इलाज में लापरवाही पर अस्पताल को दस लाख जुर्माना
अमृतसर के एक अस्पताल के डाकटर व मालिक पर उपभोक्ता अदालत ने पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना किया है। अस्पताल व डाक्टर पर यह कार्रवाई एक मरीज के इलाज में लापरवाही करने के कारण किया गया है। इस कारण मरीज की मौत हो गई थी।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। शहर में स्थित एक अस्पताल के डाकटर व मालिक पर उपभोक्ता अदालत ने पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना किया है। अस्पताल व डाक्टर पर यह कार्रवाई एक मरीज के इलाज में लापरवाही करने के कारण किया गया है। इस कारण मरीज की मौत हो गई थी।
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उपभोक्ता अदालत ने यह जुर्माना शहर के सात एवेन्यू स्थित पार्वती देवी अस्पताल में कार्यरत डा. जेएस सिद्धू व अस्पताल के मालिक पर किया है। डा. सिद्धू पर आरोप था कि उन्होंने 2 जुलाई, 2011 को अस्पताल में दाखिल रूपेश कुमार के इलाज में लापरवाही बरती थी। रूपेश 6 जुलाई तक अस्पताल में दाखिल रहा था। बाद में उसके पिता अशोक भंडारी उसे एस्कार्ट अस्पताल ले गए। 39 दिन तक एस्कार्ट अस्पताल में इलाज कराने के बाद रूपेश का निधन हो गया था।
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डा. सिद्धू ने अस्पताल के बाहर गेस्ट्रोएनोलोजिस्ट के बोर्ड लगा रखे हैं। इसी बोर्ड को पढ़ कर जब रूपेश को बुखार हुआ तो उसके पिता इलाज के लिए अस्पताल ले गए थे। उपभोक्ता अदालत में यह साफ हुआ कि डा. सिद्धू के पास गेेस्ट्रोएनोलोजिस्ट की कोई विशेषज्ञता नहीं है। वह एमडी हैं। गेस्ट्रोएनोलोजिस्ट के लिए डीएम की डिग्री होती है। इलाज के दौरान डॉ. सिद्धू ने रूपेश के लीवर व किडनी की जांच के लिए जो भी उपकरण व दवाइयों का प्रयोग किया जाता है उनकी अनदेखी की।
अशोक भंडारी ने बताया कि उन्होंने कई बार उनके बेटे को गलत दवाइयां भी दीं, जिससे उसकी मौत हो गई। उन्होंने अपनी याचिका में बताया कि बेटे के इलाज पर उन्हें 11,92,036 रुपये एस्कार्ट अस्पताल में खर्च करने पड़े, लेकिन फिर भी बेटे की जान नहीं बच पाई। पार्वती अस्पताल ने जो इलाज किया, उससे उसके बेटे की तबीयत बिगड़ गई थी।