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    सिख उम्मीदवार को राजस्थान सिविल जज भर्ती परीक्षा में नहीं मिला प्रवेश, अकाल तख्त के जत्थेदार ने जताया विरोध

    Updated: Sun, 27 Jul 2025 12:48 PM (IST)

    श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने राजस्थान हाईकोर्ट की सिविल जज भर्ती परीक्षा में अमृतधारी सिख उम्मीदवार गुरप्रीत कौर को किरपान के कारण प्रवेश न देने की निंदा की है। उन्होंने इसे संविधान का उल्लंघन बताया और शिरोमणि अकाली दल व एसजीपीसी को भारत व राजस्थान सरकार के समक्ष मामला उठाने का निर्देश दिया।

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    अमृतधारी सिख उम्मीदवार को राजस्थान सिविल जज भर्ती परीक्षा में प्रवेश नहीं मिलने पर विवाद।

    जागरण संवाददाता, अमृतसर। राजस्थान हाईकोर्ट (जोधपुर) की सिविल जज भर्ती परीक्षा में शामिल होने गई अमृतधारी सिख उम्मीदवार गुरप्रीत कौर, निवासी फेलोके जिला तरनतारन को किरपान पहनने के कारण प्रवेश न देने की सख्त निंदा की गई है।

    श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने इसे भारतीय संविधान का उल्लंघन और सिखों के विरुद्ध भेदभाव करार दिया।

    उन्होंने कहा कि धारा 25 (1) में स्पष्ट है कि किरपान सिख धर्म के धार्मिक प्रतीकों में शामिल है, फिर भी न्यायिक प्रणाली से जुड़े भर्ती संस्थान सिख पहचान का अपमान कर रहे हैं।

    जत्थेदार ने शिरोमणि अकाली दल और एसजीपीसी को निर्देश दिया कि वे मिलकर एक संयुक्त उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल बनाएं और भारत सरकार व राजस्थान सरकार के समक्ष यह मामला तत्काल प्रभाव से उठाएं। साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सिख चेयरमैन सरदार इकबाल सिंह लालपुरा से भी मांग की कि वे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मुलाकात करके इस मुद्दे को हल करवाएं और उसकी संपूर्ण रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब को भेजें।

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    आज जब गुरु तेग बहादुर साहिब जी का 350वां शहादत दिवस मनाया जा रहा है, सरकारें धार्मिक आयोजन करवा रही हैं, लेकिन उन्हीं के सिखों की पहचान को अपमानित किया जा रहा है। बार-बार सिखों को उनकी धार्मिक पहचान और आस्था के कारण जानबूझ कर परेशान करना अब बर्दाश्त से बाहर है।

    यह सुनिश्चित किया जाए कि आगे से किसी भी अमृतधारी सिख उम्मीदवार को प्रवेश से रोका न जाए। यदि देश में सिख पहचान और धार्मिक आस्थाओं को इसी तरह चुनौती दी जाती रही, तो परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं।

    राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन सरदार इकबाल सिंह लालपुरा ने भी पुष्टि की कि आयोग पहले ही आदेश जारी कर चुका है कि अमृतधारी सिख उम्मीदवारों को मुकाबला परीक्षाओं में किरपान सहित प्रवेश का अधिकार है, और वे यह ताजा मामला भी राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के समक्ष उठाएंगे।