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    रेडक्रास के हाथ से फिसली जन औषधि, अब रोगी कल्याण समिति चलाएगी

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 12 May 2022 06:06 AM (IST)

    देश के प्रथम जन औषधि केंद्र पर जड़ा ताला जल्द खुल जाएगा।

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    रेडक्रास के हाथ से फिसली जन औषधि, अब रोगी कल्याण समिति चलाएगी

    नितिन धीमान, अमृतसर : देश के प्रथम जन औषधि केंद्र पर जड़ा ताला जल्द खुल जाएगा। जन औषधि केंद्र को रोगी कल्याण समिति संचालित करेगी। समिति के सदस्यों को जेनेरिक दवाओं की खरीद, दवाओं की उपलब्धता, स्टाफ की नियुक्ति का अधिकार होगा। जिला प्रशासन ने रेडक्रास द्वारा संचालित जन औषधि केंद्र को रोगी कल्याण समिति के हवाले करने का निर्णय लिया है। बुधवार को जिला प्रशासनिक कांप्लेक्स में विधायक डा. इंद्रबीर सिंह निज्जर व एडीसी सुरिदर की अगुआई में रोगी कल्याण समिति के कुछ सदस्यों व एसएमओ के साथ बैठक में जन औषधि केंद्र पर अंतिम फैसला किया गया।

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    दरअसल, 2008 में अमृतसर के सिविल अस्पताल में खुली देश के पहली जन औषधि केंद्र पर जुलाई 2021 में ताला जड़ दिया गया था। तब यह केंद्र रेडक्रास द्वारा संचालित किया जाता था। आरोप था कि केंद्र में कार्यरत कर्मचारी जेनेरिक दवाओं की आड़ में ब्रांडेड दवाएं बेच रहा था। सिविल अस्पताल के एसएमओ डा. चंद्रमोहन व अप्लेमिक आफिसर राकेश शर्मा ने बाथरूम से ब्रांडेड दवाओं का जखीरा बरामद किया था। जानकारी मिलने के बाद प्रशासन सभी कर्मचारियों को नौकरी से हटाया और जन औषधि केंद्र बंद कर दिया गया था। दैनिक जागरण ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। इसका अनुकूल प्रभाव सामने आया है।

    एडीसी सुरिदर सिंह ने कहा कि अक्टूबर 2021 में डिप्टी कमिश्नर ने जन औषधि का संचालन रोगी कल्याण समिति को देने पर सहमति व्यक्त की थी। हालांकि रेडक्रास भी इसका संचालन चाहती थी, लेकिन अब रोगी कल्याण समिति को यह अधिकार दिया जा रहा है।

    चार फार्मासिस्ट व एक कंप्यूटर आपरेटर होंगे तैनात

    एडीसी ने एसएमओ से कहा कि रोगी कल्याण समिति यह सुनिश्चित करे कि जन औषधि केंद्र में स्टाफ नियुक्त किया जाए। एसएमओ डा. राजू चौहान ने कहा कि हम पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन को इस बारे में पत्र लिख रहे हैं। एमडी की स्वीकृति आते ही चार फार्मासिस्ट व एक कंप्यूटर आपरेटर रखा जाएगा। यह भी सुनिश्चित होगा कि पुराने कर्मचारियों को न रखा जाए।

    हर महीने जन औषधि का आडिट होगा

    जन औषधि को भ्रष्टाचार से बचाने के लिए प्रतिमाह मानीटरिग व आडिट होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की डिप्टी मेडिकल कमिश्नर गुरमीत कौर का अकाउंट आफिसर दवाओं की उपलब्धता, बेची गईं दवाओं व पैसों का हिसाब-किताब लेगा। यह रिपोर्ट अस्पताल प्रशासन को सौंपी जाएगी, ताकि भ्रष्टाचार की गुंजाइश न रहे। पुरानों को नहीं मिलेगी जगह, नए कर्मचारी होंगे नियुक्त

    चार फार्मासिसट व एक कंप्यूटर आपरेटर रखे जाएंगे। पुराने कर्मचारियों को नहीं रखा जाएगा। इसकी आडिट डीएमसी का अकाउंट आफिसर अकाउंटेंट करेगा और रिपोर्ट सौंपेंगा सिविल सर्जन, एमडी व डीएमसी को सौंपेंगे। अकाउंट की बाकायदा जांच होी, ताकि भ्रष्टाचार की गुजाइंश न रहे। रोगी कल्याण समिति के 17 सदस्य करेंगे निगरानी

    जन औषधि संचालन के लिए रोगी कल्याण समिति के 17 सदस्यों को आदेश जारी किए गए हैं। बता दें कि रोगी कल्याण समिति एक ऐसी संस्था है जो सिविल अस्पताल में सुधार, लोगों की शिकायतों, सुझाव पर अमल करती है। निजी स्टोर से भी खरीदी जा सकती हैं जेनेरिक दवाएं

    वैसे तो जन औषधि केंद्र में सरकार द्वारा जेनेरिक दवाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं, पर किसी कारणवश स्टाक खत्म होने पर रोगी कल्याण समिति अपने स्तर पर दवाओं की खरीद करेगी। इसके लिए रोगी कल्याण समिति के तत्वावधान में परचेज कमेटी भी बनाई गई। परचेज कमेटी में दोनों एसएमओ डा. चंद्रमोहन, डा. राजू चौहान, एक डाक्टर वरुण, रोगी कल्याण समिति की सदस्या माला चावला व दो सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है। परचेज कमेटी शहर के निजी मेडिकल स्टोर से करार करेंगे। अस्पताल प्रशासन के पास हैं साढ़े सात लाख

    केंद्र को संचालित करने के लिए अस्पताल प्रशासन कायाकल्प प्रोजेक्ट के तहत इनाम के रूप में जीती साढ़े सात लाख की राशि खर्च करेगा। इससे अलमारी, रैक, एयरकंडीशनर, कंप्यूटर व अन्य जरूरी सामान खरीदा जाएगा।

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