बिना टैक्स तथा ओवरलोड करने वाले 18 चालकों के चालन काटे
मुख्यमंत्री भगवंत मान जहां एक्शन मोड में हैं वहीं उनके मंत्री भी जांच कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, अमृतसर :
मुख्यमंत्री भगवंत मान जहां एक्शन मोड में हैं, वहीं उनके मंत्री भी जमीनी स्तर पर उतर कर काम कर रहे हैं। वीरवार की रात ट्रांसपोर्ट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने अमृतसर-जालंधर जीटी रोड और बल्ला बाइपास पर नाका लगाकर वाहनों की जांच की। इस दौरान 18 वाहनों के चालान काटे गए और उन्हें जुर्माना भी किया गया। इनमें बस, ट्रक और तूड़ी से भरे वाहन के अलावा ओवरलोड वाहन थे। किसी ने टैक्स नहीं भर रखा था तो किसी के कागजात पूरे नहीं थे। ट्रांसपोर्ट मंत्री ने चेतावनी दी है कि उनकी तरफ से यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। आरटीए सेक्रेटरी अर्शदीप सिंह लुबाना ने बताया कि रात एक बजे तक कार्रवाई जारी रही। इसके अलावा कुछ टूरिस्ट बसों के कागजात और टैक्सों की कमी के कारण चालान किए गए। उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्ट मंत्री लगातार जांच पड़ताल में खुद शामिल हो रहे हैं, वह जब भी अमृतसर आते हैं तो नाके की खुद अगुआई करके वाहनों की जांच करते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट मंत्री का संदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि किसी भी वाहन को यातायात नियमों का उल्लंघन करके चलने की इजाजत नहीं दी जा सकती। खास करके जिससे जान-माल का खतरा पैदा होता हो। उन्होंने कहा कि भारी वाहन जब क्षमता से अधिक भार लेकर चलते हैं तो इससे जहां सड़के टूटती हैं वहीं ऐसे वाहनों को चलाते वक्त काबू में रखना मुश्किल होता है। कई बार अधिक भार के कारण ब्रेक नहीं लगती और कई बार भार अधिक होने के कारण टायर फट जाते हैं, जिससे हादसे होते हैं। उन्होंने बताया कि हर एक ओवरलोड ट्रक को 20 हजार रुपये जुर्माना किया जा रहा है और इसके अलावा जितना लोड अधिक है, उस लोड के पीछे हर एक टन के पीछे दो हजार रुपये जुर्माना किया जाएगा। अर्शदीप सिंह ने ट्रांसपोर्ट मालिकों से अपील की कि वह अपने ट्रकों के कागजात, टैक्स आदि पूरे करें, वहीं किसी भी वाहन को ओवरलोड न चलाएं।
बिना नंबर चल रहे ई रिक्शा पर सख्ती, एक सप्ताह में रजिस्ट्रेशन करवाने के निर्देश शहर की सड़कों पर बिना नंबर के दौड़ रहे ई रिक्शा बिल्कुल गैर कानूनी हैं और इन्हें आम वाहनों की तरह विभाग के पास दर्ज करवाना और उक्त मिला हुआ नंबर वाहन पर लगाना जरूरी है। आरटीए सेक्रेटरी अर्शदीप सिंह लुबाना ने ई रिक्शा बेचने वाले डीलरों से शुक्रवार को बैठक की और उन्हें हिदायत की कि उक्त रिक्शा की रजिस्ट्रेशन दूसरे डीलरों की तरह उनकी ओर से की जानी जरूरी है। इसलिए हर एक डीलर अपना ट्रेड सर्टिफिकेट बनाए और वाहन की आइडी दर्ज करवाए। इसके पश्चात वह हर एक बेचे जाने वाले ई-रिक्शा को विभाग के पास आनलाइन दर्ज करवाए और वहां प्राप्त हुए रजिस्ट्रेशन नंबर को ई-रिक्शा पर लगाए। उन्होंने उक्त दस्तावेज की पूर्ती के लिए सभी डीलरों को एक सप्ताह का समय देते हुए कहा कि अगले शुक्रवार के बाद अगर किसी डीलर ने बिना नंबर लगाए ई-रिक्शा बेचे तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी ई रिक्शा मालिकों को भी स्पष्ट किया कि वह अपने वाहनों के नंबर लें और उन्हें अपने वाहनों पर लगाकर ही शहर की सड़को पर लाएं।
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