किरण बेदी की कामयाबी के पीछे थी पति बृज की तपस्या
किरण बेदी की कामयाबी में पति बृज बेदी का बड़ा योगदान था। किरण को अागे बढ़ाने आैर सफलता की बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए बृज बेदी ने हर संभव प्रयास किया और तपस्या की। उन्होंने उनके लिए खाना बनाया, उनके जूते पालिश किए और यहां तक की पैर भी दबाए।
अमृतसर, [नितिन धीमान]। वैसे तो हर इंसान की सफलता के पीछे एक महिला का समर्पण भाव माना गया है, लेकिन देश की प्रथम महिला आइपीएस किरण बेदी की सफलता के लिए उनके पति बृज बेदी ने कड़ा तप किया। बृज बेदी अकसर कहते थे कि वह किरण को उस मुकाम पर देखना चाहते हैं जहां वह लोगों को समानता व न्याय प्रदान कर सके। कैंसर से जूझते हुए बृज का रविवार को निधन हो गया।
किरण बेदी को शिखर तक पहुंचाने के लिए किया कड़ा तप
समसामयिक विषयों पर बेबाक टिप्पणी करने वाले बृज बेदी का जन्म अमृतसर में हुआ। वह हुकम सिंह रोड के समीप रहते थे। फोकल प्वाइंट में फैक्टरी चलाकर जहां उन्होंने लोगों के लिए रोजगार का सृजन किया, वहीं अमृतसर के मकबूलपुरा क्षेत्र में सिटीजन विद्या मंदिर स्कूल खोलकर आर्थिक रूप से अक्षम परिवारों के बच्चों को शिक्षा की लौ दिखाई। इनमें से अधिकतर बच्चे नशे शिकार थे। बृज बेदी ने शहर की टै्रफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए भी बेहतरीन कार्य किया। वह शहर की सड़कों पर निकलकर लोगों को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाते और इनका पालन करने के लिए प्रेरित करते।
टेनिस क्लब में किरण के करीब आए थे बेदी
किरण बेदी टेनिस की बेहतरीन खिलाड़ी रहीं। अमृतसर में पढ़ाई के दौरान ही किरण एशियन चैंपियन बनीं। बृज बेदी भी टेनिस खेलते थे। क्लब में ही उनकी करीबियां बढ़ीं। उम्र में दस साल बड़े बृज बेदी के पारिवारिक सदस्य उनकी सगाई किसी और लड़की से करना चाहते थे, लेकिन ऐन मौके पर यह रिश्ता टूट गया। यह सब जानते हुए भी किरण ने बृज से कहा, मैं तुमसे शादी कर लूंगी। मुझे तुम्हारे जैसा समझदार पति चाहिए।
किरण के जूते पॉलिश किए और पैर भी दबाए
1972 में किरण और बृज बेदी परिणय सूत्र में बंधे। उस समय किरण अमृतसर के खालसा कॉलेज में लेक्चरर थीं। शादी के कुछ महीनों बाद ही किरण आइपीएस की ट्रेनिंग के लिए चली गईं। दिल्ली में पोस्टिंग के बाद किरण के अभिभावक भी उनके साथ चले गए। बृज बेदी ने एक बार कहा था कि किरण हमेशा दूसरों से अलग कुछ करना चाहती हैं। मैंने उन्हें कभी रोका भी नहीं। मैंने उनके लिए कई बार खाना बनाया, जूते पॉलिश किए। वह थक कर घर लौटतीं तो पैर भी दबाए।
किरण बेदी और बृज बेदी की शादी के बाद की तस्वीर।
एक बार बृज बेदी ले कहा था, 'जब हमारी शादी हुई थी तो मुझे मालूम था कि मैं एक घरेलू महिला से शादी नहीं कर रहा हूं। किरण दिल्ली में व्यस्त हो गई। मैं 14 वर्ष तक लगातार सप्ताहांत में दिल्ली जाता रहा।' बृज बेदी का मानना था कि किरण बेदी यदि सीएम बनतीं तो निश्चित रूप से दिल्ली की दशा व दिशा बदल देंगी।
कैंसर से जूझते हुए आखिरी वक्त में थे अकेलेपन का शिकार
कैंसर से जूझ रहे बृज बेदी इन दिनों काफी बेचैन थे। अमृतसर स्थित घर में अकेले रहते थे। अपने करीबियों से कहते थे मैं अकेला हूं। अकेलापन अच्छा नहीं लगता। बृज की हालत बिगडऩे पर उन्हें गुडग़ांव के मेदांता अस्पताल में लाया गया। यहां पत्नी से मिलकर उनकी बेचैनी कम हुई। रविवार को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। किरण और बृज की एक बेटी है साइना बेदी। साइना अपनी मां का एनजीओ देखती हैं और अपना प्रोडक्शन हाउस चलाती हैं। वह कई एनजीओ का संचालन करती हैं।
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