ई-कचरा का प्रबंधन पूरी दुनिया के लिए चुनौती बना : बेरी
इलेक्ट्रॉनिक क्रान्ति ने मानवीय जीवन को सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण कर दिया है।
संवाद सहयोगी, अमृतसर : इलेक्ट्रॉनिक क्रांति ने मानवीय जीवन को सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण कर दिया है। पूरे विश्व में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का निर्माण व इस्तेमाल किया जाता है पर खराब होने वाली इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के अंबार ने ई-कचरा के रूप में एक नई समस्या को जन्म दिया है। यह पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक है। इसका प्रबंधन पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती बन गया है। इस विषय के बारे अध्यापकों व विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए ई-वेस्ट मूवमेंट करो संभव तथा एनजीओ पहल की तरफ से डीएवी सीसे स्कूल में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें शहर के लगभग 20 स्कूलों के अध्यापकों ने भाग लिया। प्रिसिपल अजय बेरी ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करने में भारत पूरे विश्व में चौथे नंबर पर है। लेकिन सिर्फ दो फीसद ई-कचरे का प्रबंधन किया जाता है। बाकी अवैध रूप से धरती या समुंदर में फैंक दिया जाता है। जागरूकता की कमी व नष्ट करने की मुश्किल प्रक्रिया के कारण ई-वेस्ट दुनिया भर के लिए मुसीबत व बीमारियों का घर बनता जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक पदार्थों में कई खतरनाक रसायन होते हैं जो स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करते हैं। इन रसायनों से जल व वायु प्रदूषित हो रहे है। अध्यापकों को चाहिए कि वे ई-कचरे के प्रबंधन व रिसाइक्लिंग के विषय में विद्यार्थियों को जागरूक करें, ताकि वे सभ्य नागरिक बन पर्यावरण सुरक्षा में अपना योगदान दें सकें।
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