पांच विकार के कारण दुख से ग्रस्त होता है मानव : अशोक
समाज सेवक अशोक कपूर लंगर वालों ने सुमिरन के दौरान कहा कि दुख मानव जीवन का अभिन्न अंग है और पांच विकारों के कारण दुख मनुष्य जीवन में आते हैं।

संवाद सहयोगी, अमृतसर : समाज सेवक अशोक कपूर लंगर वालों ने सुमिरन के दौरान कहा कि दुख मानव जीवन का अभिन्न अंग है और पांच विकारों के कारण दुख मनुष्य जीवन में आते हैं। यह पांच विकार हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार। यदि प्राणी इन विकारों से मुक्ति पा लेता है तो दुख मनुष्य के जीवन छू भी नहीं सकते हैं। लेकिन इन विकारों से मुक्ति पाना असंभव होता है। इन विकारों से मुक्ति पाने के लिए संसार से नाता तोड़ना होगा। जैसा अनेक विभूतियों ने किया है। परंतु आम इंसान के लिए यह संभव इसलिए नहीं है। क्योंकि लोग संसार को त्यागना नहीं चाहते हैं। आम धारणा है कि पांच विकार छोड़ने से संसार छूट जाएगा। इससे अच्छा है दुख सहते रहकर संसार में बने रहना। दुख से मुक्ति का उपाय है। लेकिन इस उपाय को कोई विरला ही अपनाता है। शेष दुख को नियति मानकर जीवन भर का उठाते हैं।
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