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Amritsar News: जीएसटी का नया नियम लागू, 10 करोड़ सेल वालों को भी काटना होगा ई-इनवायस

Amritsar News जीएसटी में एक और नया नियम लागू हो गया है। नए नियम के तहत जिस किसी भी व्यापारी की सेल 10 करोड़ या इससे ज्यादा है तो उसे अब ई-इनवायस काटने होंगे। नए नियम के मुताबिक ई-इनवायस नहीं बनाया तो माल की सेल और सप्लाई नहीं हो पाएगी।

By harish sharmaEdited By: Published: Sun, 02 Oct 2022 12:19 AM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2022 12:23 AM (IST)
Amritsar News: जीएसटी का नया नियम लागू, 10 करोड़ सेल वालों को भी काटना होगा ई-इनवायस
Amritsar News: जीएसटी का नया नियम लागू, 10 करोड़ सेल वालों को भी काटना होगा ई-इनवायस : जागरण

अमृतसर, जागरण संवाददाता: पांच साल पहले शुरू हुआ गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में शनिवार से एक और नया नियम लागू हो गया है। इस नए नियम के तहत जिस किसी भी व्यापारी की सेल 10 करोड़ या इससे ज्यादा है तो उसे अब ई-इनवायस काटने होंगे। अगर कोई व्यापारी नए नियम के मुताबिक अपना ई-इनवायस नहीं बनाता है तो वह न तो सेल कर पाएंगे और न ही उनके माल की सप्लाई हो पाएगी।

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हालांकि इससे पहले तक यह यह लिमिट 30 करोड़ रुपये थी। मगर इसे अब कम करके 10 करोड़ रुपये तक कर दिया है। केवल इतना ही नहीं 1 अक्टूबर 2020 तक यह लिमिट 500 करोड़ रुपये हुआ करती थी। इसे लगातार कम करके 10 करोड पर लाया गया है। ऐसे में लगातार लिमिट कम होने व जीएसटी में आ रहे बदलावों के कारण व्यापारियों को परेशानी झेलनी पड़ती है।

मैन्युअल काम करने वालों को होगी ज्यादा परेशानी : खन्ना

जीएसटी प्रैक्टिशनर एसोसिएशन के पूर्व उप-प्रधान विकास खन्ना ने बताया कि इस नियम के साथ सबसे ज्यादा परेशानी मैन्युअल बिल काटने वालों को होगी। उन्होंने बताया कि इस नियम के मुताबिक दस करोड तक सेल वाले व्यापारियों को पहले ई-इनवायस काट कर जीएसटी पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इसके बाद एक नंबर जनरेट होगा। वह नंबर डालकर बिल काटना होगा। उसके बाद ही वह अपनी सेल कर सकता है। क्योंकि स्माल इंडस्ट्री वाले ज्यादातर काम मैन्युल में करते है। क्योंकि अगर इंटरनेट या अन्य कोई समस्या आती है तो वह लोग अपना ई-इनवायस नहीं बना पाएंगे और इस कारण उनकी सेल भी प्रभावित होगी।

जीएसटी को सरल तो बनाया नहीं जा रहा, उल्टा परेशानी बढ़ रही है : कपूर

लघु उद्योग भारती के प्रधान अमित कपूर ने कहा कि जीएसटी को जितना ज्यादा सरल बनाया जाएगा। उतना ही ज्यादा व्यापारी आसानी से अपनी रिटर्नें फाइल कर पाएंगे। मगर ऐसा करने की बजाए, उल्टा जीएसटी को और ज्यादा उलझन वाला बनाया जा रहा है। जिससे व्यापारी बेहद परेशान हो रहे है। क्योंकि छोटा व्यापारी इतनी ज्यादा जीएसटी की जटिल प्रक्रियाओं को पूरा ही नहीं कर पाएगा और धीरे-धीरे खत्म होता जाएगा।


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