हुए कार्यक्रम में नाच-गाने के आरोपों के चलते श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हुए। उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी जिसके बाद उन्हें धार्मिक सजा सुनाई गई। इस सजा में गुरुद्वारा श्री शीशगंज में जोड़े साफ करना कड़ाह प्रसाद चढ़ाना और सड़कों की सफाई करना शामिल है।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। श्रीनगर में पिछले दिनों श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी पर्व के उपलक्ष्य में हुए कार्यक्रम में नाच-गाना होने के आरोप का सामना कर रहे पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस बुधवार को श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष पेश हुए। इस दौरान हरजोत बैंस ने अपनी गलती को स्वीकार करते हुए माफी मांगी।
इस पर श्री अकाल तख्त के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने उन्हें धार्मिक सजा सुनाई। इसके तहत उन्हें दिल्ली स्थित गुरुद्वारा श्री शीशगंज में दो दिन जोड़े (जूते) साफ करने, 1,100 रुपये की कड़ाह प्रसाद की देग चढ़ाने, श्री हरिमंदिर साहिब से 200 मीटर दूरी पर स्थित गुरुद्वारा गुरु का महल तक नंगे पांव सड़क की सफाई करने के अलावा गांव बाबा बकाला स्थित गुरुद्वारा पातशाही श्री बाबा बकाला साहिब की सौ मीटर सड़क की सफाई करने और इस सड़क के निर्माण की सजा सुनाई।
सजा सुनने के बाद हरजोत बैंस ने दोनों जगह सड़क की सफाई की और वहां से कचरा उठाकर सजा को निभाया। बता दें कि श्रीनगर में यह कार्यक्रम पंजाब सरकार और पंजाब के शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में नाच गाने का श्री अकाल तख्त ने कड़ा नोटिस लेते हुए शिक्षा मंत्री को तलब किया था।
इसी के तहत सुबह श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे हरजोत बैंस ने जत्थेदार के समक्ष कहा कि मुझे इस बात का गहरा दुख है कि मैं उस कार्यक्रम में उपस्थित था, लेकिन वहां नाच-गाने को रोका नहीं। यह मेरी गलती है। उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी। जत्थेदार ने उन्हें सिखों की कुर्बानियों के विषय में बताया और सजा सुनाते हुए आदेश दिया कि वे दिल्ली स्थित गुरुद्वारा शीशगंज साहिब जाकर भी गलती की माफी मांगें।
इसके अलावा जत्थेदार ने रंजीत सिंह और दो अन्य को भी धार्मिक सजा सुनाई। दोनों को 11 दिनों तक अपने करीबी गुरुद्वारों में जोड़े व बर्तन साफ करने की सेवा करनी होगी। जत्थेदार ने कहा कि बच्चों को सिख इतिहास के बारे में पढ़ाने के लिए पंजाब सरकार को शिरोमणि कमेटी का सहयोग लेना चाहिए।
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