नुकरा घोड़ा 90 हजार व दो भैंसें तीन लाख में बिकीं
वल्ला में चल रहे पशु मेले के अंतिम दिन मंगलवार को नुकरे घोड़े व भैंसों की सरदारी रही।
संवाद सहयोगी, अमृतसर : वल्ला में चल रहे पशु मेले के अंतिम दिन मंगलवार को नुकरे घोड़े व भैंसों की सरदारी रही। नुकरा घोड़ा जहां 90 हजार में बिका वहीं दो भैंसों की कीमत तीन लाख रुपये लगाई गई। इस मेले में बिहार, उत्तर प्रदेश, जम्मू व उड़ीसा के व्यापारी घोड़े-घोड़ियां खरीदने पहुंचे। इनके अलावा पंजाब व हरियाणा के व्यापारियों ने भैंसों की खरीदारी की। गत वर्ष के मुकाबले व्यापारियों की अधिक आमद के कारण इस साल वल्ला मंडी का पशु मेला गुलजार रहा।
बिहार के छपरा गांव शेखुपुरा से आए घोड़ों के व्यापारी मोहम्मद इमाम ने कहा कि पशु मंडी में 40 से अधिक घोड़े-घोड़ियां व बच्चे खरीदे हैं। इन्हें वह बिहार के सोनपुर व उत्तर प्रदेश के गढ़ गंगा में लगने वाले पशु मेले में बेचेगा। वहीं यूपी के सहारनपुर से आए व्यापारी अली हसन व नुकरा घोड़ियों के व्यापारी बिहार के फिरोज खान पुत्र वारिस अली ने कहा कि मेले में पशुओं की आमद कम होने के बावजूद व्यापार पक्ष से इस दीवाली का मेला ठीक रहा है। मेले में अधिकतर नुकरा, पांच कल्याणी लाल, काला व मारवाड़ी घोड़े-घोड़ियां आए हैं। नुकरी घोड़ी के व्यापारी अब्दुल अली हसन व अन्य व्यापारियों ने सफाई प्रबंधों व पशु उतारने के लिए अड्डों की हालत पर चिंता जताई। मेले में दुकानें लगा कर पशुओं के हार श्रृंगार का सामान बेचने वाले जमील अहमद व पशुओं के मसाले बेचने वाले सहारनपुर के अनवर हुसैन ने अपने काम पर तसल्ली जाहिर की, पर पशुओं की खरीदारी करके बाहर के प्रदेश यूपी, बिहार जाने वाले व्यापारियों ने सुभानपुर टोल प्लाजा के पास लूटपाट के सनसनीखेज खुलासे करते हुए चिता प्रकट की।
ऐसा होता है नुकरा घोड़ा
नुकरा घोड़ा सफेद रंग होता है और इसकी चमड़ी लाल होती है। इसकी आंखों की पुतली लाल रंग की होती है। यह काफी समझदार व ताकतवर होता है।
प्रबंधकों ने अपने स्तर पर मुहैया करवाई सुविधाएं
पशुओं के कमीशन एजेंट पलविदर पाल घुक्का ने कहा कि मेले के प्रबंधक ने अपने तौर पर बिजली, पानी, चारा व पशुओं के लिए डाक्टरी सुविधा उपलब्ध करवाई। उनका कहना था कि हर पशु की बेच मूल्य पर चार प्रतिशत लिखाई ली जाती है। भैंसों की खरीद-बेच करने वाले बहुत से व्यापारी अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन, फिरोजपुर व बठिडा जिलों से संबंधित थे।
72.43 करोड़ में गया पंजाब की पशु मंडियों का ठेका
पंजाब की पशु मंडियों के लिए 12 महीने का ठेका 72 करोड़ 43 लाख रुपये में उठाया गया। यह ठेका अमृतसर की रविदर एंड कंपनी, अमरजीत सिंह, सतपाल पाली व नसीम ठेकेदार के अलावा पटियाला के हरदेव सिंह व लखबीर सिंह एंड कंपनी के नाम गया। 22 अक्टूबर से चल रहे इस मेले में काफी संख्या में घोड़े-घोड़ियों व भैंसों की बिक्री हुई।
लगातार सीमित हो रहा पशु मेले का वजूद : नसीम
ठेकेदार नसीम का कहना है कि पशु मेले में व्यापारियों की कम आमद के कारण ठेका घाटे में जाने के संकेत हैं। व्यापारी से सज्जर भैंस की एंट्री फीस 30 रुपये, फंडर भैंस की 20 रुपये, घोड़े की फीस 100 रुपये वसूली जाती है। लाल पर्ची पर पशु बेचने वाले से व सफेद पर्ची पर खरीददार से चार प्रतिशत फीस वसूली जाती है। घोड़ों व भैंसों की कमी के कारण पशु मेले का वजूद लगातार सीमित होता जा रहा है। सुविधाओं की बात करते हुए ठेकेदार नसीम ने कहा कि पशु मेले में अपने तौर पर बिजली के अस्थायी मीटर अप्लाई किए गए हैं। पशु मंडी में पशुओं के पानी पीने की सुविधा के लिए बनी टंकी बिजली का कनेक्शन न होने के कारण सफेद हाथी साबित हो रही है।
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