लोगों ने कहा- हादसे के बाद नवजोत कौर खिसक गईं, नवजाेत बोलीं-पहले जा चुकी थी
अमृतसर में हुए हादसे के बाद पंजाब के कैबिनेट मत्री नवूाजे कौर सिद्धू कर पत्नी डॉ. नाजवेत कौर सिद्धू निशाने पर आ गईं। उन पर हादसे के बाद कार्यक्रम स्थल से खिसक जाने का आरोप है।
जेएनएन, अमृतसर। शहर के जोड़ा रेलवे फाटक के पास दशहरा कार्यक्रम के दौरान हुए भीषण हादसे में पजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू भी निशाने पर आए गई हैं। बताया जाता है कि वह इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं और जब हादसा हुआ तो लाेगों की मदद करने के बजाए वह वहं से खिसक गईं। इससे लाेगों में आक्रोश है। काफी संख्या में लोग वहां प्रदर्शन कर रहे हैं और नवजोत कौर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर, डॉ. नवजोत कौर ने आरोपों को पूरी तरह नकार दिया। उन्हाेंने कहा कि वह हादसे से पहले वहां से जा चुकी थीं। वह हादसे में घायल लोगों को देखने अस्पतालों में भी गर्इं।
जानकारी के अनुसार, हादसा स्थल जोड़ा फाटक अमृतसर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। इस क्षेत्र से नवजाेत सिंह सिद्धू विधायक हैं और पहले उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू यहां का प्रतिनिधित्व करती थीं। शुक्रवार को जोड़ा फाटक के पास पार्षद विजय मदान के पुत्र सौरभ मदान द्वारा इस दशहरा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें मुख्य अतिथि सिद्धू की पत्नी पूर्व मुख्य संसदीय सचिव डॉ. नवजोत कौर सिद्धू थीं।
प्रत्यदर्शियाें के अनुसार, डॉ. नवजोत कौर कार्यक्रम में मौजूद थीं। कार्यक्रम के दौरान डॉ. नवजोत कौर पुतले के दहन के दौरान भी मौजूद थीं। लाेगों का कहना है कि कार्यक्रम के दौरान ज्यों ही भगदड़ मची और ट्रेन की चपेट में लोगों के आने के बाद काेहराम मचा तो डॉ. नवजोत वहां नजर नहीं आईं।
इसके बाद लोगों ने डॉ. नवजोत कौर को नहीं देखा तो उनमें आक्रोश फैल गया। लोगों ने इसके बाद उनके खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। लोग रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए और प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। वे डॉ. नवाजोत कौर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।
मुख्य मेहमान ने फोन तक नहीं उठाया
घटना के दौरान मुख्य मेहमान डाॅ. नवजोत कौर सिद्धू मंच पर मौजूद थीं। लोगों का कहना है कि हादसे के बारे में उन्हें जानकारी दी जा चुकी थी, लेकिन उन्होंने घटना स्थल पर जाना उचित नहीं समझा। यही हाल आयोजन करवाने वाली महिला पार्षद विजय मदान और उनके बेटे सौरव मदान उर्फ मिटठू मदान का भी रहा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें घटना के बारे में जानकारी दी। लेकिन वे नहीं पहुंचे। गुस्साए लोगों ने सभी के खिलाफ नारेबाजी की और डाॅ. सिद्धू पर हत्या का मामला दर्ज करने के लिए देर रात तक ट्रैक पर डटे रहे।
दूसरी ओर, हादसे की जानकारी मिलने के बाद डॉ. नवजोत काैर अस्पताां में पहुंचीं और घायलों का हाल चाल लिया। वह वहां घायल लोगों के इलाज की व्यवस्था में लगी दिखीं। उन्हाेंने डॉक्टरों व चिकित्साकर्मियों से घायलों के इलाज को लेकर चर्चा भी करती दिखीं।
डॉ नवजोत कौर ने कहा- हादसे पर राजनीति न हो
उधर, डॉ. नवजोत कौर सिद्धू ने अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा, 'कार्यक्रम के दौरान रावण का पुतला जल चुका था और इसके बाद मैं वहां से चली गई थी। जिस समय हादसा हुआ उससे पहले मैं वहां से जा चुकी थीं। इस तरह की घटना पर राजनीति ठीक नहीं है। सबसे बड़ी प्राथमिकता घायलों का इलाज है। इस जगह पर हर साल दशहरा कार्य्क्रम होता है। जो लोग इस तरह के हादसे पर राजनीति कर रहे हैं उनको शर्म आनी चाहिए।'
डॉ. नवजोत कौर अस्पताल पहुंचीं और घायलों का इलाज किया। अमृतसर के गुरुनानक देव मेडिकल कालेज अस्पताल में पहुंची नवजोत कौर सिद्धू ने पत्रकारों से कहा कि नेता इस हादसे पर राजनीति न करें। उन्होंने कहा कि कुछ नेता इस हादसे पर संवेदना जताने के बजाय राजनीति कर रहे हैं जो उन्हें शोभा नहीं देती। डाॅ. सिद्धू ने कहा कि उन्हें हादसे के बारे में सूचना वहां निकल जाने के बाद मिली और वह तुरंत अस्पताल में पहुंचीं। उन्होंने कहा कि वह घायलों के लिए खून व दवाइयों का प्रबंध कर रही हैं। सारी रात वह अस्पताल में ही रहीं।
इससे पहले उनके घटना स्थल से चले जाने पर लोगों ने मंत्री नवजोत व उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उन्हें कोसा। यहां तक कहा कि जब तक सिद्धू मौके पर आकर अपनी पत्नी के कृत्य के लिए माफी नहीं मांगते तब तक मौके से शव नहीं उठाने देंगे।
बता दें कि गुरुनगरी में बेहद दर्दनाक हादसा हो गया और इसमें 60 से अधिक लोग मारे गए। सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मारे गए लोगों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। यहां जोडा रेलवे फाटक के पास आयोजित दशहरा कार्यक्रम के दौरान रावण का जलता हुआ पुतला नीचे गिरने लगा। इससे वहां भगदड़ मच गई आैर लोग बचने के लिए पीछे रेलवे लाइन की ओर भागे। तभी वहां तेज गति से ट्रेन आई और लाेग कुछ समझ पाते कि उनको रौंदते हुई चली गई। ट्रेन पठानकोट से अमृतसर आ रही थी।
पूजा पाठ तक नहीं करवाया गया ट्रैक पर
जोड़ा फाटक पर किसी तरह का आयोजन करवाने से पहले आयोजनकर्ता वहां पूजा पाठ करवाते हैं। लेकिन इस बार राम लीला और रावण दहन से पहले किसी तरह की पूजा पाठ नहीं करवाया गया। लोगों में आक्रोश है कि आयोजकों की लापरवाही के चलते उक्त भयंकर हादसा हुई है।
लोगों का विरोध देखते हुए लौटे नेता
जब दर्दनाक हादसे के बारे में शिक्षा मंत्री ओम प्रकाश सोनी को पता चला तो वह तुरंत जोड़ा फाटक पर घटना स्थल का मुआयना करने पहुंच गए। लेकिन लोगों के गुस्से के सामने वह रुक नहीं पाए। लोगों के विरोध को देखते हुए वह अपने सुरक्षा कर्मी छोड़कर घटना स्थल से लौट गए। पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, सांसद गुरजीत सिंह औजला को भी लोगों के विरोध के आगे वापस लौटना पड़ा।