पंजाब सरकार और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ढीलमूल कार्रवाई से लटका पट्टी मक्खू रेल लिक : मलिक
राज्यसभा सदस्य व पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक ने बताया कि रेल के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जिम्मेदार
जागरण संवाददाता, अमृतसर : राज्यसभा सदस्य व पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक ने बताया कि रेल के माध्यम से अमृतसर को फिरोजपुर से जोड़ने के लिए पट्टी मक्खू रेलवे लाइन का प्रोजेक्ट उस समय के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री पवन बंसल, वित्त मंत्री पी चिदंबरम व सीएम कैप्टन अमरिदर सिंह की ढुलमुल नीति के कारण लटकता रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में जब वह सांसद बने तो उन्होंने संसद में पट्टी मक्खू रेलवे लिंक बनाने की मांग रखी। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली उनकी मांग पर अक्टूबर 2016 में पहली बार पट्टी-मक्खू रेल लिंक के लिए 299 करोड़ रुपये नीति आयोग से आबंटित करवाए। उन्होंने कहा कि इसके बाद वह उस समय के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से भी मिले और उनसे इस प्रोजेक्ट के भूमि-अधिकरण करने के लिए फिरोजपुर व तरनतारन के डीसी को भूमि अधिग्रहण करवाने के लिए सर्वे करवाने के निर्देश दिलवाए। सर्वे के बाद पाया गया कि इस प्रोजेक्ट की भूमि अधिकृत करने के लिए पंजाब सरकार को केवल 40 करोड़ रुपये खर्चने पड़ेंगे, लेकिन कैप्टन अमरिदर सरकार की ढुलमुल नीति के कारण ये प्रोजेक्ट चार साल से लटकता रहा। सांसद मलिक ने कैप्टन अमरिदर सिंह से सवाल किया कि कैप्टन का कार्यकाल छह महीने का बचा है और इस समय में वह भूमि अधिग्रहण कैसे कर पाएंगे। ये केवल चुनावी लॉलीपाप के अलावा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि अमृतसर-पिरो•ापुर रेलवे मार्ग आजादी से पहले चल रहा था, लेकिन आजादी के बाद बंद हो चुका था। इस प्रोजेक्ट के पूर्ण होने के बाद 25.74 किलोमीटर का रेल लिंक जुड़ जाने से अमृतसर से मुम्बई तक एक नया रेल रूट मिल जाएगा और पंजाब, जम्मू- कश्मीर, हिमाचल, गुजरात, राजस्थान मुंबई को जोड़ा जा सकेगा। मलिक ने कहां की आज अमृतसर से मुंबई तक केवल एक रूट है, जोकि जालंधर लुधियाना, अम्बाला के माध्यम से चल रहा है। फिरोजपुर-अमृतसर रेल का संपर्क जुड़ने से अमृतसर-मुंबई की दूरी 250 किलोमीटर कम होने के साथ पांच घंटे कम समय लगेगा।