अमृतसर में 31 दिसंबर तक बिना छूट के भरें प्रॉपर्टी टैक्स, इसके बाद देना होगा 10 फीसद जुर्माना
अमृतसर के निवासियों को अब प्रॉपर्टी टैक्स भरने पर कोई छूट नहीं मिलेगी। 31 दिसंबर तक टैक्स भरने पर जुर्माना नहीं लगेगा लेकिन उसके बाद जुर्माना लगेगा। 1 जनवरी से 31 मार्च तक 10% और 1 अप्रैल से 20% जुर्माना लगेगा साथ ही मासिक ब्याज भी देना होगा। निगम ने बताया कि 30 सितंबर तक 4.09 करोड़ रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स प्राप्त हुआ है।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। शहरवासी अब 31 दिसंबर तक बिना किसी छूट के अपना प्रॉपर्टी टैक्स भर सकते हैं। इसके बाद 1 जनवरी से लेकर 31 मार्च तक 10 फीसद जुर्माना लगेगा। 1 अप्रैल से 20 फीसद जुर्माना और डेढ फीसद मासिक ब्याज भी पड़ेगा। वहीं 30 सितंबर तक निगम के पास 4.09 करोड़ आया, जिसमें 10 फीसद छूट के साथ अंतिम दिन 1631 रिटर्नें आईं। वहीं अभी तक निगम के पास 1 अप्रैल से लेकर अब तक 36 करोड़ टैक्स आ चुका है।
ओटीएस ने भी बढ़ाई रिकवरी
पंजाब सरकार की तरफ से प्रॉपर्टी टैक्स डिफॉल्टरों के लिए निकाली गई वन टाइम सेटलमेंट स्कीम में भी काफी लोगों ने अपने पिछले सालों का बकाया टैक्स जमा करवाया है। इसमें पहले चरण में जुर्माना और ब्याज पूरी तरह से माफ रखा गया था। जिसकी अवधि भी बढ़ाई गई।
वहीं दूसरे चरण में पिछले सालों के बकाया टैक्स पर जुर्माना ब्याजा का 50 फीसद ही जमा करवाना है। नगर निगम प्रॉपर्टी टैक्स विभाग के लिए चालू साल में 55 करोड़ टैक्स रिकवरी का लक्ष्य रखा गया था। बजट में रखा गया लक्ष्य अभी चंडीगढ़ से मंजूर होकर नहीं आया है। दूसरी तरफ ओटीेएस 31 अक्टूबर तक चलेगी, जिसमें अब सिर्फ 50 फीसद जुर्माना ब्याज माफ है।
जीआईएस सर्वे पूरा होने पर बढ़ेगी टैक्स कलेक्शन
दूसरी तरफ नगर निगम की तरफ से शहर में जीआईएस सर्वे भी करवाया जा रहा है। इसमें कंपनी की टीमें सर्वे करने में लगी हुई हैं। वहीं सर्वे पूरा होने के बाद निगम के पास सभी रिहायशी और व्यवसायिक अदारों का डाटा होगा। इससे डिफाल्टरों की पहचान आसानी से होगी और निगम का रैवेन्यू बढ़ेगा। फिलहाल निगम के पास कोई डाटा नहीं होने के कारण हर साल 48 हजार से ज्यादा करदाता नहीं आ पा रहे हैं। वहीं शहर में डेढ लाख से ज्यादा टैक्सेबल जायदादें होने का अनुमान है।
बड़े कामर्शियल डिफॉल्टरों पर होगा फोकस
नगर निगम अब बड़े कामर्शियल डिफॉल्टरों पर फोकस करेगा। जिसमें नोटिस भेजने के बाद सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सुपरिटेंडेंट्स को डिफॉल्टरों की लिस्टें दी हुई हैं। वहीं निगम की टीमें पहले अलग अलग इलाकों में कैंप भी लगा चुकी है। जिसमें प्रॉपर्टी टैक्स नहीं भरने वालों के खिलाफ आगे सीलिंग अभियान छेड़ने की बात कही गई थी। 30 सितंबर के बाद अब निगम की टीमें पुराने बड़े कामर्शियल डिफाल्टरों पर कार्रवाई की तैयारी करेगा।
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